आईज़ैक असिमोव

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Isaac Asimov
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Isaac Asimov in 1965
जन्मसाँचा:br separated entries
मृत्युसाँचा:br separated entries
मृत्यु स्थान/समाधिसाँचा:br separated entries
व्यवसायNovelist, short story writer, essayist, historian, biochemist, textbook writer, humorist
राष्ट्रीयताRussian/American
विधाScience fiction (hard SF), popular science, mystery fiction, essays, literary criticism
साहित्यिक आन्दोलनGolden Age of Science Fiction
उल्लेखनीय कार्यsthe फ़ाउन्डेशन शृंखला, the Robot Series, Nightfall, The Intelligent Man's Guide to Science, I, Robot, Planets for Man

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आईज़ैक असिमोव (साँचा:lang-ru /ˈzəkˈæz[invalid input: 'ɨ']məv/ साँचा:respellसाँचा:respell; जन्मतः आईज़ैक युडोविच ओज़िमोव, साँचा:lang-ru 2 जनवरी 1920[१] - 6 अप्रैल 1992), एक अमेरिकी लेखक और बोस्टन विश्वविद्यालय में जैव-रसायन (बायोकेमिस्ट्री) के प्रोफेसर थे जिन्हें अपने साइंस फिक्शन से संबंधित कार्यों तथा साइंस की लोकप्रिय किताबों के लिए जाना जाता है। असिमोव, लेखन के क्षेत्र में अब तक सर्वाधिक कार्य करने वाले लेखकों में से एक हैं जिन्होंने 500 से अधिक पुस्तकों तथा अनुमानतः 9000 पत्रों और पोस्टकार्डों को लिखा अथवा सम्पादित किया है।[२] उनके कार्यों को ड्यूवी डेसिमल सिस्टम की दस में से नौ श्रेणियों में प्रकाशित किया जा चुका है (100s: फिलोसोफी एंड साइकोलोजी इसका एकमात्र अपवाद है).[३]

आईज़ैक असिमोव को व्यापक रूप से साइंस-फिक्शन शैली का मास्टर माना जाता है और रॉबर्ट ए. हेईनलीन तथा आर्थर सी. क्लार्क के साथ उनको अपने जीवनकाल में साइंस फिक्शन के "बिग-थ्री (तीन सबसे बड़े)" लेखकों में से एक का दर्जा दिया जाता था।[४] असिमोव का सबसे प्रसिद्द कार्य है "फ़ाउन्डेशन शृंखला";[५] उनकी अन्य प्रमुख सीरिज में शामिल हैं गैलेक्टिक एम्पायर सीरीज तथा रोबोट सीरीज. इन दोनों को उन्होंने बाद में फाउन्डेशन सीरीज के समान ही एक फिक्शनल यूनिवर्स (काल्पनिक ब्रह्माण्ड) के साथ मिलाकर अपनी कहानियों के लिए एक यूनिफाइड "फ्यूचर हिस्ट्री" का निर्माण किया, जो काफी हद तक रॉबर्ट हेईनलीन द्वारा शुरुआत किये गए कार्य तथा पूर्व में कोर्डवाइनर स्मिथ तथा पॉल एंडरसन के निर्माण के समान ही था।[६] उनके द्वारा लिखी गयी अनेकों लघु कथाओं में से एक है "नाईटफॉल" जिसे 1964 में अमेरिका के साइंस फिक्शन लेखकों द्वारा अब तक की सर्वश्रेष्ठ लघु साइंस फिक्शन कहानी के रूप में चुना गया था। इस सम्मान को आज भी कई लोगों द्वारा काफी महत्त्व दिया जाता है। असिमोव ने पॉल फ्रेंच उपनाम (पेन नेम) के तहत 'लकी स्टार सीरीज' नामक बच्चों से संबंधित साइंस फिक्शन उपन्यासों को लिखा भी है।

अत्यंत प्रतिभाशाली असीमोव ने मिस्ट्री तथा फेंटेसी (रहस्यमयी तथा काल्पनिक) के अतिरिक्त गैर-फिक्शन विषयों पर भी काफी कुछ लिखा है। उनकी अधिकतर साइंस पुस्तकें विज्ञान से संबंधित विषयों को ऐतिहासिक तरीके से समझाने के लिए आपको समय में पीछे की ओर ले जाती हैं जब विज्ञान अपने सरलतम स्तर पर था। वे अक्सर अपने द्वारा उल्लिखित वैज्ञानिकों की राष्ट्रीयता, जन्म तिथि, तथा मृत्यु तिथि के साथ साथ तकनीकी शब्दों की उत्पत्ति का इतिहास और उनका उच्चारण भी प्रदान करते हैं। उदाहरणों में शामिल हैं उनकी गाइड टू साइंस, 'अंडरस्टेंडिंग फिजिक्स ' का तीन वॉल्यूम का सेट, असिमोव्स क्रोनोलोजी ऑफ साइंस एंड डिस्कवरी, के साथ साथ एस्ट्रोनोमी (खगोल-विज्ञान), गणित, बाइबल, विलियम शेक्सपियर के कार्य, तथा केमिस्ट्री विषयों पर किये गए उनके अनेकों कार्य.

असिमोव एक लंबे समय तक मेंसा इंटरनेशनल के सदस्य तथा उपाध्यक्ष रहे हैं, यद्यपि काफी अनिच्छा के साथ; उन्होंने उस संगठन के कुछ सदस्यों का वर्णन इस प्रकार किया है, "अपने आईक्यू को लेकर अत्यधिक घमंडी तथा आक्रामक."[७] अमेरिकन ह्यूमनिस्ट एसोसियेशन का अध्यक्ष रहना उनको अधिक पसंद था।[८] मंगल[९]ग्रह के एक क्रेटर 'एस्टेरोइड 5020 ''असिमोव''', 'साइंस फिक्शन' नामक पत्रिका, ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क स्थित एक प्राथमिक विद्यालय, तथा एक आईज़ैक असिमोव साहित्यिक पुरस्कार का नामकरण उनके सम्मान में किया गया है।

जीवन चरित्र (जीवनी)

असिमोव का जन्म 4 अक्टूबर 1919 तथा 2 जनवरी 1920[१] के बीच के किसी दिन बेलोरशियन सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक के पेट्रोविची (सोवियत के समय में यह बस्ती कुछ समय के लिए रशियन एसएफएसआर के माहिलीजो गुबेरनिया के अधीन थी जिसे बाद में आरएसएफएसआर के स्मोलेंस्क ओब्लास्ट को हस्तांतरित कर दिया गया था, जो अब रशिया है) में चक्की चलाने वालों (मिलर्स) के एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम एन्ना राचेल बर्मन तथा जूदा असिमोव था। हिब्रू और ग्रेगोरियन कैलेंडर के बीच के अंतर तथा रिकॉर्डों की कमी की वजह से उनकी सही जन्म तिथि के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। असिमोव स्वयं अपने जन्मदिन को 2 जनवरी को मनाते थे।[१]

परिवार का नाम озимые (ओज़िमिये) से व्युत्पन्न हुआ है जो सर्दियों के अनाज का एक रुसी शब्द है जिसके साथ उनके परदादा का संबंध था और जिसके साथ उनके पारिवारिक नाम का एक सफिक्स (प्रत्यय) जोड़ा गया था। रूसी भाषा में उनका मूल नाम था आईज़ैक ओज़िमोव (रूसी: Исаак Озимов); लेकिन बाद में उन्हें रूस में आइज़्हाक अजिमोव (Айзек Азимов)[१०] के नाम से जाना जाने लगा जो कि अमेरिकी अंग्रेजी उच्चारण का एक रुसी सिरिलिक एडाप्टेशन है। असिमोव के दो छोटे भाई-बहन हैं, एक बहन मार्सिया (जन्म के समय का नाम मान्या;[११] 17 जून 1922 को जन्मीं) और एक भाई स्टेनली (25 जुलाई 1929 को जन्मे).

तीन साल की उम्र में उनका परिवार संयुक्त राज्य अमेरिका में जाकर बस गया। चूँकि उनके माता-पिता उनके साथ हमेशा यिद्दिश था अंग्रेजी भाषा में ही बात करते थे इसलिए वे कभी रुसी भाषा नहीं सीख पाए.[१२] ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क में बड़े होते हुए असिमोव ने पांच वर्ष की उम्र में पढ़ना सीखा और यिद्दिश तथा अंग्रेजी भाषाओँ में अपनी अच्छी पकड़ को बनाये रखा। उनके माता-पिता के पास कई सारे कैंडी स्टोर्स थे और परिवार के प्रत्येक व्यक्ति से उम्मीद की जाती थी कि वे भी वहीं पर काम करेंगे।

शिक्षा और करियर

असिमोव ने साइंस फिक्शन की पल्प मैगजीनों (सस्ती पत्रिकाओं) को काफी बचपन से ही पढ़ना शुरू कर दिया था। उनके पिता सिद्धांततः उनको ऐसी पत्रिकाओं को पढ़ने से रोकते थे क्योंकि उनके विचार में वे घटिया होती थीं, लेकिन असिमोव ने उनको मना लिया कि चूँकि इन पत्रिकाओं के शीर्षक में "साइंस" होता है इसलिए वे शिक्षाप्रद हैं। ग्यारह वर्ष की उम्र के आसपास उन्होंने अपनी कहानियों को लिखना शुरू किया और 19 वर्ष की उम्र तक पहुँचते पहुँचते उन्होंने साइंस फिक्शन के प्रशंसकों की अहमियत को पहचाना और कहानियों को साइंस फिक्शन पत्रिकाओं को बेचना शुरू कर दिया। असिमोव के जीवन पर 'एस्टाउँडिंग साइंस फिक्शन ' के तत्कालीन संपादक जॉन डब्ल्यू कैम्पबेल का सशक्त रचनात्मक प्रभाव पड़ा और अंततः वे उनके करीबी मित्र बन गए।[१३]

