अल मुघीरा इब्न शुबा
Al-Mughira ibn Shu'ba al-Thaqafi | |
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कार्यकाल 642–645 | |
राजा | उमर (साँचा:reign) |
पूर्वा धिकारी | Sa'd ibn Abi Waqqas |
उत्तरा धिकारी | Sa'd ibn Abi Waqqas |
Umayyad governor of Kufa
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कार्यकाल 661–671 | |
राजा | मुआविया प्रथम |
उत्तरा धिकारी | Ziyad ibn Abihi |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
बच्चे | Urwa Al-Mutarrif Hamza |
साँचा:center |
अबू अब्द अल्लाह अल मुघीरा इब्न शुबा इब्न अबी आमिर इब्न मसूद अल Thaqafi c.( 600 -671) इस्लाम धर्म के संस्थापक हज़रत मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम के करीबी साथियों में से थे। आप बनू सकीफ कबीले से ताल्लुक़ रखते थे। 5 हिजरी में ताइफ़[१] से मदीना में इस्लाम लाये और उसके बाद यहीं रहने लगे।
आप हज़रत उमर बिन खत्ताब के भी बहुत वफ़ादार थे।
प्रारम्भिक जीवन
अल-मुघीरा इब्न शुबा इब्न आमिर के बेटे थे और ताइफ़ के बनू सकीफ कबीले से थे। उनका क़बीला बहुत से अरबी मशरिक़ देहातों में से एक था। जो इस्लाम से पहले [२] बुतों की पूजा किया करता था। अल-मुघीरा के चाचा उरवा इब्न मसूद थे, जो हज़रत मुहम्मद सo के साथी थे। आपको खैबर की जंग, फ़तह मक्का, गजवा ए तबूक में शामिल होने का मौक़ा मिला। आपका क़बीला 9 हिजरी में मुसलमान हुआ। इस्लाम क़बूल करने के बाद भी कबीले के लोगों को बुत लात से बहुत ख़ौफ़ था, जिसकी वो पहले पूजा किया करते थे चुनांचे जब हुजूरे अकरम सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अल-मुघीरा को बुत नष्ट करने का हुक्म दिया तो उन्होंने मंदिर में जाकर ना सिर्फ़ बुत को तहस नहस किया बल्कि मंदिर को भी ढहा दिया और उसकी बुनियादें तक खोद डालीं।
ख़लीफ़ाओं की सेवा
जब हुज़ूर मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम की वफ़ात हो गयी तब सारी ज़िम्मेदारियाँ हज़रत अबू बक़्र रजिo (632-634) पर आ गयीं। हज़रत अबू बक़्र सिद्दीक की ख़िलाफ़त में अल-मुघीरा इब्न शुबा ने मुसैलिमा[३] के ख़िलाफ़ जंग में हिस्सा लिया और अहद फ़ारूक़ी में ईरान के ख़िलाफ़ जंग कदिसिया में मुसलमानों के सफ़ीर के फ़रायज बहुत जर्रात से सर अंजाम दिए और जंग में हिस्सा भी लिया। अगस्त 636, यर्मोक की जंग में उनकी एक आँख की रौशनी चली गयी।
अहद फ़ारूक़ी के दौर में, कूफ़ा और बहरीन के गवर्नर पद पर इनकी नियुक्ति की गयी।
निधन
अल-मुघीरा इब्न शुबा की 70 साल की उमर में प्लेग बीमारी की वजह से वफ़ात हो गयी। इतिहासकार अल वाकिदि और अल मदानी के अनुसार अल मुघीरा इब्न शुबा की वफ़ात अगस्त या सितम्बर 670 में हुई।