लग्न भाव

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Orbot1 द्वारा परिवर्तित १५:२७, १५ फ़रवरी २०१३ का अवतरण (Bot: अंगराग परिवर्तन)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

लग्न भाव को प्रथम भाव भी बोला जाता है| यह भाव कुण्ड्ली में सबसे ऊपर मध्य स्थित होता है| यही से कुण्डली के भावों की गणना आरम्भ होती है| ये भाव क्रमश: प्रथम भाव, द्वितीय भाव, तृ्तीय भाव, चतुर्थ भाव, पंचम भाव, षष्ट भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, नवम भाव, दशम भाव, एकादश भाव, द्वादश भाव है| इसमें अगर बालक के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज में कन्या लग्न हो तो कुण्डली कन्या लग्न की कहलाती है|

साँचा:navbox