असिमोव ने ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क स्थित बॉयेज़ हाई स्कूल सहित न्यूयॉर्क सिटी के अनेकों पब्लिक स्कूलों में शिक्षा ग्रहण की। [१४] वहां से वे दो वर्षों के लिए सेठ लो जूनियर कॉलेज गए और उसके बाद अपनी स्नातकोत्तर की उपाधि को पूर्ण करने के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय गए और 1939 में वहां से ग्रेजुएट हुए. बाद में उन्होंने वहीं से 1948 में बायोकेमिस्ट्री में अपनी पीएचडी भी पूर्ण की। इस दरम्यान उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तीन साल फिलाडेल्फिया नेवी यार्ड के नेवल एयर एक्सपेरिमेंटल स्टेशन में एक गैर-सैन्य पद पर भी काम किया। युद्ध की समाप्ति के बाद उनको अमेरिकी सेना में शामिल कर लिया गया, जहाँ से सम्मान सहित निकलने से पहले उन्होंने लगभग नौ महीनों तक कार्य किया था। अपने संक्षिप्त सैन्य करियर के दौरान अपने टाइपिंग कौशल के आधार पर वे कॉर्पोरल के पद तक पहुंचे और 1946 में बिकिनी एटोल में होने वाले परमाणु परीक्षण का हिस्सा बनने से केवल बाल बाल ही बचे।

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रॉबर्ट ए. हेईनलीन, एल. स्प्रागुए डे कैम्प, तथा आईज़ैक असिमोव, फिलाडेल्फिया नेवी यार्ड, 1944

अपनी डॉक्टर की उपाधि को पूर्ण करने के बाद असिमोव बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की फैकल्टी (संकाय) में शामिल हो गए और तत्पश्चात उसी से जुड़े रहे। [१५] 1958 से उन्होंने अध्यापन कार्य छोड़ दिया और पूरी तरह से लेखन के कार्य में जुट गए (उनकी लेखन से प्राप्त होने वाली आय शैक्षणिक वेतन से पहले ही अधिक हो चुकी थी). विश्वविद्यालय के साथ जुड़े रहने के करना वे एसोशिएट प्रोफ़ेसर बने रहे और 1979 में विश्वविद्यालय ने उनके लेखन के सम्मान में उनको बायोकेमिस्ट्री के पूर्ण प्रोफ़ेसर का दर्जा प्रदान कर दिया। 1965 के बाद के असिमोव के दस्तावेजों को विश्वविद्यालय के मुगार मेमोरियल लाब्रेरी में संग्रहीत किया गया है जिसे उन्होंने क्यूरेटर हॉवर्ड गोटलीब के अनुरोध पर दान में दिया था। इस संग्रह में 464 बक्से हैं जिन्हें 71 मीटर लंबी शेल्फ पर रखा गया है।

निजी जीवन

असिमोव ने 26 जुलाई 1942 को गेरट्रुड ब्लूजर्मन से शादी की। उनके दो बच्चे हुए; डेविड (जन्म, 1951) और रोबिन जोआन (जन्म, 1955). 1970 में अलग होने के बाद 1973 में उनका तलाक हो गया और असिमोव ने उसी वर्ष जैनेट ओ. जेप्सन से शादी कर ली।

असिमोव एक क्लॉस्ट्रोफाइल थे: उन्हें छोटी संकुचित जगहों पर मजा आता था।[१६] अपनी आत्मकथा के तीसरे वॉल्यूम में उन्होंने न्यू यॉर्क सिटी सबवे स्टेशन में एक मैगज़ीन स्टैंड का मालिक बनने की अपनी बचपन की एक इच्छा के बारे में लिखा है, जिसके अंदर बैठकर वे ट्रेनों के शोर को सुनते हुए पढ़ने का मजा ले सकें.[१७]

असिमोव को उड़ने से डर लगता था[१८] और अपने जीवन में वे केवल दो ही बार उड़े थे (एक बार नेवल एयर एक्सपेरिमेंटल स्टेशन में अपने कार्य के दौरान और एक बार 1946 में ओआहू आर्मी बेस से अपने घर लौटते वक्त).[१८] वे लंबी दूरी की यात्रा करने से भी बचते थे, जिसका एक कारण उड़ने के प्रति उनका डर भी था। उनके इस डर की छाप उनके कई फिक्शन कार्यों में भी दिखाई देती है, जैसे कि वेंडेल उर्थ मिस्ट्री स्टोरीज (रहस्यमयी कहानियां) तथा एलिजा बेली वाली रोबोट नॉवेल्स. अपने बाद के वर्षों में उन्हें पता लगा कि क्रूज़ शिप्स पर यात्रा करने में उन्हें मजा आता है और कई मौकों पर वे क्रूज़ "मनोरंजन" का हिस्सा बने और आरएमस क्वीन एलिज़ाबेथ 2 जैसे जहाजों पर साइंस संबंधी विषयों पर भाषण भी दिया। [१८]

असिमोव एक योग्य सार्वजनिक वक्ता भी थे और अक्सर साइंस फिक्शन से संबंधित सम्मेलनों में सभी के साथ दोस्ताना व्यवहार करते हुए आसानी से दिखाई दे जाते थे।[१८] वे पोस्टकार्ड के जरिये धैर्यपूर्वक हजारों प्रश्नों के उत्तर देते थे और ऑटोग्राफ देने में भी उनको मजा आता था। वे मध्यम ऊंचाई, गठीले बदन तथा रोबीली मूछों के स्वामी थे और उनका उच्च्चरण किसी विशिष्ट ब्रुकलिन वासी के समान था। शारीरिक रूप से वे अत्यंत ढीले-ढाले थे। उन्होंने कभी तैरना या साइकिल चलाना नहीं सीखा. हालांकि, बॉस्टन आने के बाद उन्होंने कार चलाना अवश्य सीख लिया। अपनी हास्य पुस्तक 'असिमोव लाफ्स अगेन ' में उन्होंने बॉस्टन में गाड़ी चलाने के अनुभव को "एनार्की ऑन व्हील्स (पहियों पर अराजकता)" के रूप में वर्णित किया है।[१९]

असिमोव की रूचि अनेकों क्षेत्रों में थी। अपने बाद के वर्षों में वे गिल्बर्ट तथा सुलिवान[१८] के कॉमिक ओपेराज के प्रति समर्पित संगठनों तथा वोल्फ पैक[२०] (रेक्स स्टाउट द्वारा लिखित नीरो वोल्फ मिस्ट्रीज के कट्टर प्रशंसकों का एक समूह) में शामिल हुए. उनकी अनेकों लघु कथाओं में गिल्बर्ट तथा सुलिवान का जिक्र आता है।[२१] वे शर्लक होम्स के प्रशंसकों के एक अग्रणी समूह 'बेकर स्ट्रीट इर्रेगुलर्स' के एक प्रमुख सदस्य थे।[१८] वे 'ट्रैप डोर स्पाइडर्स ' नामक ऑल-मेल लिटरेरी बैंकेटिंग क्लब के भी सदस्य थे, जो रहस्यों को हल करने वाले 'ब्लैक विडोअर्स' नामक उनके काल्पनिक समूह की आधारशिला के रूप में कार्य करता था।[२२]

1984 में अमेरिकन ह्यूमनिस्ट एसोशियेशन (एएचए) ने उनको ह्यूमनिस्ट ऑफ दी ईयर का सम्मान दिया। 1985 से लेकर 1992 में अपनी मृत्यु तक वे एएचए के मानद अध्यक्ष बने रहे। उनके बाद यह स्थान उनके मित्र तथा लेखक कर्ट वोनेगुट को प्राप्त हुआ। वे स्टार ट्रेक के निर्माता जीन रोडेनबेरी के भी एक करीबी मित्र थे और उसके निर्माण के दौरान दी गयी अपनी सलाह के कारण उनको स्क्रीन क्रेडिट भी दिया गया Star Trek: The Motion Picture (मुख्यतः, पैरामाउंट पिक्चर्स को इस बात की पुष्टि करना कि रोडेनबेरी के विचार मात्र कोरी कल्पना नहीं बल्कि विज्ञान पर आधारित हैं).

बीमारी और मृत्यु

असिमोव को 1977 में दिल का दौरा पड़ा और 1983 में उनकी ट्रिपल बाईपास सर्जरी की गयी। 6 अप्रैल 1992 को न्यू यॉर्क सिटी में उनका निधन हो गया। उनके भाई ने ह्रदय तथा गुर्दे की विफलता को उनकी मृत्यु का कारण बताया। [२३] वे अपने पीछे अपनी दूसरी पत्नी जैनेट तथा अपनी पहली शादी से होने वाले बच्चों को छोड़ गए। उनकी मृत्यु के दस वर्षों बाद असिमोव की आत्मकथा 'इट्स बीन अ गुड लाइफ ' के जैनेट असिमोव के एडिशन से पता चला उनके ह्रदय तथा गुर्दे की विफलता का कारण एचाईवी संक्रमण था (वह वाइरस जो एड्स रोग का कारक है). अपने बाईपास ऑपरेशन के दौरान प्राप्त होने वाले रक्त के द्वारा वे इसके शिकार बने थे।[२४] जैनेट असिमोव ने इसके उपसंहार में लिखा कि असिमोव इस बात को सार्वजानिक करना चाहते थे लेकिन डॉक्टरों ने उनको इस चेतावनी के साथ चुप रहने के लिए मना लिया कि एड्स विरोधी पूर्वाग्रह उनके परिवार के सदस्यों प्रभावित कर सकता है। असिमोव के परिवार ने उनकी मृत्यु के बाद इस बात को सार्वजनिक करने पर विचार किया, लेकिन आर्थर ऐश द्वारा अपने एड्स संक्रमण (उन्हें भी यह संक्रमण हार्ट सर्जरी के दौरान मिलने वाले रक्त के कारण हुआ था) की घोषणा किये जाने से उत्पन्न होने वाले विवाद के कारण वे शांत ही रहे। दस वर्ष पश्चात असिमोव के अधिकांश डॉक्टरों की मृत्यु हो जाने के बाद जैनेट तथा रोबिन असिमोव एड्स की बात को सार्वजानिक किये जाने के लिए सहमत हो गए।[२५]

