अनूप झील

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
एक अनूप झील

अनूप अथवा लैगून किसी विस्तृत जलस्रोत जैसे समुद्र या महासागर के किनारे पर बनने वाला एक उथला जल क्षेत्र होता है जो किसी पतली स्थलीय पेटी या अवरोध (रोध, रोधिका, भित्ति आदि) द्वारा सागर से अंशतः अथवा पूर्णतः अलग होता है। इसका निर्माण अधिकांशतः अपतट रोधिका, रोध, प्रवालभित्ति अथवा प्रवाल वलय द्वारा तटवर्ती जल को मुख्य सागर से पृथक् कर देने से होता है। कई बार नदियों के मुहाने पर समुद्र की धाराएँ या पवनें बालू मिट्टी के टीले बनाकर जल के क्षेत्र को समुद्र से अलग कर देती हैं। किसी खाड़ी या लघु निवेशिका के सम्मुख पंक, रेत, बजरी आदि के निक्षेप से जब किसी रोधिका या रोध का निर्माण होता है, सागर तट और रोधिका या रोध के मध्य उथला सागरीय जल बन्द हो जाता है तथा लैगून बनता है। इसी प्रकार तटीय प्रवाल भित्ति, अवरोधक भित्ति अथवा प्रवाल वलय से घिरा समुद्री जल लैगून बनाता है।

भारत के पूर्वी तट पर उड़ीसा की चिल्का और नेल्लोर की पुलीकट झीलें, गोदावरी और कृष्णा नदी के डेल्टाओं में कोलेरू झील (आन्ध्र प्रदेश) इसी प्रकार वनी हैं। भारत के पश्चिमी तट पर केरल राज्य में भी असंख्य अनूप या कयाल पाये जाते हैं।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:asbox