आईआरएनएसएस-1एच

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आईआरएनएसएस-1एच
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आईआरएनएसएस-1एच,1ए, 1बी, 1सी, 1डी,1ई, 1एफ़1जी के बाद आठवां भारतीय नौवहन (नेविगेशन) उपग्रह है। यह उपग्रह आईआरएनएसएस सीरीज़ का उपग्रह है, जो भारतीय क्षेत्र में नेविगेशन सेवायें प्रदान करने के लिए छोड़ा गया था। वजन के कारण सैटलाइट की रफ्तार में एक किलोमीटर/ सेकंड की कमी आ गई जिस कारण यह विफल रहा। इसरो सैटलाइट सेंटर के पूर्व डायरेक्टर एसके शिवकुमार ने बताया कि लॉन्च वीइकल अपने डिजाइन के अनुसार एक टन ज्यादा वजन लेकर जा रहा था जिसके कारण हीट शील्ड इससे अलग नहीं हो पाया। इस कारण रॉकेट की गति भी प्रभावित हुई।[२]

विशेषताएं

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पहली बार निजी कंपनियों के सहयोग से बने अपने किसी उपग्रह (सेटेलाइट) को लॉन्‍च करने जा रहा था।[३]इस सैटलाइट को बनाने में बेंगलुरु बेस्ड अल्फा डिजाइन टेक्नॉलजिज की अगुआई में प्राइवेट कंपनियों का 25 प्रतिशत योगदान है। इन कंपनियों ने इसरो के वैज्ञानिकों की देखरेख में सैटलाइट के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई है।[४]


प्रक्षेपण (लॉन्च)

इसे शाम करीब सात बजे, श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इसे पीएसएलवी-सी 39 रॉकेट की मदद से छोड़ा गया। यह इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का आठवां उपग्रह है और यह आईआरएनएसएस-1ए की जगह लेगा, जिसकी परमाणु घड़ियों ने काम करना बंद कर दिया है।[३] आईआरएनएसएस-1ए को 2013 में लॉन्च किया गया था। इस सैटलाइट की 3 परमाणु घड़ियों के काम बंद कर देने के बाद आईआरएनएसएस-1एच को लॉन्च करने की आवश्यकता हुई। परमाणु घड़ियों को सही-सही लोकेशनल डेटा उपलब्ध कराने के लिए लगाया गया था और इन्हें यूरोपियन एयरोस्पेस निर्माता ऑस्ट्रियम से खरीदा गया था।[४]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. मिशन असफल: एक टन अतिरिक्त वजन के वजह से विफल रहा इसरो का IRNSS-1H स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। - हिंदुस्तान टाइम्स - 2 अगस्त 2017
  3. इसरो का IRNSS 1H सेटेलाइट आज लॉन्‍च होने का तैयार, जानिए क्‍यों है खास स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। - दैनिक जागरण -31 अगस्त 2017
  4. ISRO का नैविगेशन सैटलाइट IRNSS-1H आज होगा लॉन्च, नए युग की होगी शुरुआत! स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। - नवभारत टाइम्स - 31 अगस्त 2017

बाहरी कड़ियां