विचार

आईज़ैक असिमोव एक मानवतावादी तथा बुद्धिजीवी व्यक्ति थे। उन्होंने दूसरों की धार्मिक आस्थाओं का विरोध नहीं किया, लेकिन वास्तविक विज्ञान की आड़ में व्याप्त अंधविश्वासों तथा गैर-वैज्ञानिक आस्थाओं के खिलाफ वे हमेशा आवाज उठाते रहे। बचपन में उनके माता-पिता रूढ़िवादी यहूदी परम्पराओं को मानते थे (हालांकि वे उतने कठोर नहीं थे जितना पेट्रोविची में थे) और उन्होंने अपनी आस्थाओं को कभी भी युवा आईज़ैक पर थोपने की कोशिश नहीं की। इस प्रकार वे किसी सशक्त धार्मिक प्रभाव के बिना ही बड़े हुए और यह मानने लगे कि टोरा हिब्रू विश्वासों (माइथोलोजी) का उसी प्रकार प्रतिनिधित्व करता है जिस प्रकार इलियड ग्रीक विश्वासों का. कुछ काल के लिए उनके पिता ने स्थानीय पूजास्थल पर कार्य किया ताकि आसपास के परिचित स्थानों का आनंद लिया जा सके और वे पूज्य ग्रंथों में निपुण "एक विद्वान की भांति प्रसिद्द हो सकें". इसने, बाद में उनके द्वारा 'असिमोव्स गाइड टू दी बाइबल' को लिखने तथा प्रकाशित करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो नए तथा पुराने दोनों टेस्टामेंट्स की ऐतिहासिक उत्पत्ति से संबंधित एक विश्लेषण है। असिमोव कई वर्षों तक स्वयं को एक नास्तिक कहते रहे; वे इस शब्द को अपर्याप्त मानते थे क्योंकि यह उनके द्वारा की जाने वाली चीजों की अपेक्षा उनके द्वारा न की जाने वाली चीजों का वर्णन करता है। आखिरकार, उन्होंने स्वयं को "मानवतावादी" कहा क्योंकि यह उनके विचार में अधिक उपयुक्त शब्द था। हालांकि वे जातीयता के आधार पर अपनी पहचान यहूदी के रूप में करते रहे। उन्होंने जैक डैन के यहूदी साइंस फिक्शन संकलन 'वैनडरिंग स्टार्स' के परिचय में लिखा, "मैं न तो किसी सर्विस में जाता हूँ और न ही किसी कर्म-कांड का पालन करता हूँ और न ही मेरा कभी 'बार मित्ज्वा' नामक तारुण्य संस्कार किया गया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं यहूदी हूँ."

अपनी आत्मकथा के अंतिम वॉल्यूम में असिमोव लिखते हैं, "यदि मैं एक नास्तिक नहीं होता तो एक ऐसे भगवान में विश्वास करता जो लोगों की रक्षा, उनके शब्दों की बजाय उनके जीवन की समग्रता के आधार पर करता. मुझे लगता है कि वे उन पाखंडी टीवी उपदेशकों की बजाय एक नेक और ईमानदार नास्तिक को अधिक पसंद करते, जिनके मुंह से तो केवल भगवान, भगवान निकलता है लेकिन उसके सारे कर्म बेईमानी से भरे होते हैं। उसी संस्मरण में वे लिखते हैं कि "नरक उन निराशावादी व्यक्तियों का प्रिय स्वप्न है जो अपने सभी कामों के लिए केवल सर्व-कृपालू भगवान की ओर देखते रहते हैं; वे आगे लिखते हैं कि, यदि मनुष्यों की सरकारें भी क्रूर तथा असामान्य दंड में कमी करने के लिए तैयार हैं तो मृत्यु पश्चात दंड की अवधि भी सीमित क्यों नहीं हो सकती है? असिमोव इस विचार से पूर्णतया असहमत हैं कि मनुष्य को अपनी आस्था या कर्मों की वजह से नरक (अनंत सजा) झेलना पड़ सकता है। उनका दावा है कि यदि मृत्यु पश्चात जीवन या न्याय हेतु रेगिस्तानों का अस्तित्व है, तो सबसे लंबी तथा कठोर सजा के हक़दार वे लोग होंगे जिन्होंने "नरक की खोज करके भगवान को बदनाम करने का काम किया है". जैसा कि उनकी पुस्तकों 'ट्रेजरी ऑफ ह्यूमर', असिमोव लाफ्स अगेन' में उल्लिखित है, वे जुडियो-ईसाई भगवान, शैतान, दी गार्डेन ऑफ इडेन, यरूशलेम, तथा अन्य धार्मिक विषयों पर भी मजाक करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उनका मत था कि विचारों की उत्पत्ति के लिए एक अच्छा मजाक, घंटों की दार्शनिक चर्चा से कहीं अधिक कारगर सिद्ध हो सकता है।

असिमोव न्यू डील के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी के कट्टर समर्थक बन गए थे लेकिन उसके बाद वे राजनीतिक दृष्टि से उदार ही बने रहे। 1960 के दशक के दौरान वे वियतनाम युद्ध के मुखर विरोधी थे और 1970 के प्रारंभ में एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान उन्होंने जॉर्ज मैकगवर्न का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया। वे 1960 के दशक के बाद से कई कट्टरपंथी राजनीतिक कार्यकर्ताओं के "अतार्किक" दृष्टिकोण से काफी नाखुश थे। अपनी आत्मकथा 'इन जॉय स्टिल फेल्ट' के दूसरे वॉल्यूम में असिमोव काउंटरकल्चर की हस्ती एबी हॉफमैन से मुलाकात का जिक्र करते हैं; असिमोव को ऐसा लगा कि 1960 के दशक के काउंटरकल्चर हीरो भावनाओं की लहरों में बह रहे हैं जिसने अंत में उनको "भूतों की सुनसान बस्ती' में अकेला छोड़ दिया है जहाँ से उनका वापस लौट पाना अति दुष्कर है। थ्री माइल आइलैंड के परमाणु संयंत्र की दुर्घटना के बाद भी उनके द्वारा परमाणु शक्ति के नागरिक उपयोग का समर्थन करने के कारण, अपने कुछ उदारवादी साथियों के साथ उनके संबंध खराब हो गए। 'योर्स, आईज़ैक असिमोव' में पुनः-प्रकाशित एक पत्र में वे कहते हैं कि, हालांकि वे भी एक परमाणु रिएक्टर के निकट रहने की बजाय "पूर्णतया सुरक्षित" स्थान पर ही रहना पसंद करेंगे, लेकिन फिर भी वे लव कैनाल स्थित किसी झुग्गी-झोपड़ी या "मिथाइल आइसोसाइनेट उत्पादित करने वाले यूनियन कार्बाइड कारखाने" (भोपाल गैस कांड के संदर्भ में) की अपेक्षा एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट रहना ज्यादा पसंद करेंगे। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में कई अपीलें जारी की जो थॉमस माल्थस तथा पॉल आर. एलरिच जैसे व्यक्तियों के विचारों को दर्शाती हैं। असिमोव, स्वयं को महिला मुक्ति आंदोलन के व्यापक स्तर पर फैलने से पहले से ही नारीवादी मानते रहे हैं; उन्होंने मजाक में कहा कि वे चाहते हैं कि महिलाएं स्वतंत्र हों "क्योंकि उनके द्वारा दोषारोपण किया जाना उन्हें पसंद नहीं है". अधिक गंभीर तर्क देते हुए वे कहते हैं कि महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे जनसंख्या नियंत्रण के साथ काफी नजदीकी से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, उनका मानना था कि आबादी नियंत्रण के मद्देनजर समलैंगिकता तथा उन सभी वयस्क यौन गतिविधियों को "एक नैतिक अधिकार" का दर्जा दिया जाना चाहिए, जिनकी वजह से प्रजनन नहीं होता है।

अपने जीवन के अंतिम वर्षों में असिमोव ने न्यू यॉर्क सिटी में जीवन की गुणवत्ता में कमी के लिए मध्यम वर्ग के उपनगरों की तरफ पलायन करने के कारण कर में होने वाली कमी को दोषी ठहराया. उनकी अंतिम गैर-फिक्शन पुस्तक 'आवर एंग्री अर्थ' (1991, अपने पुराने मित्र तथा साइंस फिक्शन लेखक फ्रेडरिक पोल के साथ सह-लिखित), ग्लोबल वार्मिंग तथा ओज़ोन परत के विनाश जैसे पर्यावरण संकट के मुद्दों के बारे में है।

लेखन

एक नज़र (सिंहावलोकन)

असिमोव के करियर को समय की कई अवधियों में विभाजित किया जा सकता है। उनके शुरुआती करियर में साइंस फिक्शन की भरमार थी। 1939 में उन्होंने लघु कथाओं तथा 1950 में नॉवेल्स को लिखना शुरू किया। यह सिलसिला लगभग 1958 तक चला और 'दी नेकेड सन' के प्रकाशन के साथ लगभग समाप्त हो गया। 1952 में उन्होंने गैर-फिक्शन का प्रकाशन आरंभ किया और 'बायोकेमिस्ट्री तथा ह्यूमन मेटाबोलिज्म' नामक एक कॉलेज स्तर की पुस्तक का सह-लेखन किया। 1957 में सोवियत संघ के द्वारा पहले मानव निर्मित उपग्रह स्पुतनिक के कुछ समय तक परिक्रमा करने के बाद गैर-फिक्शन के क्षेत्र में उनके लेखन में काफी बढ़ोत्तरी आयी (खासकर विज्ञान की लोकप्रिय पुस्तकें) और परिणामस्वरूप साइंस फिक्शन में उनके लेखन की मात्रा घट गयी। अगले 25 वर्षों में उन्होंने केवल 4 साइंस फिक्शन नॉवेल्स को लिखा. 1982 में 'फाउन्डेशन्स एज' के प्रकाशन के साथ उनके साइंस फिक्शन करियर के दूसरे हिस्से का शुभारंभ हुआ। तब से लेकर अपनी मृत्यु तक असिमोव ने अपनी मौजूदा नॉवेल्स के कई सीक्वेल तथा प्रीक्वेल प्रकाशित किये और उनको अपने अनोखे तथा नए अंदाज में मिलाकर एक यूनिफाइड सीरीज (एकीकृत श्रंखला) का निर्माण किया। हालांकि उनके इस एकीकरण में कई विसंगतियां हैं, खासकर उनकी पहले की कहानियों में.

