अनुकूली नियंत्रण

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मॉडल सन्दर्भ अनुकूली नियंत्रक (MRAC) का ब्लाक आरेख

अनुकूली नियन्त्रण (Adaptive control), नियंत्रण की वह विधि है जिसमें नियंत्रक (controller) के प्राचल (पैरामीटरस) नियत नहीं होते बल्कि जिस तंत्र को नियंत्रित करना है, उसके बदलने पर बदलते रहते हैं ताकि अच्छा नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकते। उदाहरण के लिये, उड़ने के बाद विमान का भार क्रमशः कम होता जाता है (ईंधन की खपत के कारण)। अतः इसके लिये यदि अनुकूली नियन्त्रक डिजाइन किया जाय तो वह अपने अन्दर ऐसा परिवर्तन करता जायेगा कि विमान के भार के कम होने से भी वांछित नियन्त्रण होता रहे।

अनुकूली नियंतक, रोबस्ट नियंत्रक (robust controller) से भिन्न है। रोबस्ट नियन्त्रक अपने को बदलता नहीं है, फिर भी डिजाइन के समय उसके प्राचल इस प्रकार निर्धारित किये गये होते हैं कि नियन्त्रित की जाने वाली प्रणाली में एक पूर्वनिर्धारित सीमा तक परिवर्तन होने के बावजूद भी नियन्त्रण 'ठीक' रहता है। अनुकूली नियंत्रक में 'कन्ट्रोल का नियम' ही बदल दिया जाता है या बदलता रहता है।

ऑटो-ट्यूनिंग कन्ट्रोलर या सेल्फ-ट्युनिंग कन्ट्रोलर एक प्रकार का अनुकूली नियंत्रक ही है।

प्राचल का अनुमान लगाना

अनुकूली नियंत्रक का कार्य प्राचल आकलन (पैरामीतर एस्टिमेशन) पर आधारित होता है। इसके लिये कई विधियाँ हैं जिनमें रिकर्सिव लीस्ट स्क्वायर्स विधि (recursive least squares) तथा प्रवणता उतार (gradient descent) विधि।

विभिन्न प्रकार अनुकूली नियंत्रक

अनुकूली नियन्त्रण फीडफॉर्वर्ड के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है और फीडबैक के माध्यम से भी। अनुकुली नियंत्रकों कि निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है-

  • द्वैत अनुकूली नियन्त्रक (Dual Adaptive Controllers) - ये द्वैत नियंत्रण सिद्धान्त (Dual control theory) पर आधारित होते हैं।
    • Optimal Dual Controllers [difficult to design]
    • Suboptimal Dual Controllers
  • अद्वैत अनुकूली नियंत्रक (Nondual Adaptive Controllers)
    • Adaptive Pole Placement
    • Extremum Seeking Controllers
    • Iterative learning control
    • लब्धि नियोजन (Gain scheduling)
    • Model Reference Adaptive Controllers (MRACs) [incorporate a reference model defining desired closed loop performance]
      MIAC
      • Gradient Optimization MRACs [use local rule for adjusting params when performance differs from reference. Ex.: "MIT rule".]
      • Stability Optimized MRACs
    • Model Identification Adaptive Controllers (MIACs) [perform System identification while the system is running]
      • Cautious Adaptive Controllers [use current SI to modify control law, allowing for SI uncertainty]
      • Certainty Equivalent Adaptive Controllers [take current SI to be the true system, assume no uncertainty]
        • Nonparametric Adaptive Controllers
        • Parametric Adaptive Controllers
          • Explicit Parameter Adaptive Controllers
          • Implicit Parameter Adaptive Controllers

वैकल्पिक नियन्त्रण विधियाँ

जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है, ठोस नियंत्रण (रोबस्ट कन्ट्रोल) भी उस स्थिति में उपयोगी है जब नियन्त्रित प्रणाली के प्राचल बदल रहे हों।