लल्लू बाजपेई

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
2409:4063:4e17:d6d3::540a:df03 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित १३:४६, ३१ जुलाई २०२१ का अवतरण (authentically amended)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

लल्लू बाजपेई एक भारतीय लोक गायक व लोक कलाकार थे। उन्होने न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के कई अलग अलग भागों में भारतीय लोकगीत आल्हा को अपने विशेष गायन शैली से प्रचलित कराया। उनका आल्हा गायन लखनऊ दूरदर्शन के चौपाल कार्यक्रम में अक्सर आया करता था। वे एक ओर तो अपने जोशीले गायन के लिए जाने जाते थे, दूसरी ओर तलवार और मूँछों के लिए। आल्हा गाते हुए वे अपने हाथ में एक तलवार रखते थे और गाते-गाते उसे भाँजते रहते थे। दुबले-पतले शरीर पर खूब बड़ी-बड़ी मूँछें उन्हें एक अलग व्यक्तित्व प्रदान करती थीं।[१]

लल्लू उन्नाव जिले के नारायणदासखेड़ा गाँव के रहने वाले थे, 2 मई 2013 को उनकी मृत्यु हुयी है। उनका असली नाम पं. चन्द्रनाथ था। पर लोग उन्हें लल्लू बाजपेयी नारायण दास खेड़ा के नाम से जानते थे। उन्होने लोक गायकी को एक प्रदर्शनकारी कला के रूप में विख्यात किया है।[२]

सन्दर्भ

साँचा:reflist

बाहरी कड़ियाँ