असिमोव का मानना था कि "थ्री लॉज़ ऑफ रोबोटिक्स" तथा 'दी फाउन्डेशन सीरीज' उनके सर्वाधिक चिरकालिक योगदान होंगे ('योर्स, आईज़ैक असिमोव' का पृष्ठ 329 देखें). इसके अलावा ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने उनके साइंस फिक्शन को अंग्रेजी भाषा में पोजिट्रोनिक (एक पूर्णतया काल्पनिक तकनीक), साइकोहिस्ट्री (जिसे ऐतिहासिक प्रेरणाओं के अलग अध्ययन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है), तथा रोबोटिक्स शब्दों का परिचय कराने का श्रेय भी दिया है। असिमोव ने जब 'रोबोटिक्स' शब्द का इस्तेमाल किया तो उन्हें कतई अंदाजा नहीं था कि यह एक मूल शब्द भी हो सकता है; उनका मानना था कि यह मेकेनिक्स तथा हाईड्रौलिक्स जैसे शब्दों के समान ही रोबोट्स का सामान्य एनालोग मात्र है। उनके शब्द साइकोहिस्ट्री के विपरीत, रोबोटिक्स शब्द को असिमोव की मूल परिभाषा के साथ ही तकनीक की मुख्यधारा में प्रयोग किया जाता है। "पोजिट्रोनिक ब्रेंस" के साथ फीचर्ड एंड्रोइड्स असिमोव को इस काल्पनिक टेक्नोलोजी के 'अविष्कार' का पूर्ण श्रेय देते हैं। अंतरिक्ष और समय से संबंधित उनका काल्पनिक लेखन, ब्रायन डब्ल्यू एलडीस, ग्रेगरी बेन्फोर्ड तथा पॉल एंडरसन के समान ही है।

साइंस फिक्शन

असिमोव ने 1929 में पहली बार अपने परिवार के कन्फेक्शनरी स्टोर में बेची जाने वाली साइंस फिक्शन की सस्ती पत्रिकाओं को पढ़ना शुरू किया। वे 1930 के दशक के मध्य में साइंस फिक्शन के प्रशंसकों के संपर्क में आये, विशेषकर उस समूह से जो बाद में फ्यूचूरियंस बना। उन्होंने अपनी पहली साइंस फिक्शन कहानी "कॉस्मिक कॉर्कस्क्रू" को 1937 में लिखना शुरू किया, लेकिन जून 1938 में 'एस्टाउन्डिंग साइंस फिक्शन' के ऑफिस में जाने के बाद मिली प्रेरणा के पश्चात ही वे उसे समाप्त कर पाए. उन्होंने "कॉस्मिक कॉर्कस्क्रू" को 19 जून को समाप्त किया और उसकी कहानी को एस्टाउन्डिंग के संपादक जॉन डब्ल्यू कैम्पबेल को दो दिन बाद निजी तौर पर देकर आये। कैम्पबेल ने "कॉस्मिक कॉर्कस्क्रू" को अस्वीकार कर दिया लेकिन असिमोव को कोशिश करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया और असिमोव ने वैसा ही किया। असिमोव ने अपनी तीसरी कहानी "मरून्ड ऑफ वेस्टा" को अक्टूबर में 'अमेजिंग स्टोरीज' को बेच दिया और यह मार्च 1939 के संस्करण में प्रकाशित की गयी। उन्होंने अपना लेखन जारी रखा और कभी कभार अपनी कहानियों को बेचते भी रहे।

1941 में उन्होंने अपनी 32वीं कहानी "नाईटफौल" को प्रकाशित किया जिसे अब तक की सर्वाधिक प्रसिद्ध कहानी के रूप में वर्णित किया जाता है। 1968 में अमेरिका के साइंस फिक्शन राइटर्स ने "नाईटफॉल" को अब तक लिखी गयी सर्वश्रेष्ठ साइंस फिक्शन कहानी के रूप में चुना। अपनी "नाईटफॉल एंड अदर स्टोरीज" नामक लघु कथा संग्रह में वे लिखते हैं, "'नाईटफॉल' का लेखन मेरे पेशेवर करियर का एक निर्णायक मोड़ था। .. अचानक ही मुझे गंभीरता से लिया जाने लगा और साइंस फिक्शन की दुनिया मेरे अस्तित्व के बारे में जान गयी। समय बीतने के साथ वास्तव में यह स्पष्ट हो गया कि मैंने एक "उत्कृष्ट (क्लासिक)" कहानी को लिखा है।

"नाईटफॉल" सोशल साइंस फिक्शन का एक शुरुआती उदाहरण है। 'सोशल साइंस फिक्शन' शब्द को असिमोव ने 1940 के दशक के एक नए चलन का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया था। असिमोव तथा हेईनलीन इस चलन के अग्रणी लेखकों में से एक थे जिसमे उपकरणों तथा अंतरिक्ष की कहानियों से हटकर मनुष्य की स्थिति के बारे में लिखा गया था।

1941 तक असिमोव ने एस्टाउन्डिंग (इस क्षेत्र की एक अग्रणी पत्रिका) के लिए नियमित रूप से लिखना शुरू कर दिया था। 1943 से लेकर 1949 तक साइंस फिक्शन के क्षेत्र में उनका सारा प्रकाशन एस्टाउन्डिंग के ही माध्यम से हुआ।

1942 में उन्होंने फाउन्डेशन सीरीज की पहली कहानी को प्रकाशित किया जिसमे भविष्य के ब्रह्मांड के एक विशाल अंतरतारकीय साम्राज्य के पतन तथा पुनर्जन्म के बारे में बताया गया है। उनकी फाउन्डेशन ट्रीयोलोजी में तीन कहानियां शामिल है: फाउन्डेशन (1951), फाउन्डेशन एंड एम्पायर (1952), तथा सेकंड फाउन्डेशन (1953). इस ट्रीयोलोजी तथा रोबोट सीरीज को उनका सबसे प्रसिद्ध साइंस फिक्शन कार्य माना जाता है। कई साल बाद प्रशंसकों द्वारा असिमोव पर दबाव डाले जाने की वजह से उन्होंने इस श्रंखला की दो अन्य कहानियों फाउन्डेशन्स एज (1982 तथा फाउन्डेशन एंड अर्थ (1986) को लिखा और उसके बाद प्रिलूड टू फाउन्डेशन (1988) तथा फॉरवर्ड दी फाउन्डेशन (1992) के साथ मूल ट्रीयोलोजी की तरफ दोबारा रुख किया। इस सीरीज में उनकी साइकोहिस्ट्री (फिक्शनल साइंस) के बारे में बताया गया है जिसमे जनसँख्या के बड़े हिस्से के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है।

उन्होंने अपनी पोजिट्रोनिक रोबोट सीरीज (जिनमे से कई को 'आई, रोबोट (1950) में संग्रहीत किया गया है) को भी लगभग उसी समय पर शुरू किया गया था। उनमे रोबोट तथा अन्य बुद्दिमान मशीनों के लिए नैतिकता के कुछ नियमों (देखें, 'थ्री लॉज ऑफ रोबोटिक्स') को तैयार किया है। इन नियमों ने इस विषय के अन्य लेखकों तथा विचारकों को काफी प्रभावित किया है। उनकी ऐसी ही एक लघु कहानी "दी बाईसेन्टिनल मैन" के ऊपर रॉबिन विलियम्स अभिनीत एक फिल्म का निर्माण किया गया है।

वर्ष 2004 की विल स्मिथ अभिनीत फिल्म 'आई, रोबोट', जेफ विंटर की हार्डवायर्ड नामक स्क्रिप्ट पर आधारित है। इसमें असिमोव के विचारों को 'आई, रोबोट' के अधिकार प्राप्त करने के बाद बाद में शामिल किया गया था। यह हार्लन एलीसन की 'आई, रोबोट' स्क्रिप्ट से संबंधित नहीं है। हार्लन ने स्वयं असिमोव के साथ मिलकर अपनी स्क्रिप्ट को तैयार किया था जो असिमोव के मूल संस्करण के भावों को दर्शाती है। असिमोव ने कहा कि एलीसन के स्क्रीनप्ले से "पहली वास्तविक तौर पर वयस्क, जटिल, तथा अच्छी साइंस फिक्शन फिल्म" का निर्माण संभव हो सकेगा। इस स्क्रीनप्ले को 1994 में पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया क्योंकि इसपर आधारित फिल्म बनाने की संभावनाएं कम होती जा रही थीं।

फिल्मों के अलावा उनकी फाउंडेशन और रोबोट कहानियों ने साइंस फिक्शन के अन्य संबंधित कार्यों को भी प्रेरित किया है, जिनमे से कई तो रोजर मैक्ब्राइड एलेन, ग्रेग बीयर, ग्रेगरी बेन्फोर्ड तथा डेविड ब्रिन जैसे प्रसिद्ध और स्थापित लेखकों द्वारा हैं। ऐसा लगता है कि इन कार्यों को असिमोव की विधवा पत्नी जैनेट असिमोव की सहमति तथा कई बार उनके अनुरोध करने पर किया गया है।

1948 में उन्होंने केमिस्ट्री के एक स्पूफ आर्टिकल (मजाकिया लेख) "दी एंडोक्रोनिक प्रोपर्टीज ऑफ रीसब्लीमेटेड थियोटिमोलिन" को भी लिखा. उस समय असिमोव अपने डॉक्टरेट तथा उसके बाद की मौखिक परीक्षा की की तैयारी कर रहे थे। कोलंबिया विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट मूल्यांकन बोर्ड द्वारा प्रतिकूल प्रतिक्रिया किये जाने के डर से असिमोव ने अपने संपादक से अनुरोध किया कि उसे एक छद्म नाम के तहत छापा जाये. हालांकि, प्रकाशक की गलती के कारण यह उनके नाम से ही प्रकाशित हो गया। उसके बाद की मौखिक परीक्षा के दौरान असिमोव अपने से पूछे गए सवालों के कारण काफी चिंतित हो गए। परीक्षा के अंत में एक परीक्षक ने मुस्कुराते हुए उनसे पूछा, "श्री असिमोव, कृपया हमें थियोटिमोलिन कम्पाउंड के थर्मोडाइनामिक गुणों के बारे में कुछ बताएं". यह सुनकर असिमोव सकपका गए और उन्हें कमरे के बाहर भेज दिया गया। लगभग 20 मिनट तक इंतजार करने के बाद उन्हें परीक्षा कक्ष में वापस बुलाया गया और "डॉ॰ असिमोव" के रूप में संबोधित करते हुए बधाई दी गयी।

