आइसोसायनिक अम्ल

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साँचा:chembox आइसोसायनिक अम्ल (Isocyanic acid) एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र HNCO है। इसको सन् १८३० में वोलर (Wohler) और लीबिग ने ज्ञात किया था।[१] यह रंगहीन, वाष्पशील तथा विषैला पदार्थ है। इसका क्वथनांक 23.5 °C होता है।

इसके निर्माण की सबसे सरल विधि इसके बहुलकीकृत रूप सायन्यूरिक अम्ल (cyanuric acid) को कार्बन डाईऑक्साइड की उपस्थिति में आसवन करके तथा इससे प्राप्त वाष्पों को हिमकारी मिश्रण (freezing mixture) में संघनित करके इकट्ठा करने की है। यह बहुत ही तीव्र वाष्पशील द्रव पदार्थ है जो ० डिग्री सेल्सियस से नीचे ही स्थायी रहता है तथा इसकी अम्लीय अभिक्रिया काफी तीव्र होती है। इसमें ऐसीटिक अम्ल की सी गंध होती है। ० डिग्री सेल्सियस पर यह बहुलकीकृत होकर सायन्यूरिक अम्ल (CNOH)2 बनाता है। हाइड्रोसायनिक अम्ल या मरक्यूरिक सायनाइड पर क्लोरीन की अभिक्रिया से सायनोजन क्लोराइड (CN Cl) बनता है जो वाष्पशील विषैला द्रव है और जहरीली गैस के रूप में प्रयुक्त होता है।

HCNO के दो चलावयवीय (tautomeric) रूप होते हैं।

H-O-C≡N (सायनिक अम्ल या हाइड्रोजन सायनेट)
O = C = N-H (आइसोसायनिक अम्ल)


सामान्य रूप का ऐस्टर नहीं मिलता परंतु आइसोसायनेट के ऐस्टर ऐल्किल हैलाइड पर सिलवर सायनेट की अभिक्रिया से प्राप्त होते हैं।

R-X + AgN = C = O --> R- N = C = O + AgX

इनमें एथिल आइसोसायनेट (C2 H5 N C O) प्रमुख है और बड़े काम का है।

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें