अरावली
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अरावली पर्वतमाला | |
पर्वतमाला | |
अरावली पर्वतमाला
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देश | भारत, पाकिस्तान |
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राज्य | राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, पंजाब (पाकिस्तान), सिंध (पाकिस्तान) |
नगर | माउण्ट आबू,सिरोही |
नदियां | बनास,[खमनौर पहाड़ी(राजसमंद)], लूनी[नागपहाड़,(अजमेर)], Sakhi [सूकड़ी,(पाली में अरावली से], साबरमती[कोटड़ा पहाड़ी,(उदयपुर)
River4 = [खारी] [बिजरावल पहाड़ी,(राजसमंद) |
उच्चतम बिंदु | गुरू शिखर |
- ऊँचाई | १,७२२ मी. (५,६५० फीट) |
- निर्देशांक | साँचा:coord |
अरावली भारत के पश्चिमी भाग राजस्थान में स्थित एक पर्वतमाला है। जिसे राजस्थान में आडावाला पर्वत के नाम से भी जाना जाता है,भारत की भौगोलिक संरचना में अरावली प्राचीनतम पर्वत श्रेणी है,जो गोडवाना लेंड का अस्तित्व है। यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थान को उत्तर से दक्षिण दो भागों में बांटती है। इसकी उत्पत्ति प्रिकेंबियन युग (45000 लाख वर्ष ) में हुई।। अरावली का सर्वोच्च पर्वत शिखर सिरोही जिले में गुरुशिखर (1722 /1727 मी.) है, जो माउंट आबू(सिरोही) में है। अरावली पर्वतमाला के आस - पास सदियों से भील जनजाति निवास करती रही है।
अरावली पर्वत श्रंखला की अनुमानित आयु 570 मिलियन वर्ष है यह एक अवशिष्ट पर्वत का उदाहरण है जिसकी कुल लम्बाई गुजरात से दिल्ली तक लगभग 692 किलीमीटर है, अरावली पर्वत श्रंखला का लगभग 79.49% विस्तार राजस्थान में है, दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन रायसीना की पहाड़ी पर बना हुआ है जो अरावली पर्वत श्रंखला का ही भाग है, अरावली की औसत ऊंचाई 930मीटर(एनसीआरटी के अनुसार 1000 मीटर) है,तथा अरावली के दक्षिण की ऊंचाई व चौड़ाई सर्वाधिक है, अरावली या अर्वली उत्तर भारतीय पर्वतमाला है। राजस्थान राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र से गुज़रती 550 किलोमीटर लम्बी इस पर्वतमाला की कुछ चट्टानी पहाड़ियाँ दिल्ली के दक्षिण हिस्से तक चली गई हैं। शिखरों एवं कटकों की श्रृखलाएँ, जिनका फैलाव 10 से 100 किलोमीटर है, सामान्यत: 300 से 900 मीटर ऊँची हैं। यह पर्वतमाला, दो भागों में विभाजित है- सांभर-सिरोही पर्वतमाला- जिसमें माउण्ट आबू के गुरु शिखर (अरावली पर्वतमाला का शिखर, ऊँचाई (1,722 मीटर ) में और (5649.606 फ़ीट ) सहित अधिकतर ऊँचे पर्वत हैं। सांभर-खेतरी पर्वतमाला- जिसमें तीन विच्छिन्न कटकीय क्षेत्र आते हैं। अरावली पर्वतमाला प्राकृतिक संसाधनों (एवं खनिज़) से परिपूर्ण है और पश्चिमी मरुस्थल के विस्तार को रोकने का कार्य करती है। अरावली पर्वत का पश्चिमी भाग मारवाड़ एवं पूर्वी भाग मेवाड़ कहलाता है। यहां अनेक प्रमुख नदियों- बनास, लूनी, साखी एवं साबरमती का उदगम स्थल है। इस पर्वतमाला में केवल दक्षिणी क्षेत्र में सघन वन हैं, अन्यथा अधिकांश क्षेत्रों में यह विरल, रेतीली एवं पथरीली (गुलाबी रंग के स्फ़टिक) है।
अरावली पर्वत की विशेषताएं
1. अरावली प्राचीनतम वलित पर्वतमाला है।
2. अरावली पर्वतमाला को महान भारतीय जल विभाजक रेखा कहा जाता है।
3. आग्नेय / प्राथमिक / ग्रेनाइट चट्टाने अरावली में पाई जाती है।
4. यहां पर्वतीय मृदा (लाल मृदा) की प्रधानता है।
5. यह वन संपदा / वन्य जीव की दृष्टि से संपन्न है।
अरावली की अन्य उच्च चोटियां:-
1 गुरु शिखर - सिरोही (1722 m) (दत्तात्रेय ऋषि का 5m ऊँचा मन्दिर है जिसे जोड़ने के बाद लम्बाई 1727m मानी जाती है।
2 सेर - सिरोही (1597m)
3 दिलवाडा - सिरोही( इसे हाल ही में जोड़ा गया है, इसी पर्वत पर प्रसिद्ध जैन मंदिर स्थित हैं). (1442m)
4 जरगा - उदयपुर. (1431m)
5 अचलगढ - सिरोही (1380m)
6 आबू पर्वत -सिरोही (1295m)
7 कुम्भलगढ़-राजसमंद (1224m)
8 जेलिया डूंगर -उदयपुर (1166m)
9 धोनिया - सिरोही (1183m)
10 जयराज की पहाड़ी -सिरोही -(1090m)
11 रघुनाथगढ- सीकर -(1055 m) (उतरी अरावली का सर्वोच्च शिखर)
12 लोहार्गल-झुंझनु -(1051m)
13 ऋषिकेश-सिरोही-(1017m)
14 कमलनाथ- उदयपुर-(1001m)
15 सज्जनगढ़- उदयपुर-(938m)
16 मोरामजी/टॉडगढ़/गोरमजी (934m) मध्य अरावली का सर्वोच्च शिखर
17 खो - जयपुर- (920m)
18 सांभर - जयपुर-(900m)
19 तारागढ - अजमेर- (873 m)
20 भैरोच -अलवर -(792 m)
20 बिलाली - अलवर (775m)
21 रोजा भाकर - जालौर (730m)
22 भेराच - अलवर, तोशाम -हरियाणा। दुल्हेड़ी-हरियाणा।
राजस्थान :_ अरावली मुख्य रूप से राजस्थान में फैली हुई है। यह राजस्थान के मुख्यत: 7(अधिकतम-13) जिलों में फैली है।
- इस क्षेत्र की प्रमुख दर्रे निम्न है-
(1) उदयपुर-
केवड़ा की नाल,ढेबर नाल, फूलवारी नाल,हाथी नाल
(2) राजसमंद-
हाथी गुडा़ नाल, सोमेश्वर नाल,कमली/कामली घाट, गोरमघाट,पगल्या घाट (राजसमंद-पाली)
(3) अजमेर-
परवेरिया/परवारिया,सूरा नाल
(4) पाली-
देसूरी,बर दर्रा(पाली-अजमेर)