आरव
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आरव का अर्थ कोलाहल होता है।
संस्कृत के विद्वान नित्यानंद मिश्रा के अनुसार आरव शब्द का प्रयोग रामायण में बंदरों का चिल्लाना, मक्खियों का भिनभिनाना, पक्षियों का कलरव आदि के लिए हुआ है।