1949 में पुस्तक प्रकाशक डबलडे के साइंस फिक्शन संपादक वॉल्टर आई। ब्रेडबरी ने असिमोव के अप्रकाशित नॉवेलेट (लघु-उपन्यास) "ग्रो ओल्ड एलोंग विद में" को प्रकाशन हेतु स्वीकार कर लिया और अनुरोध किया कि इसे बढ़ाकर 70,000 शब्दों की एक पूर्ण नॉवेल कर दिया जाये. यह पुस्तक जनवरी 1950 में डबलडे प्रकाशन के तहत 'पेबल इन दी स्काई' शीर्षक के साथ बाजार में आयी। डबलडे कंपनी ने 1950 के दशक में असिमोव के पांच अन्य मूल साइंस फिक्शन उपन्यासों के साथ साथ बच्चों की छह 'लकी स्टार' उपन्यासों ("पॉल फ्रेंच" के छद्म नाम के तहत) को भी छापा. डबलडे ने 1955 में 'दी मार्शियन वे' तथा 'अदर स्टोरीज' से शुरुआत करके असिमोव की लघु-कथाओं के संग्रह को भी छापा. 1950 के दशक की शुरुआत में ग्नोम प्रेस कंपनी ने असिमोव के पोजिट्रोनिक रोबोट सीरीज के एक संग्रह को 'आई, रोबोट' के रूप में, तथा उनकी फाउन्डेशन सीरीज और नोवेलेट्स को फाउन्डेशन ट्रीयोलोजी की तीन पुस्तकों के रूप में छापा. अन्य पोजिट्रोनिक रोबोट सीरीज को 'दी रेस्ट ऑफ दी रोबोट्स' नामक पुस्तक के रूप में पुनर्प्रकाशित किया गया।

1950 के दशक में गैलेक्सी मैगज़ीन तथा दी मैगज़ीन ऑफ फेंटेसी & साइंस फिक्शन जैसी नयी साइंस फिक्शन पत्रिकाओं के आने के साथ असिमोव ने अपनी लघु कथाओं को उनमे भी प्रकाशित करना शुरू कर दिया। बाद में उन्होंने 1950 के दशक को अपने "सुनहरे दशक" के रूप में याद किया है। इनमे से कई कहानियों को उनकी 'बेस्ट ऑफ एंथोलोजी' में शामिल किया गया है, जैसे, "दी लास्ट क्वेश्चन" (1956), जो मानव जाति द्वारा एंट्रोपी की प्रक्रिया को झेल पाने तथा उसे पलट पाने संभावित क्षमता के बारे में है। व्यक्तिगत रूप से यह उनको सर्वाधिक प्रिय थी और कईयों के विचार में "नाईटफॉल" के ही समान थी। असिमोव ने इसे 1973 में लिखा था:

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दिसंबर 1974 में बीटल के पूर्व सदस्य पॉल मेकार्टनी ने असिमोव से संपर्क किया और पूछा कि क्या वे एक साइंस फिक्शन मूवी म्यूजिकल का स्क्रीनप्ले लिख सकते हैं। मेकार्टनी के पास इसके संबंध में कुछ अस्पष्ट से प्लॉट और डायलॉग थे; वे रॉक बैंड के सदस्यों के बारे में एक कहानी चाहते थे जिन्हें बाहरी दुनिया के ऐसे प्राणियों के बारे में पता चलता है जो उनकी नक़ल करते थे। बैंड और उनके नकलचियों के किरदार को मेकार्टनी के दल के सदस्यों द्वारा निभाया जाना था जो उस समय काफी प्रसिद्ध थे। हालांकि असिमोव रॉक म्यूजिक के प्रशंसक नहीं थे, यह विचार उनको काफी अनोखा लगा और उन्होंने जल्द ही कहानी की एक संक्षिप्त रुपरेखा तैयार कर दी। उन्होंने मेकार्टनी के विचारों के अनुरूप ही एक कहानी लिखी जो उनके हिसाब से काफी बढ़िया और नाटकीय थी। हालांकि उन्होंने मेकार्टनी के डायलॉग का उपयोग नहीं किया और शायद इसी वजह से मेकार्टनी ने कहानी को अस्वीकार कर दिया। यह कहानी अब केवल बोस्टन विश्वविद्यालय के अभिलेखागार में ही मौजूद है।

1977 से शुरुआत करके असिमोव ने 'आईज़ैक असिमोव्स साइंस फिक्शन मैगज़ीन' (वर्तमान में 'असिमोव्स साइंस फिक्शन) को अपना नाम दिया और उसके प्रत्येक संस्करण के संपादकीय को लिखा. 'असिमोव्स एसएफ एडवेंचर मैगज़ीन' तथा 'असिमोव्स साइंस फिक्शन एंथोलोजी' रीप्रिंट सीरीज को भी कुछ समय के लिए पत्रिकाओं के रूप में प्रकाशित किया गया था (उसी प्रकार जिस प्रकार स्टेबलमेट्स एलेरी क्वींस मिस्ट्री मैगज़ीन्स तथा एल्फ्रेड हिचकॉक की मिस्ट्री मैगज़ीन्स "एंथोलोजी" को किया गया था).

लोकप्रिय विज्ञान

1950 और 1960 के दशक के अंत में असिमोव ने अपनी गति में कुछ हद तक परिवर्तन करते हुए अपने फिक्शन लेखन की मात्रा को घटा दिया (उन्होंने 1957 की 'दी नेकेड सन' तथा 1982 की 'फाउन्डेशन्स एज' के बीच में वयस्कों के लिए केवल चार नॉवेल्स लिखीं जिनमे से दो मिस्ट्रीज थीं). इसके साथ ही उन्होंने गैर-फिक्शन के क्षेत्र (अधिकांशतः विज्ञान संबंधित) में अपने लेखन की मात्रा को काफी बढ़ा दिया; 1957 में स्पुतनिक के लॉन्च ने लोगों के मन में "साइंस गैप (विज्ञान का अंतर)" को लेकर काफी चिंताएं उत्पन्न कर दीं। असिमोव के प्रकाशक इस उनके लेखन द्वारा इस अंतर को पाटने के लिए काफी उत्सुक थे।

इस बीच, मासिक पत्रिका मैगज़ीन ऑफ फेंटेसी एंड साइंस फिक्शन ने उनको अपना नियमित गैर-फिक्शन लेख जारी रखने के लिए आमंत्रित किया जिसे उसकी सहयोगी द्वैमासिक पत्रिका वेंचर साइंस फिक्शन मैगज़ीन में शुरू किया गया। यह पत्रिका लोकप्रिय विज्ञान को समर्पित थी और असिमोव को पूर्ण संपादकीय स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। एफ&एसएफ का पहला स्तंभ नवंबर 1958 में आया और असिमोव की घातक बीमारी तक लगातार जारी रहा। उन्होंने कुल 399 लेख लिखे. इन स्तंभों को उनके मुख्य प्रकाशक डबलडे द्वारा बीच बीच में एकत्रित करके पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाता था। इन स्तंभों ने असिमोव की पहचान विज्ञान के एक "ग्रेट एक्स्प्लेनर (अच्छी तरह समझाने वाले)" के रूप में स्थापित करने में मदद की। उनके प्रथम व्यापक कार्य 'दी इंटेलिजेंट मेंस गाइड तो साइंस' ने उनको अपनी अधिकांश शैक्षणिक जिम्मेदारियों को छोड़ने तथा एक पूर्ण-कालिक स्वतंत्र लेखक बनने में मदद की।

असिमोव ने अपने समय के सामाजिक मुद्दों पर कई निबंध लिखे जिनमे शामिल हैं, "थिंकिंग अबाउट थिंकिंग" तथा "साइंस: नॉक प्लास्टिक" (1967).

असिमोव के लेखन में शामिल ढेर सारी जानकारी से प्रभावित होकर कर्ट वोनेगुट ने एक बार पूछा, "सबकुछ जानकर कैसा लगता है?" असिमोव ने उत्तर दिया कि वे केवल यह जानते हैं कि एक सर्व-ज्ञानी के रूप में पहचाने जाने पर कैसा लगता है - "काफी असहज". जॉय स्टिल फेल्ट के अध्याय 30 में देखें). अपनी कहानियों के संग्रह 'स्लो लर्नर' के परिचय में थॉमस पिंचन ने स्वीकार किया कि एंट्रोपी से संबंधित अपने ज्ञान के लिए उन्होंने असिमोव के साइंस लेखन (तथा ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी) का सहारा लिया है।

यह असिमोव के प्रति आर्थर सी. क्लार्क की मित्रता तथा सम्मान की भावना का ही प्रतीक था कि तथाकथित "असिमोव-क्लार्क ट्रीटी ऑफ पार्क एवेन्यू (जिसे उस समय किया गया जब वे न्यू यॉर्क के पार्क एवेन्यू में एक टैक्सी में साथ जा रहे थे)" के अनुसार असिमोव को इस बात पर जोर देना था कि क्लार्क दुनिया के सर्वश्रेष्ठ साइंस फिक्शन लेखक हैं (अपने लिए द्वितीय स्थान को सुरक्षित रखना), जबकि क्लार्क को इस बात पर जोर देना था कि असिमोव सर्वश्रेष्ठ हैं (और स्वयं को दूसरे नंबर पर रखना). अतः, क्लार्क की पुस्तक 'रिपोर्ट ऑन प्लैनेट थ्री' (1972) के समर्पण में लिखा है: "क्लार्क-असिमोव संधि की शर्तों के अनुसार, द्वितीय सर्वश्रेष्ठ विज्ञान लेखक इस पुस्तक को द्वितीय सर्वश्रेष्ठ साइंस-फिक्शन लेखक को समर्पित करता है।"

रचे गए शब्द

असिमोव ने 'एटमोस्फियर इन स्पेस केबिन्स एंड क्लोस्ड एनवायरनमेंट' के "देयर इज नो प्लेस लाइक स्पोम" नामक पेपर में स्पोम शब्द की रचना की। इस पेपर को पहली बार 13 सितम्बर 1965 को अमेरिकन केमिकल सोसायटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। यह ऐसी प्रणालियों को के बारे में है जो पदार्थ के संबंध में तो बंद हैं किन्तु मानव जीवन को सदैव के लिए बनाये रखने वाली ऊर्जा के संदर्भ में खुली हैं। असिमोव ने 1942 की अपनी कहानी टर्नअराउंड में रोबोटिक्स शब्द की शुरुआत की।

अन्य लेखन

विज्ञान के क्षेत्र के अलावा असिमोव इतिहास में भी काफी रूचि रखते थे। 1960 के दशक से शुरू करके उन्होंने इतिहास की 14 लोकप्रिय पुस्तकें लिखीं जिनमे सबसे उल्लेखनीय हैं, दी ग्रीक्स: ए ग्रेट एडवेंचर (1965), दी रोमन रिपब्लिक (1966), दी रोमन एम्पायर (1967), दी इजिप्शियन्स (1967) तथा दी नियर ईस्ट: 10,000 ईयर्स ऑफ हिस्ट्री (1968).

