अजीत अंजुम
अजीत अंजुम | |
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स्टूडियो में अजीत अंजुम | |
जन्म |
7 April 1969 बेगूसराय, बिहार, भारत |
शिक्षा | बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर |
व्यवसाय | न्यूज एंकर, लेखक एवं संपादक |
कार्यकाल | 1988–अब तक |
जीवनसाथी | गीताश्री, साहित्यकार और रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार |
पुरस्कार | रामनाथ गोयनका पुरस्कार, 2010 |
अजीत अंजुम वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक हैं। अजीत अंजुम न्यूज़ 24 और इंडिया टीवी समाचार चैनलों के प्रबंध संपादक का दायित्व संभाल चुके हैं।[१]पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को लेकर उन्हें रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। [२]
जीवन परिचय
अजीत अंजुम का जन्म 7 अप्रैल 1969 को बिहार के बेगूसराय जिले में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा बेगूसराय और दरभंगा में हासिल करने के पश्चात इन्होंने बिहार विश्वविद्यालय से संबद्ध लंगट सिंह महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर से ग्रेजुएशन किया। अजीत अंजुम के पिता रामसागर प्रसाद सिंह बिहार न्यायिक सेवा से संबद्ध थे और पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए।[३]अजीत ने पत्रकारिता की शुरुआत मुजफ्फरपुर में अध्ययन के दौरान ही कर दी थी। पाटलिपुत्र टाइम्स के लिए मुफस्सिल संवाददाता के रुप में लेख लिखते हुए इन्होंने अपना नाम 'अजीत कुमार' से बदलकर अजीत अंजुम कर लिया। पटना में फ्रीलांसिग करते हुए अजीत ने मुंबई और दिल्ली से प्रकाशित होने वाले धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, दिनमान और रविवार में लिखते हुए अपनी कलम को धार दी। अजीत सन् 1989 में पत्रकारिता में नई जमीन की तलाश में दिल्ली आ गए और लंबे संघर्ष के पश्चात 'अमर उजाला' में डेस्क पर इनको नियुक्ति मिल गई। बाद में 'चौथी दुनिया' में काम करते हुए अजीत के लेख जनसत्ता में भी छपने लगे।[४]
1994 में अजीत अंजुम प्रिंट मीडिया को अलविदा कहकर अनुराधा प्रसाद की कंपनी 'बीएजी फिल्म्स' से जुड़ गए जहां उन्हें राजीव शुक्ला के चर्चित टॉक शो 'रूबरू' के निर्देशन की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने अपने करियर का सबसे लंबा वक्त 'बीएजी फिल्म्स' में ही बिताया। इस दौरान उन्होंने दर्जनों शो प्रोड्यूस किए। एक साल के लिए अजीत अंजुम बतौर सीनियर प्रोड्यूसर 'आजतक' में रहे लेकिन फिर 'बीएजी फिल्म्स' वापस लौट आए। साल 2007 में अजीत अंजुम के निर्देशन में ही 'न्यूज़ 24' समाचार चैनल शुरू हुआ।[५]अजीत लंबे समय तक न्यूज 24 के प्रबंध संपादक रहे जिसके बाद उन्होंने 'इंडिया टीवी' को अपनी सेवाएं दी।[६] मुज़फ़्फ़रपुर में स्नातक के दौरान, अजीत अंजुम ने लिखने और पढ़ने में रुचि लेना शुरू किया, उस समय उनका नाम अजीत कुमार था लेकिन यह नाम बहुत ही सामान्य था इसी कारण उन्होंने अपना नाम अजीत कुमार से बदलकर अजीत अंजुम रख लिया।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां
'बीएजी फिल्म्स' के लिए काम करते हुए अजीत अंजुम ने स्टार न्यूज के लिए 'सनसनी ', 'रेड अलर्ट ' और 'पोल खोल ' जैसे शो प्रोड्यूस किए । वर्ष 2010 में बिहार में आई भयावह बाढ़ पर रिपोर्टिंग के लिए अजीत अंजुम को पत्रकारिता के सबसे प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अजीत अंजुम ने बिहार में बाढ़ को लेकर न्यूज़ 24 पर 'राहत लेकर चलो बिहार' के नाम से एक मुहिम चलाई। किसी भी मीडिया संस्थान द्वारा चलाई गई यह पहली इस तरह की मुहिम थी। इस अभियान का ही ये नतीजा था कि बाढ़ राहत के दौरान सैकड़ों ट्रक राहत सामग्री बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाई गई।[७] अजीत अंजुम की उपलब्धियों को देखते हुए 'फेम इंडिया' मैगजीन ने साल 2016 के अपने सर्वे में उन्हें बिहार के 50 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में जगह दी।[८]
पुरस्कार एवं सम्मान
- रामनाथ गोयनका पुरस्कार, 2010[९]
- दुष्यंत स्मृति सम्मान, 2017[१०]
बाहरी कड़ियां
- अजीत अंजुम वो संघर्षमय दिन
- अजीत अंजुम यादों के झरोखे से
सन्दर्भ
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