अजित जैन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
अजित जैन
[[Image:साँचा:wikidata|225px]]
हस्ताक्षर
[[Image:साँचा:wikidata|128px]]

अजित जैन (अजित जैन)(जन्म 23 जुलाई 1951, उड़ीसा भारत में), पेशे से एक व्यापारी है, जिन्हें मौजूदा समय में बर्कशायर हैथवे[१] में कई तरह के पुनर्बीमा से सम्बन्धित कारोबारों के प्रमुख वॉरेन बफेट का संभावित उत्तराधिकारी माना गया है।[२]

बफेट के न रहने पर बर्कशायर में उनके कारोबार में जैन के संभावित प्रतिद्वंद्वियों में प्रमुख मिडअमेरिकन एनर्जी होल्डिंग्स कंपनी के अध्यक्ष डेविड सुकोल; और बर्कशायर हैथवे के GEICO Corp. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी नाइसली हैं।[३]

बफेट के करीबी

स्टैमफोर्ड में काम कर रहे जैन बफेट के घनिष्ठ संपर्क में रहें हैं।

बर्कशायर में बफेट ने शेयरधारकों को कंपनी के रिपोर्टों के साथ भेजे पत्र में अक्सर जैन की तारीफ की हैं।[३]

  • 2002 में उन्होंने लिखा "अजित 1986 में जब से हमारे साथ जुड़े, तब से उनके द्वारा तैयार की गई लगभग हर एक नीति का ब्यौरा मैंने देखा है।.. भले ही घाटा पूरी तरह समाप्त नहीं तो नहीं हुआ; लेकिन उनके असाधारण अनुशासन ने मूर्खतापूर्ण नुकसान को जरुर रोका. और सफलता यही मूलमंत्र है कि तेज तर्रार निर्णय लेनें के बजाए मुख्य रूप से बेवकूफाना फैसले से बचने पर ही बीमा कंपनियां लम्बी अवधि के बेहतरीन नतीजे दे सकती हैं, यह कुछ-कुछ निवेश जैसा मामला है।"[४]
  • 2003 में उन्होंने लिखा : "बर्कशायर में उनकी अहमियत की अतिरंजना असंभव है।"
  • 2004 में वे लिखते हैं : "बर्कशायर में अजित का बहुत बड़ा महत्व है।"
  • 2005 में : बफेट ने उन्हें "एक असाधारण प्रबंधक" बताया। [५]
  • 2008 में: "1986 में अजित बर्कशायर आये. बहुत जल्द ही मुझे महसूस हुआ कि हमने एक असाधारण प्रतिभा को प्राप्त कर लिया हैं। सो मैंने स्वाभाविक रूप से नई दिल्ली में उसके माता पिता को लिखा कर पूछा कि उनके घर में उस जैसा और भी कोई हो तो उसे भेजें. हालांकि लिखने से पहले ही मुझे जवाब पता था। अजित जैसा दूसरा कोई नहीं.

प्रारम्भिक जीवन

अजित जैन का बचपन भारत के तटवर्तीय राज्य उड़ीसा में बीता .उन्होंने 1972 में इंडियन इंस्टीट्युट ऑफ़ टेक्नोलॉजी खड़गपुर IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग में स्नातक उपाधि प्राप्त की. उनके सहपाठी रोनोजय दत्ता के अनुसार, अपनी पढ़ाई को उन्होंने बहुत गंभीरता से नहीं लिया था। पढ़ाई के बजाय वे अक्सर रात-रात भर घंटों अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और वियतनाम युद्ध पर बहस किया करते थे। एक अन्य सहपाठी विजय त्रेहन ने जैन और दत्ता को "मैकेनिकल इंजीनियरिंग की कक्षा का जोकर" बताया। लेकिन उनके बाद के करियर को देखते हुए त्रेहन ने कहा, "इससे सबक मिलता है कि 'जीवन को बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना' से ही निश्चित रूप से उनके आगे बढने का रास्ता तैयार हुआ।"[३]

कैरियर

जैन ने भारत में 1973 से 1976 तक IBM के लिए काम किया, उसके बाद उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से 1978 में MBA किया। फिर वे मैकिन्से एंड कंपनी से जुड़ गए, लेकिन 1980 के दशक के प्रारंभ में भारत लौट आए। लगभग एक महीने के प्रेम संबन्ध के बाद, उन्होंने अपने माता-पिता द्वारा तय की गयी लड़की से शादी की। उसके बाद वे फिर मैकिन्से के लिए काम करने संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। राबर्ट पी. माइल्स की पुस्तक द वॉरेन बफेट CEO : सीक्रेट फ्राम बर्कशायर हैथवे मैनेजर्स में लिखा है कि जैन अमेरिका नहीं लौटते, लेकिन उनकी पत्नी टिंकू जैन को वहां जाना चाहती थी। 1986 में उन्होंने मैकिन्से छोड़ दिया और बफेट के लिए बीमा का काम करने लगे। उनके अनुसार उस समय वे बीमा के कारोबार के बारे में कुछ खास नहीं जानते थे।[३]

अधिक जानकारी के लिए पढें

  • माइल्स, राबर्ट पी., " द वॉरेन बफेट CEO : सीक्रेटस फ्राम बर्कशायर हैथवे मैनेजर्स" जॉन विले एंड संस Inc., 2003.

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. साँचा:cite newsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
  3. साँचा:cite news
  4. साँचा:cite web
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।