उन्होंने 'असिमोव्स गाइड टू दी बाइबल' को दो वॉल्यूम्स में प्रकाशित किया; 1967 में ओल्ड टेस्टामेंट तथा 1969 में न्यू टेस्टामेंट और फिर 1981 में इन दोनों को मिलाकर 13,000 पन्नों का एक वॉल्यूम तैयार किया। नक्शों तथा तालिकाओं से भरपूर यह गाइड बाइबल की किताबों के इतिहास तथा उन्हें प्रभावित करने वाले राजनीतिक दबावों के बारे में क्रमबद्ध तरीके से बताने के साथ साथ महत्त्वपूर्ण चरित्रों के जीवन से संबंधित जानकारी भी प्रदान करती है। साहित्य में उनकी रुचि का प्रकटीकरण अनेकों साहित्यिक कार्यों की व्याख्या के रूप में दिखाई देता है, जिनमे शामिल हैं, असिमोव्स गाइड टू शेक्सपियर (1970), असिमोव्स एनोटेटेड पैराडाइज लॉस्ट (1974), तथा दी एनोटेटेड गुलीवर्स ट्रेवल्स (1980).

असिमोव एक उल्लेखनीय मिस्ट्री (रहस्य) लेखा भी थे और 'एलेरी क्वींस मिस्ट्री मैगज़ीन' के लिए अक्सर लिखते भी रहे थे। उन्होंने अपनी वेंडाल उर्थ की कहानियों जैसी साइंस फिक्शन मिस्ट्रीज के लेखन से शुरुआत की लेकिन जल्द ही "शुद्ध" मिस्ट्रीज के लेखन के क्षेत्र में कूद पड़े. उन्होंने मिस्ट्री के केवल दो पूर्ण लंबाई वाले उपन्यास ही प्रकाशित किये लेकिन 'ब्लैक विडोअर्स' के बारे में अनेकों कहानियों को लिखा, पुरुषों का एक समूह जो महीने में एक बार भोजन, चर्चा तथा पहेलियों के लिए बैठक करता था। इसका विचार उन्हें 'ट्रैप डोर स्पाइडर्स' नामक समूह के साथ अपने संसर्ग से प्राप्त हुआ था और उसके सभी मुख्य चरित्र (वेटर हेनरी को छोड़कर, जिसके बारे में उन्होंने स्वीकार किया कि वह वोडेहाउस के जीव्स नामक चरित्र से मिलता था) उनके निकटतम मित्रों के ऊपर ही आधारित थे।

अपने जीवन के अंतिम दिनों में असिमोव ने 1975 में आने वाली 'लेशेरस लिमेरिक्स' से शुरुआत करके लिमेरिक्स (तुक्तक) के संग्रहों की एक श्रंखला प्रकाशित की जिनमे से अधिकांश को उन्होंने स्वयं ही लिखा था। लिमेरिक्स: टू ग्रॉस (जिसका शीर्षक द्विअर्थी शब्दों के प्रति असिमोव के प्रेम को दर्शाता है) में असिमोव के 144 तथा जॉन सियार्डी के भी इतने ही लिमेरिक्स शामिल हैं। उन्होंने शरलौकियन लिमेरिक्स के भी एक पतले वॉल्यूम को तैयार किया है (और एक प्रशंसक को शर्मिंदा भी कर दिया जब उन्होंने उसके ऑटोग्राफ में एक लिमेरिक लिखा जिसमे 'नैन्सी' की तुकबंदी 'रोमेंसी' के साथ की गयी थी). असिमोव ने 'अज़ाज़ेल, दी टू सेंटीमीटर ड्रेगन' में यिडिश परिहास को डाला है। दो प्रमुख यहूदी चरित्र डिनर, लंच तथा ब्रेकफास्ट के समय "जॉर्ज" तथा उसके मित्र अज़ाज़ेल के ऊपर चुटकुले सुनाते हैं। असिमोव की 'ट्रेजरी ऑफ ह्यूमर' एक चुटकुलों की किताब होने के साथ साथ हास्य के सिद्धांत के ऊपर उनके विचारों को भी प्रस्तुत करती है। असिमोव के अनुसार हास्य का सबसे मुख्य तत्व है दृष्टिकोण में अचानक आने वाला बदलाव, जिसमे ध्यान को महत्त्वपूर्ण चीजों से हटाकर तुच्छ चीजों की ओर ले जाया जाता है।

विशेषकर उनके बाद के वर्षों में असिमोव ने खुद की छवि को एक सर्वप्रिय भोगी व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की। 1971 में 'दी सेंसुअस वूमेन' ("जे" द्वारा) तथा 'दी सेंसुअस मैन' ("एम" द्वारा) जैसी कामुक गाइडबुक्स की लोकप्रियता के उत्तर में असिमोव ने 'दी सेंसुअस डर्टी ओल्ड मैन' को "डॉक्टर 'ए' " के नाम के तहत प्रकाशित किया (हालांकि उनके पूरे नाम को 1972 में पहली बार प्रकाशित होने वाले पेपरबैक एडिशन में लिखा गया था).

असिमोव ने आत्मकथा के दो वॉल्यूम प्रकाशित किये: 'इन मेमरी येट ग्रीन' (1979) तथा 'इन जॉय स्टिल फेल्ट' (1980). तीसरी आत्मकथा, 'आई, असिमोव: ए मेमोइर' को अप्रैल 1994 में प्रकाशित किया गया। इसके उपसंहार को उनकी विधवा पत्नी जैनेट द्वारा उनकी मृत्यु के एक दशक बाद लिखा गया था। जैनेट द्वारा सम्पादित 'इट्स बीन ए गुड लाइफ' (2002), उनकी तीनों आत्मकथाओं का एक संक्षिप्त संस्करण है। उन्होंने अपने पूर्व के लेखन के तीन वॉल्यूम्स भी प्रकाशित किये हैं - ओपस 100 (1969), ओपस 200 (1979) तथा ओपस 300 (1984).

1987 में असिमोव दंपत्ति ने 'हाउ टू एन्जॉय राइटिंग: ए बुक ऑफ एड एंड कम्फर्ट' का सह-लेखन किया था। इसमें उन्होंने हतोत्साहित होने, ध्यान बंटने, अस्वीकार किये जाने तथा मोटी बुद्धि वाले संपादकों से निपटते समय सकारात्मक रवैये तथा उत्पादकता को किस प्रकार बनाये रखा जाये, इसके विषय में सलाह दी है। इस पुस्तक में कई कोटेशन (उद्धरण), निबंध, चुटकुले तथा एक लेखक के जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव से संबंधित पति-पत्नी के कई संवाद शामिल हैं।

असिमोव और स्टार ट्रेक के निर्माता जीन रोडेनबेरी के बीच 1960 के दशक के अंत में स्टार ट्रेक के पहली बार शुरू होने के समय काफी गहरी तथा अनोखा संबंध स्थापित हो गया था। असिमोव ने टीवी गाइड पत्रिका के लिए वैज्ञानिक दृष्टि से स्टार ट्रेक की सटीकता के संबंध में एक आलोचनात्मक निबंध लिखा था। रोडेनबेरी ने आदरपूर्वक इसके जवाब में निजी रूप से एक पत्र लिखा जिसमे एक साप्ताहिक सीरीज को लिखते समय समय वैज्ञानिक सटीकता संबंधी सीमाओं के बारे में बताया। असिमोव ने अपनी गलती को स्वीकारते हुए टीवी गाइड के लिए एक और निबंध में लिखा कि अपनी गलतियों के बावजूद स्टार ट्रेक एक नवीन तथा बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण साइंस फिक्शन टीवी कार्यक्रम है। इसके बाद उन दोनों में इतनी गहरी मित्रता हो गयी कि असिमोव ने स्टार ट्रेक के कई प्रोजेक्ट्स में सलाहकार के तौर पर भी काम किया।

साहित्यिक विषय

असिमोव का अधिकंश फिक्शन रोबोट तथा मानव के बीच के संबंध और इन दोनों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में है, खासकर मनुष्यों पर. उनकी पहली रोबोट कहानी "रौबी" एक रोबोटिक नैनी (दाई) के बारे में है। "लेनी" में रोबोसाइकोलॉजिस्ट सुसान कॉल्विन द्वारा एक ऐसे रोबोट के प्रति मातृ प्रेम का अनुभव करने की क्षमता के बारे में बताया गया है जिसके दिमाग की पोजिट्रोनिक क्षमता एक तीन वर्ष के बच्चे के समान है। जैसे जैसे रोबोट अधिक आधुनिक होते गए उनके कार्य भी अधिक व्यापक तथा जटिल होते गए। "एविडेंस" की कहानी एक ऐसे प्रत्याशी के इर्द-गिर्द घूमती है जो संभवतः मानव वेश में एक रोबोट है और सफलतापूर्वक चुनाव जीत जाता है। "एविटेबल कॉन्फ्लिक्ट" में रोबोट पूरी मानव जाति के नैनीज के रूप चुपके चुपके मानवता को नियंत्रित करते हैं।

