नय्यारा नूर
नय्यारा नूर | |
---|---|
नय्यारा नूर | |
पृष्ठभूमि की जानकारी | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मूल | पाकिस्तान |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
शैलियां | ग़ज़ल गायन, फ़िल्म पार्श्व गायन |
पार्श्व गायिका | |
वाद्ययंत्र | गायिका |
सक्रिय वर्ष | 1971–2012 |
नय्यारा नूर (ऊर्दू: نیرہ نور ) पाकिस्तानी पार्श्व गायिका हैं। नय्यारा की गिनती न सिर्फ पाकिस्तान में बल्कि समूचे दक्षिण एशिया में लोकप्रिय गायिका के रूप में की जाती है। नय्यारा गायकी के क्षेत्र में मूल रूप से सन् 1071 से लेकर 2012 तक सक्रिय रहीं।
जीवन परिचय
'नय्यारा' का जन्म 1950 में गुवाहाटी, असम में हुआ था। उनके पिता एक व्यवसायी थे और अपने व्यवसाय के सिलसिले में वो अपने परिवार के साथ अमृतसर से आकर असम में बस गए थे।[१] "नय्यारा" के पिता ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे से पहले पाकिस्तान के कायदे आज़म मुहम्मद अली जिन्ना के असम दौरों के दौरान मेजबानी की थी। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद 1957 में नय्यारा अपने भाई-बहनों और मां के साथ भारत से विस्थापित होकर पाकिस्तान के लाहौर में जाकर बस गईं। हालांकि उनके पिता अपने व्यवसाय और चल-अचल संपत्ति को संभालने के लिए 1993 तक भारत (असम) में रहे। बचपन में नय्यारा भजन गायिका कानन देवी और ग़ज़ल गायिका बेगम अख़्तर से प्रभावित रहीं।[१]
नय्यारा ने गायकी में अनुशासनबद्ध तरीके से कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं प्राप्त किया था। गायन के क्षेत्र में उनका आगमन महज इत्तेफाक़ था। सन् 1968 में लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स में वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजिक एक कार्यक्रम में वहां के प्रोफेसर इसरार ने इन्हें गाते सुना और रेडियो पाकिस्तान के कार्यक्रमों के लिए गाने का अनुरोध किया। इसके बाद से नय्यारा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और गायकी के क्षेत्र में जल्द ही स्थापित हो गईं।
गायकी
सन् 1971 में नय्यारा को पाकिस्तानी टेलिविजन पर पहली बार गाने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके बाद उन्होंने फिल्म 'घराना' (1973) और 'तानसेन' से पार्श्व गायन की शुरुआत की।[२] नय्यारा अपने एकल गायन में मंच पर ऊर्दू के शायर ग़ालिब और फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ककी लिखी ग़ज़लों को अपना स्वर दे चुकी हैं। लेकिन गायकी में उन्हें ज्यादा प्रसिद्धी फ़ैज़ की ग़ज़लों से मिली। नय्यारा को उनके स्तरीय गायन के लिए पाकिस्तान में राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में तीन बार स्वर्ण पदक प्राप्त हो चुका है। इसके साथ ही उन्हें फिल्म घराना (1973) के लिए पाकिस्तान के निगार पुरस्कार से भी सम्मानित किया चुका है।[३]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite news
- ↑ Nigar Award for Best Singer in film Gharana (1973) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, janubaba.com website, Retrieved 22 दिसंबर 2017
- ↑ https://www.youtube.com/watch?v=FPwXc_uNFhA स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Nayyara Noor's super-hit ghazal on YouTube, Retrieved 22 दिसंबर 2017