अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

जिस प्रकार सामान्य विज्ञान का व्यावहारिक पक्ष 'अनुप्रयुक्त विज्ञान' है, उसी प्रकार भाषाविज्ञान का व्यावहारिक पक्ष अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान (Applied linguistics) है। भाषासंबंधी मौलिक नियमों के विचार की नींव पर ही अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की इमारत खड़ी होती है। संक्षेप में, इसका संबंध व्यावहारिक क्षेत्रों में भाषाविज्ञान के अध्ययन के उपयोग से है।

उपयोग

भाषाविज्ञान का सर्वाधिक उपयोग भाषाशिक्षण के क्षेत्र में किया जा रहा है। भाषा देशी हो या विदेशी, स्वयं सीखनी हो या दूसरों को सिखानी हो, सभी कार्यो के लिये भाषाविज्ञान का ज्ञान उपयोगी होता है। इस भाषाशिक्षण के अंतर्गत वास्तविक शिक्षण पद्धति और पाठ्य पुस्तकों की रचना, दोनों ही सम्मिलित हैं। इस कार्य के लिये तुलनात्मक वर्णनात्मक-भाषाविज्ञान और शब्दावली-अध्ययन से भरपूर सहायता मिल सकती है। विदेशी छात्रों को अँग्रजी, फ्रांसीसी, रूसी आदि भाषाओं की शिक्षा देने के लिए इंग्लैड, अमरीका, फ्रांस और रूस आदि देशों में व्यापक अनुसंधानकार्य हो रहा है।

आशु लिपि की व्यवस्थित पद्धति के निर्माण में शब्दावली अध्ययन की बड़ी उपादेयता है। टाइपराइटर के कीबोर्ड की क्रम-व्यवस्था में भी भाषाविज्ञान का ज्ञान आवश्यक है।

आज के युग में भाषाविज्ञान का महत्व इसलिये भी बढ़ रहा है कि उसका उपयोग भाषाशिक्षण के अतिरिक्त स्वचालित या यांत्रिक अनुवाद (automatic or machine translation) के क्षेत्र में भी बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो रहा है। एक भाषा के सूचनापरक तथा वैज्ञानिक साहित्य का दूसी भाषा में मानव मस्तिष्क के अनुरूप ही इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों (परिकलन यंत्रों) की सहायता से अनुवाद कर देना दिन-प्रति-दिन अधिकाधिक संभव होता जा रहा है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