बाद में 'रोबोट्स ऑफ़ डॉन' तथा 'रोबोट्स एंड एम्पायर' में एक रोबोट एक ऐसे लॉ को विकसित कर लेता है जिसे वो जीरोथ लॉ ऑफ रोबोटिक्स कहता है, जिसके अनुसार, "कोई रोबोट मानवता को नुकसान नहीं पहुँचायेगा, या निष्क्रियता के कारण मानवता के ऊपर किसी खतरे को नहीं आने देगा". उसने यह भी फैसला कर लिया कि रोबोट्स की उपस्थिति मानवता की स्वतंत्रता का गला घोंट रही है और सबसे अच्छा यही होगा कि रोबोट धीरे धीरे स्वयं को हटा लें. एक गैर-रोबोट, टाइम-ट्रेवल नॉवेल 'दी एंड ऑफ इटरनिटी' इसी प्रकार के संघर्षों तथा संकल्पों को दर्शाती है। जीरोथ लॉ की विशेषता यह है कि ये रोबोटिक्स के अन्य सभी नियमों पर भारी पड़ता है: यदि कोई रोबोट स्वयं को ऐसी परिस्थिति में पाता है जहाँ पूरी मानव जाति (तथा जीरोथ लॉ) की रक्षा के लिए उसे किसी मनुष्य की हत्या करनी पड़े (जो कि रोबोटिक्स के प्रथम नियम का प्रत्यक्ष उल्लंघन है), तो रोबोट की पोजिट्रोनिक प्रोग्रामिंग के अनुसार उसके लिए ऐसा करना अनिवार्य हो जायेगा. केवल अति उन्नत रोबोट (जैसे कि दानील तथा गिस्कार्ड) ही इस नियम को समझ सकते हैं।

फाउंडेशन सीरिज में (जिसमे शुरुआत मे रोबोट नहीं थे) एक वैज्ञानिक 1000 वर्षों की अवधि के दौरान एक गैलेक्टिक एम्पायर (साम्राज्य) का निर्माण करने के लिए एक अर्ध-गुप्त योजना को लागू करता है। इस सीरीज में योजना को पूर्ण करने तथा उसकी सुरक्षा के लिए प्लेटोनिक गार्जियंस (संरक्षक) का 'सेकंड फाउन्डेशन' नामक अपना ही वर्जन (संस्करण) है। जब असिमोव ने 1950 के दशक में इस सीरीज को लिखना बंद कर दिया, सेकंड फाउंडेशन को मानवता के सौम्य संरक्षकों के रूप में चित्रित किया गया था। जब 1980 के दशक में उन्होंने सीरीज को पुनः लिखना शुरू किया तो उन्होंने केयरटेकर थीम्स को और भी अधिक स्पष्ट करके प्रस्तुत किया।

' फाउंडेशन्स एज में गाइया नामक गृह को प्रस्तुत किया गया जो स्वाभाविक तौर पर गाइया हाइपोथीसिस पर आधारित था। गाइया का प्रत्येक जानवर, पेड़ और खनिज एक साझा चेतना के हिस्से हैं जो सर्वकल्याण के लिए मिलकर काम करने वाले एक सुपर-माइंड (अति उन्नत मस्तिष्क) का निर्माण करते थे। ' 'फाउंडेशन एंड अर्थ' में नायक पृथ्वी की खोज करना आरंभ करता है क्योंकि उसके विचार में वहीँ पर उसको इस बात का उत्तर मिलेगा कि 'फाउन्डेशन्स एज' में उसने उसने यह निर्णय क्यों लिया कि गैलेक्सिया ही सही विकल्प है। गाइया, सामूहिक जागरूकता की संभावना की तलाश हेतु असिमोव के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों में से है और 'नेमेसिस' में वे इसको और अधिक जटिलता का जामा पहनाते हुए एरिथ्रो नामक जीवित (चेतन) गृह के बारे में लिखते हैं जहाँ का जीवन मुख्यतः प्रोकेरियोटिक है और जो मनुष्यों के साथ समन्वय स्थापित करने की कोशिश करता है।

फाउंडेशन एंड अर्थ में फाउन्डेशन ब्रह्माण्ड से रोबोट का परिचय पहली बार करवाया गया है। असिमोव की अंतिम नोवेल्स में से दो, 'प्रिलूड टू फाउन्डेशन' तथा 'फॉरवर्ड दी फाउन्डेशन' में उनके बर्ताव के बारे में विस्तार से बताया गया है। रोबोटों को गुप्त कार्यकर्ताओं के रूप में दिखाया गया है जो मानवता की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं।

उनका एक अन्य प्रिय विषय है सामाजिक उत्पीड़न. 'दी करेंट्स ऑफ स्पेस' की कहानी एक ऐसे गृह पर आधारित है जहाँ प्लैंट फाइबर (पेड़ों के रेशे) की एक अनोखी प्रजाति उगती है; एक नजदीक के गृह के एरिस्टोक्रेट्स (उच्च वर्ग) द्वारा वहां के कृषि श्रमिकों का शोषण किया जाता है। 'दी स्टार्स, लाइक डस्ट' में हीरो 'टाइरेनी' नामक एक अभिमानी अंतरतारकीय साम्राज्य द्वारा सताए जा रहे एक गृह की मदद करता है।

उत्पीड़न के शिकार अक्सर पृथ्वीवासी (अन्य ग्रहों के कोलोनिस्ट्स के विपरीत) या रोबोट होते हैं। 'बाईसेंटेनियल मैन' में एक रोबोट मानव के रूप में स्वीकार किये जाने के प्रति लोगों के पूर्वाग्रह के खिलाफ लड़ता है। 'केव्स ऑफ स्टील' में पृथ्वीवासी अंतरिक्ष के अमीरजादों से नफरत करते हैं और इसलिए रोबोट्स (जिन्हें अंतरिक्षवासियों से संबंधित माना जाता है) के साथ वैसा ही व्यवहार करते हैं जैसा कि श्वेत लोग अश्वेतों के प्रति करते हैं (उदाहरण के तौर पर रोबोट्स को "बॉय (छोकरा)" कह कर बुलाना). 'पेबल इन दी स्काई' में एक ऐसी ही परिस्थिति को चित्रित किया गया है: पृथ्वी पर गैलेक्टिक एम्पायर का शासन है और उसके लोग "अर्दी-स्क्वै (पृथ्वी की वेश्याएं") जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, लेकिन पृथ्वी एक थियोक्रेटिक तानाशाही है जहाँ 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों पर जबरदस्ती इच्छामृत्यु थोप दी जाती है। एक हीरो का नाम है बेल अर्वर्दन जो एक उच्च-वर्गीय गैलेक्टिक पुरातत्वविद है तथा अपने पूर्वाग्रहों को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्प है। दूसरा हीरो है 62 वर्षीय 20वीं सदी का अमेरिकी जोसेफ श्वार्ट्ज जो मूल रूप से यूरोप से आया है जहाँ उसके लोगों को काफी सताया गया था और जो गलती से समय में आगे चलकर अर्वर्दन के काल में पहुँच जाता है। उसके लिए यह निर्णय करना आवश्यक है कि, क्या एक ऐसे पीड़ित समाज की मदद करनी चाहिए जो उसकी मृत्यु की कामना करती है।

असिमोव का एक अन्य प्रिय विषय है तर्कसंगत सोंच. उन्होंने अपनी नौवेल 'दी केव्स ऑफ स्टील' तथा 'असिमोव्स मिस्ट्री' की कहानियों में साइंस-फिक्शन मिस्ट्री को इजाद किया है और अपने पाठकों के प्रति निष्पक्ष रहते हुए समाधान में इस्तेमाल किसी भी विज्ञान अथवा तकनीक के बारे में शुरू में बता दिया है। बाद में उन्होंने गैर-साइंस फिक्शन मिस्ट्रीज का भी लेखन किया जिनमे शामिल हैं, 'मर्डर एट दी एबीए' (1976) नामक नॉवेल तथा "ब्लैक विडोअर्स" एवं "यूनियन क्लब" की लघु कथाएं, जिनमे उन्होंने इसी नियम का पालन किया है। उनके फिक्शन में बहस/चर्चा को काफी महत्त्व दिया गया है जहाँ अधिक तर्कसंगत, मानवीय तथा अपनी बात को अधिक बलपूर्वक कहने वाले पक्ष की जीत होती है।

एवार्ड्स (पुरस्कार)

  • बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ दी यूनिवर्स के लिए 1957 साँचा:ndash थॉमस अल्वा एडीसन फाउंडेशन एवार्ड
  • दी लिविंग रिवर के लिए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की ओर से 1960साँचा:ndash हावर्ड डब्लू. ब्लेक्सली एवार्ड
  • 1962साँचा:ndash बोस्टन यूनिवर्सिटीज़ पब्लिकेशन मेरिट एवार्ड
  • मैग्जीन ऑफ फेंटेसी एंड साइंस फिक्शन में प्रकाशित निबंधों द्वारा "एडिंग साइंस टू साइंस फिक्शन" के लिए 1963 साँचा:ndash स्पेशल ह्यूगो एवार्ड
  • दी अमेरिकन केमिकल सोसायटी के 1965 साँचा:ndash जेम्स टी. ग्रेडी एवार्ड (इन्टर्प्रेटिंग केमिस्ट्री के लिए जेम्स टी. ग्रेडी को जेम्स एच. स्टेक कहा जाता है)
  • फाउंडेशन सीरीज के लिए 1966 साँचा:ndash बेस्ट ऑल टाइम नॉवेल सीरीज ह्यूगो एवार्ड
  • 1967 साँचा:ndash वेस्टिंगहाउस साइंस राइटिंग एवार्ड
  • सर्वश्रेष्ठ नॉवेल के लिए दी गोड्स देम्सेलव्स[२६] को 1972 साँचा:ndash नाब्युला एवार्ड दिया गया।
  • सर्वश्रेष्ठ नॉवेल के लिए दी गोड्स देम्सेलव्स[२७] को 1973 साँचा:ndash ह्यूगो एवार्ड दिया गया।
  • सर्वश्रेष्ठ साइंस फिक्शन नॉवेल के लिए दी गोड्स देम्सेलव्स[२७] को 1973साँचा:ndash लोकस एवार्ड दिया गया।
  • सर्वश्रेष्ठ नॉवेलेट के लिए दी बिकेंटेंनियल मेन को 1977साँचा:ndash ह्यूगो एवार्ड दिया गया।
  • सर्वश्रेष्ठ नॉवेलेट के लिए दी बिकेंटेंनियल मेन को 1977साँचा:ndash ह्यूगो एवार्ड दिया गया
  • 1981 साँचा:ndash 5020 असिमोव नामक ऐस्टरॉइड का नाम उनके सम्मान में रखा गया है
  • 1983साँचा:ndash सर्वश्रेष्ठ नॉवेल के लिए फाउंडेशन्स एज को ह्यूगो एवार्ड दिया गया[२८]
  • 1983साँचा:ndash सर्वश्रेष्ठ साइंस फिक्शन नॉवेल के लिए फाउंडेशन्स एज को लोकस एवार्ड दिया गया[२८]
  • 1987साँचा:ndash नाब्युला ग्रैंड मास्टर एवार्ड, ए लाइफटाइम अचीवमेंट एवार्ड[२९]
  • 1992 साँचा:ndash सर्वश्रेष्ठ नॉवेलेट के लिए गोल्ड को ह्यूगो एवार्ड दिया गया
  • 1995साँचा:ndash सर्वश्रेष्ठ नॉनफिक्शन के लिए आई। असिमोव: ए मेम्वर को ह्योगो एवार्ड दिया गया
  • 1996 साँचा:ndash 1945 की सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के लिए 1946 रेट्रो-ह्यूगो को 'दी म्यूल' कहानी के लिए 1996 WorldCon में दिया गया था। 'दी म्यूल' एस्टाउँडिंग साइंस फिक्शन में प्रकाशित होने वाली सातवीं फाउंडेशन कहानी है।
  • 1997साँचा:ndash साइंस फिक्शन एंड फैन्टसी हॉल ऑफ फेम में मरणोपरांत शामिल किया जाना
  • 2009साँचा:ndash उनके सम्मान में मंगल ग्रह पर एक क्रेटर का नाम असिमोव[३०] रखा गया
  • विभिन्न विश्वविद्यालयों से 14 मानद डॉक्टरेट डिग्रियां

