व्लाडिस्लाव रेमांट

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>EatchaBot द्वारा परिवर्तित २०:३४, ७ मार्च २०२० का अवतरण (बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

व्लाडिस्लाॅ स्टेनिस्लाॅ रेमाॅन्ट (Wladyslaw Stanislaw Remont) [1867-1925] पोलैंड के उपन्यासकार थे।[१] 1924 ई० में साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता।

व्लाडिस्लाव रेमांट
जन्मसाँचा:br separated entries
मृत्युसाँचा:br separated entries
मृत्यु स्थान/समाधिसाँचा:br separated entries

साँचा:template otherसाँचा:main other

जीवन-परिचय

व्लाडिस्लाॅ स्टेनिस्लाॅ रेमाॅन्ट का जन्म 7 मई 1868 को हुआ था। उनका परिवार मध्यवित्त श्रेणी का था। उनके पिता एक चक्की के मालिक थे और कोबियाला वीलका (जो उन दिनों रूसी पोलैंड में था) में रहते थे।[२] रेमाॅन्ट खेती और पशुपालन में घरवालों की सहायता भी करते थे और गाँव के स्कूल में पढ़ने भी जाते थे। इस प्रकार उनका आरंभिक जीवन चरवाहों और गांव के खिलाड़ी लड़कों के साथ व्यतीत हुआ। वह पशुओं के एक बड़े झुंड को चरेया करते थे। उनके पिता ऑर्गन बजाने में गाँव में सबसे कुशल समझे जाते थे। रेमाॅन्ट हाई स्कूल की व्यायामशाला में भी भर्ती हुए। उन्होंने रूस के इस नियम का कि स्कूल में पोलैंड की भाषा नहीं बोलनी चाहिए, अनेक बार उल्लंघन किया। इसके कारण उन्हें एक बार स्कूल से निकाल भी दिया गया था। स्कूली शिक्षा के बाद वह कुछ दिनों तक एक दुकान में क्लर्क रहे। इसके बाद रेलवे में काम किया और फिर कुछ दिनों पश्चात् टेलीग्राफ का काम सीख कर टेलीग्राफ ऑपरेटर बन गये। कुछ समय तक उन्होंने एक कंपनी में अभिनय का काम भी किया था।[२]

रचनात्मक परिचय

हेनरिक सीन्कीविच के ऐतिहासिक और धार्मिक उपन्यास लिखने के बाद पोलैंड में कोई विख्यात लेखक नहीं हुआ था। रेमाॅन्ट के प्रादुर्भाव ने नयी पीढ़ी का गौरव बढ़ाया और पोलैंड को पुनः संसार के समक्ष मान प्राप्त हुआ।[२] रेमाॅन्ट ने अपने संघर्षपूर्ण जीवन के बहुआयामी अनुभवों को अपनी रचनाओं में उत्तम उपयोग किया है। किसान (पीजेन्ट्स) नामक अपने चार खंडीय बृहद् उपन्यास में उन्होंने प्रेम, घृणा और परिशोध तथा लगातार मदिरा पीने के कारण दासतापूर्ण मानसिक वृत्ति एवं भूस्वामियों का भय आदि का अत्यंत उत्तम ढंग से चित्रण किया। साथ ही यह भी दिखाया कि इन सब के पीछे क्रांति की भावना किस प्रकार सो रही है। इस बृहद ग्रंथ को पोलैंड की लोकोक्तियों का खजाना भी कहा जा सकता है। इसे पोलैंड के महाकाव्य की तरह आदर प्राप्त है।[३]

प्रकाशित पुस्तकें

  • उपन्यास
  1. किसान (इसी का पूर्व भाग 'पतझड़' है; अन्य भाग- 'वसंत', 'ग्रीष्म', 'शरत्')
  2. स्वप्नदर्शी
  3. द कमेडिन एंड लिली
  4. प्रॉमिस्डलैंड

सन्दर्भ

साँचा:navbox साँचा:authority control

  1. हिंदी विश्वकोश, खंड-6, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, संस्करण-1966, पृष्ठ-451.
  2. नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार, राजबहादुर सिंह, राजपाल एंड सन्ज़, नयी दिल्ली, संस्करण-2007, पृ०-100.
  3. नोबेल पुरस्कार कोश, सं०-विश्वमित्र शर्मा, राजपाल एंड सन्ज़, नयी दिल्ली, संस्करण-2002, पृ०-233.