शेल गैस

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Εὐθυμένης द्वारा परिवर्तित ११:५६, १८ नवम्बर २०२१ का अवतरण ((GR) File:EIA World Shale Gas Map.pngFile:EIA World Shale Gas Map-en.svg)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
३८ देशों में स्थित ४८ स्ट्रक्चरल बेसिन जहाँ शेल गैस होने की सम्भवना है (यू एस इनर्जी ऐडमिनिस्ट्रेशन, २०११)

शेल गैस (Shale gas) , अवसादी चट्टानों के मध्य पायी जाती है। भारत में उत्तर पूर्व तथा गोंडवाना चट्टानों में शेल गैस की प्रचुर संभावना विद्यमान है। शैल गैस के उत्खनन के लिए भारत में भारतीय गैस प्राधिकार लिमिटेड को तकनीकी शीर्ष संस्था नियुक्त किया गया है।[१] साँचा:asbox शैल गैस बालू एवं चूना पत्थर जैसी चट्टानों से पैदा होती है। इन पर दबाव पड़ने से शैल गैस बनती है। जोकि तरल प्राकृतिक गैस की तुलना मे अधिक सस्ती होती है। भारत मे दामोदर बेसिन, बंगाल बेसिन, विंध्य बेसिन मे इसकी उपलब्धता भरपूर मात्रा मे है तथा पूर्वोत्तर के राज्यों मे भी इसके भंडार होने की सम्भावना है। रिपोर्टों के अनुसार शैल गैस उत्पादन की इतनी क्षमता है कि यह विस्व की कुल तेल उत्पादन के 12% तक पहुँच सकती है। विगत समय मे यू एस ए में तेल की कीमतों मे गिरावट का कारण, शैल गैस के अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत मे 47 ट्रिलियन क्युबिक फीट (टीएफसी) शैल गैस का भंडार स्थित है। शैल गैस का वृहत्तम् विस्तार गोंडवाना शैलों मे पाया जाता है।

सन्दर्भ

साँचा:reflistभारत मे शेल गैस के संसाधन कैम्बे बेसिन कृष्णा गोदावरी कावेरी बेसिन और विंध्यन बेसिन में पाए गए हैं। शेल गैस मे methen होती है. क्लस्टर बीन्स means ग्वार का उपयोग शेल गैस के निष्कासन मे किया जाता है

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।