नाड़ीग्रन्थि पुटी

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Ganglion cyst
वर्गीकरण व बाहरी संसाधन
Cyst Profile2.JPG
Cyst on right wrist
आईसीडी-१० M67.4
आईसीडी- 727.4
रोग डाटाबेस 31229
ई-मेडिसिन orthoped/493 
एमईएसएच D045888

नाड़ीग्रन्थि पुटी को बाईबल पुटी भी कहा जाता है। यह एक प्रकार की सूजन है जो हाथ या पैर के जोड़ों और कंडरों के आसपास पाई जाती है। नाड़ीग्रन्थि पुटी का आकार समय के साथ बदल सकता है। यह आम तौर पर कलाई के पिछले भाग या उंगली पर पाई जाती है। "बाईबल बम्प" नाम पुराने जमाने के एक सामान्य उपचार से आता है जिसमें पुटी पर बाईबल या कोई दूसरी भारी चीज बार-बार मारी जाती थी।[१] पुटी फूटने पर इसका इलाज बड़ा मुश्किल है।

कारण

नाड़ीग्रन्थि पुटी अज्ञातहेतुक रूप से होती है, लेकिन ये शायद सामान्य जोड़ या कंडरा आवरण कार्य में बदलाव को लक्षित करती हैं। जोड़ों के पास पुटियां, जोड़ों से जुड़ी होती हैं और सबसे आम धारणा यह है कि एक प्रकार का चेक वाल्व बन जाता है, जो जोड़ों से द्रव बाहर तो जाने देता है, लेकिन उसे वापस अंदर नहीं जाने देता। पुटी में भी वैसा ही द्रव भरा रहता है, लेकिन यह सामान्य स्नेहक द्रव से गाढ़ा होता है। पुटियां आम तौर पर कलाई के जोड़ों के आसपास पाई जाती हैं, खास तौर से मणिबन्ध जोड़ के पास, नाड़ीगन्थि पुटी के कुल मामलों में 80% मामले इसी के होते हैं।

उपचार

कई पुटी कक्षों वाली हाथ की नाड़ीग्रन्थि पुटी, जिसमें चमकीला द्रव भरा रहता है। दीवारें नरम तंतुमय ऊतकों से बनी होती हैं, जिनमें कोई विशेष परत नहीं होती।

यदि जोड़ के कैप्सूल में से रोधी वाल्व निकाल दिया जाए तो शल्य चिकित्सा के बाद, रोग दोबारा होने की दर 5 से 10% तक कम हो जाती है। नाड़ीग्रन्थि पुटी की खुली शल्यक्रिया के बजाय कलाई की आर्थ्रोस्कोपी अब इसका विकल्प बनता जा रहा है।

नाड़ीग्रन्थि पुटी के इलाज के एक पुराने तरीके में किसी भारी किताब के गांठ पर वार किया जाता था, जिससे गांठ फटकर उसका द्रव आसपास के ऊतकों में फैल जाता था। एक शहरी कथा में कहा गया है कि चूंकि सर्वाधिक गरीब घरों तक में बाईबल मिल जाती है, इसलिए नाड़ीग्रन्थि पुटी को आमतौर पर "जिलियन लम्प", "बाईबल बम्प" या "गिडीअन रोग" का उपनाम दिया जाने लगा।[१]

छवि दीर्घा

इन्हें भी देखें

  • गेंग्लियोनियूरोमा
  • त्वचा संबंधी दशाओं की सूची

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