अनटचेबल

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अनटचेबल  
चित्र:Untouchable Cover.jpg
Title Cover
लेखक मुल्क राज आनन्द 
देश भारत
भाषा अंग्रेज़ी
प्रकार नावल
प्रकाशन तिथि 1935
मीडिया प्रकार Print
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-14-018395-5
ओ॰सी॰एल॰सी॰ क्र॰ 22686185
उत्तरवर्ती Coolie

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अनटचेबल (अछूत ) 1935 में प्रकाशित मुल्क राज आनंद का उपन्यास है। इस उपन्यास ने आनंद को भारत के प्रमुख अंग्रेजी लेखकों में से एक के रूप में स्थापित किया।[१] इस पुस्तक की प्रेरना था उसकी चाची का अनुभव था जब वह एक मुस्लिम महिला के साथ भोजन कर चुकी थी और उसके परिवार द्वारा उसे निर्वासित माना जाता था।[२][३] आनंद की इस पहली किताब की कहानी, जाति व्यवस्था को खत्म करने के तर्क के गिर्द घूमती है। [४] यह एक युवा "स्वीपर" बाखा के जीवन में एक दिन को दर्शाता है, जो शौचालयों की सफाई के अपने काम के कारण "अछूत" है। 

कथानक सारांश

काल्पनिक भारतीय शहर बुलंदशहर में सेट, अनटचेबल, बाखा नाम के एक युवा भारतीय सफाई कर्मचारी के जीवन में एक दिन है। बुलशाह के सभी सफाईकर्मियों के प्रमुख लाखा का बेटा बाखा बुद्धिमान है, लेकिन भोला, विनम्र लेकिन अभिमानी है। बाखा के दिन के दौरान कई प्रमुख और छोटी दुर्घटनाएं उत्पन्न होती हैं, जिससे वह परिपक्व हो जाता है और अपने भीतर की ओर निगाह डालता है। उपन्यास के अंत में लेखक, लेखक मुलिक राज आनंद ने अस्पृश्यता के अंत को अहम मामला बना दिया है कि यह अमानवीय, अन्यायपूर्ण दमनकारी व्यवस्था है। उस ने बाखा का और युवक की दुनिया के लोगों का अपने तर्क को बनाने के लिए इस्तेमाल किया है।

सन्दर्भ

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