परावैद्युत

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>रोहित साव27 द्वारा परिवर्तित ०७:३५, १३ जून २०२१ का अवतरण (Mtarch11 (वार्ता) के अवतरण 5145045पर वापस ले जाया गया : Reverted (ट्विंकल))
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
विद्युत क्षेत्र लगाने पर परावैद्युत पदार्थ का ध्रुवण (पोलराइजेशन)

उन कुचालक पदार्थों को परावैद्युत (dielectric) कहते हैं जिनके अन्दर विद्युत क्षेत्र पैदा करने पर (या जिन्हें विद्युत क्षेत्र में रखने पर) वे ध्रुवित हो जाते हैं। कुचालक (इंसुलेटर) से आशय उन सभी पदार्थों से है जिनकी प्रतिरोधकता अधिक (या विद्युत चालकता कम) होती है किन्तु परावैद्युत पदार्थ वे हैं जो कुचालक होने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में ध्रुवण का गुण भी प्रदर्शित करते हैं। किसी पदार्थ के ध्रुवण की मात्रा को उसके परावैद्युत स्थिरांक (dielectric constant) या परावैद्युतांक से मापा जाता है। परावैद्युत पदार्थों का एक प्रमुख उपयोग संधारित्र की प्लेटों के बीच में किया जाता है ताकि समान आकार में अधिक धारिता मिले। पॉलीप्रोपीलीन एक परावैद्युत पदार्थ है।[१]

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

साँचा:reflist

  1. Scaife, Brendan (September 3, 1998). Principles of Dielectrics (Monographs on the Physics & Chemistry of Materials) (2 nd ed.). Oxford University Press. ISBN 978-0198565574.