गुणात्मक अकार्बनिक विश्लेषण

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित १९:०८, १४ जून २०२० का अवतरण (Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:asbox

अकार्बनिक विश्लेषण में अभिकर्मक के रूप में गंधक

गुणात्मक अकार्बनिक विश्लेषण (qualitative inorganic analysis) विश्लेषणात्मक रसायन की एक विधि है जो अकार्बनिक यौगिकों में उपस्थित मूलकों का पता लगाने के लिये है। यह एक गैर-उपकरणीय (नॉन-इंस्ट्रुमेन्टल) विधि है। उपकरणीय विश्लेषण के विकास के कारण इस विधि का व्यावहारिक महत्व नहीं रह गया है। किन्तु अब भी यह प्रमुखता से पढ़ाई/सिखाई जाती है।

इसका मुख्य ध्येय लवणों के जलीय विलयनों में उपस्थित आयनों का पता लगाना है। इसलिये अन्य रूप में मौजूद पदार्थ को पहले जलीय विलयन के रूप में लाना जरूरी हो सकता है तभी मानक विधियाँ काम में लायी जा सकती हैं। इसके बाद उस विलयन को भिन्न-भिन्न अभिकर्मकों द्वारा क्रिया कराया जाता है जिससे रंग में परिवर्तन, ठोस अवक्षेप का निर्माण, या कोई अन्य दृष्टिगोचर परिवर्तन होता है जिससे उचित निष्कर्ष निकाला जाता है।

आधुनिक अकार्बनिक विश्लेषण

उपरोक्त विधि शिक्षण के लिये प्रयुक्त होती है। किन्तु वर्तमान समय में परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी या ICP-एमएस का उपयोग कर एक ही उपकरण द्वारा, रसायन की कम मात्रा का उपयोग करते हुए, जल्दी व सही परिणाम प्राप्त किया जाता है।

अकार्बनिक लवणों के रंग-रूप

क्रमांक लवण (Salt) रंग
1 MnO, MnO2, FeO, CuO, Co3O4, Ni2O3; sulfides of Ag+, Cu+, Cu2+, Fe2+, Co2+, Pb2+, Hg2+ काला
2 Hydrated Cu2+ salts नीला
3 HgO, HgI2, Pb3O4 लाल
4 Cr3+, Cr6+, Ni2+, hydrated Fe2+ salts हरा
5 Hydrated Mn2+ salts हल्का गुलाबी
6 KO2, K2Cr2O7, Sb2S3, ferricyanides नारंगी
7 Hydrated Co2+ salts लाल गुलाबी (reddish Pink)
8 Chromates, AgBr, AgI, PbI2, CdS पीला
9 CdO, Fe2O3, PbO2, CuCrO4 गहरा भूरा (Dark brown)

धनायनों का परिष्करण (Seperation of Cations)

रासायनिक गुणों के आधार पर प्रायः धनायनों को पाँच समूहों में बाँटा जाता है। हर समूह के लिए एक-एक अभिकर्मक (reagent) निर्धारित है जिसका उपयोग करके विलयन से उसे अलग किया जाता है। ध्यान रहे कि अभिकर्मक एक निश्चित क्रम में (समूह के क्रम में) ही मिलाए जाने चाहिए अन्यथा कुछ लवण अगले समूह के लिए निर्धारित अभिकर्मक के द्वारा भी प्रक्षेपित हो जाते हैं जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी। एक समूह को प्रक्षिप्त कर लेने के बाद कुछ विशिष्ट अभिक्रियाएँ कराकर पता किया जाता है कि उस समूह का कौन सा तत्व उपस्थित है।

सन्दर्भ

साँचा:reflist

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