लेखन शैली

असिमोव के फिक्शन कार्य की सबसे आम विशेषता यह है कि उनकी लेखन शैली अत्यंत ही सरल (अनअलंकृत) है। 1980 में साइंस फिक्शन के विद्वान तथा केन्सास विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर एमेरिटस जेम्स गुन्न ने 'आई, रोबोट' के संबंध में लिखा: साँचा:quote

गुन्न ने पाया कि कई जगहों पर असिमोव के शैली स्थिति के अनुसार बदल जाती है; उन्होंने इसके उदाहरण के तौर पर "लायर!" के क्लाइमेक्स को उद्घृत किया है। उनकी कहानी की महत्त्वपूर्ण जगहों पर अनोखी तरह के चरित्र उभर कर सामने आते हैं: "लायर!" तथा "एविडेंस" की सुसान केल्विन के अतिरिक्त 'सेकंड फाउन्डेशन' में अर्कादी डैरेल, 'केव्स ऑफ स्टील' में एलिजाह बेली, तथा फाउन्डेशन के प्रिक्वेल में हैरी सेल्डन को देखा जा सकता है। असिमोव ने इस आलोचना का उत्तर अपनी पुस्तक 'नेमेसिस' की शुरुआत में दिया है: साँचा:quote

असिमोव द्वारा 1940 तथा 1950 के दशक में भविष्य में इस्तेमाल की जाने वाली कई काल्पनिक तकनीकें अभी तक प्रकट नहीं हुई हैं। उदाहरण के लिए, वे जो पंच्ड कार्ड्स या पंच्ड टेप का प्रयोग करने वाले भविष्य के शक्तिशाली रोबोट्स तथा कम्प्यूटरों का वर्णन करते हैं, तथा ऐसे इंजीनियर जो स्लाइड रूल्स का प्रयोग करते हैं। 'फाउन्डेशन एंड एम्पायर' के एक नाटकीय दृश्य में एक चरित्र वेंडिंग मशीन से अखबार को खरीदते हुए दिखाया जाता है। बेशक, यह आरोप साइंस फिक्शन के वस्तुतः किसी भी लेखक पर लगाया जा सकता है और यह कतई तर्कसंगत नहीं है।

इसके अलावा, उनकी कहानियों में यदा-कदा आतंरिक विरोधाभास भी देखने को मिलता है: उदाहरण के लिए, फाउन्डेशन सीरीज के नाम तथा तिथियाँ हमेशा एक दूसरे से मेल नहीं खाते हैं। ऐसी गलतियों में से कुछ का संभव कारण चरित्रों द्वारा की जाने वाली गलतियाँ हो सकता है, क्योंकि असिमोव की कहानियों में चरित्र अक्सर अपनी परिस्थितियों से अनजान ही रहते हैं। अन्य विरोधाभासों का कारण यह है कि असिमोव द्वारा फाउन्डेशन सीरीज शुरू करने तथा उसपर दोबारा काम करने के बीच कई वर्षों का अंतर है; कई बार विज्ञान की उन्नति के कारण उन्हें अपने काल्पनिक इतिहास को बदलने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है। गुन्न तथा पेट्रोच की पुस्तकों के अलावा असिमोव के लेखन के ऊपर "साहित्यिक" आलोचना का काफी आभाव है (खासकर उनके लेखन की विशाल मात्रा को देखते हुए). कोवार्ट तथा वाईमर की 'डिक्शनरी ऑफ लिटरेरी बायोग्राफी' (1981) में इसके संभावित कारण दिए गए हैं:

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निष्पक्ष तौर पर यदि देखा जाये तो गुन्न तथा पेट्रोच, दोनों द्वारा असिमोव के लेखन के संबंध में किये गए अध्ययनों के अनुसार लेखन की एक स्पष्ट तथा प्रत्यक्ष शैली भी एक प्रकार की शैली ही है। गुन्न की 1982 की पुस्तक असिमोव की अब तक प्रकाशित सभी उपन्यासों पर काफी गहराई से टिपण्णी करती है। वे असिमोव के सभी फिक्शन लेखन की प्रशंसा नहीं करते हैं (और न ही पेट्रोच), लेकिन 'केव्स ऑफ स्टील' के कुछ वाक्यों के बारे में इतना अवश्य कहते हैं कि वे "प्रॉस्ट की याद ताजा करते हैं". उस उपन्यास में भविष्य के न्यू यॉर्क शहर में रात्रि का अंधकार छाने के विषय पर चर्चा करते हुए गुन्न कहते हैं कि असिमोव के गद्य (प्रोज) को "साहित्यिक समाज में कहीं भी शर्मसार होने की आवश्यकता नहीं है".

हालाँकि वे अपनी अनअलंकृत (साधारण) गद्य शैली (जिसके लिए वे स्वयं को क्लिफोर्ड सिमाक से काफी प्रभावित मानते हैं) को लेकर काफी गर्व महसूस करते थे, असिमोव अपनी लंबी कहानियों के अध्यायों को अक्सर बेतरतीब तरीके से प्रतुत करके उनके कथापरक ढांचे को एक जटिल स्वरूप प्रदान करने में भी आनंद का अनुभव करते थे। कुछ पाठकों को यह शैली कतई पसंद नहीं है, वे शिकायत करते हैं कि यह बेतरतीब तरीका व्यर्थ में ही उनकी मुश्किलें बढ़ाता है और कहानी की स्पष्टता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, 'दी गॉड्स देमसेल्व्स' का शुरुआती एक तिहाई हिस्सा अध्याह 6 से शुरू होता है और उसके बाद पीछे की और बढ़ते हुए कहानी को पूरा करता है। (जॉन कैंपबेल ने असिमोव को सलाह दी कि अपने कथानक (प्लॉट) में कहानी को जितना संभव हो उतनी देर से शुरू करें। इस सलाह ने असिमोव को "रीज़न" नामक एक शुरुआती रोबोट कहानी लिखने में मदद की। उस समय की जानकारी के लिए 'इन मेमोरी येट ग्रीन' देखें.) पेट्रोच ने पाया कि 'दी करेंट्स ऑफ स्पेस' के आपस में उलझे हुए तथा जुड़े हुए फ्लैशबैक के कारण उपन्यास को काफी नुकसान हुआ है, इतना कि केवल कोई "कट्टर असिमोव प्रशंसक" ही इसका आनंद ले सकता है। असिमोव द्वारा अपनी समयरेखा को तोड़ने-मरोड़ने के प्रवृत्ति को सबसे स्पष्ट रूप से 'नेमेसिस' में देखा जा सकता है जिसमे कुछ चरित्र तो "वर्तमान" में रहते हैं जबकि कुछ "भूतकाल" में. भूतकाल वाले चरित्रों की कहानी 15 वर्ष पहले शुरू होती है और धीरे धीरे वर्तमान की ओर बढ़ती है।

2002 में ईस्ट कैरोलिना विश्वविद्यालय के एक अंग्रेजी प्रोफेसर डोनाल्ड पालुम्बो ने "केओस थ्योरी, असिमोव्स फाउन्डेशन्स एंड रोबोट्स, एंड हरबर्ट्स ड्यून: दी फ्रैक्टल एस्थेटिक ऑफ एपिक साइंस फिक्शन" को प्रकाशित किया। इसमें असिमोव की कहानियों की शैली की समीक्षा की गयी है और फ्रैक्टल्स तथा केओस के साथ उनकी तुलना की गयी है। पालुम्बो ने पाया कि हालाँकि साहित्य के पारंपरिक लक्षणों (जैसे कि प्रतीकवाद तथा चरित्र निर्माण) का आभाव है या वे काफी हद तक अनुपस्थित भी है, फाउन्डेशन तथा रोबोट मेटासीरीज के प्रति आकर्षण बना हुआ है। उनके अनुसार कहानी की उद्देश्यपूर्ण जटिलताएं उसके प्रति एक विशेष प्रकार का आकर्षण पैदा करती हैं। इस वॉल्यूम में साहित्यिक दृष्टि से असिमोव की अब तक की सबसे गहरी आलोचना की गयी है।

एलियन लाइफ (बाहरी दुनिया के प्राणी)

अपने साइंस फिक्शन में सामान्यतः कामुकता तथा बाहरी दुनिया के जीवन के आभाव के कारण भी असिमोव की आलोचना की जाती है। असिमोव ने एक बार समझते हुए कहा कि एलियंस के बारे में लिखने से वे इसलिए कतराते हैं क्योंकि उनके करियर की शुरुआत में एक बार एस्टाउन्डिंग के संपादक जॉन कैम्पबेल ने उनकी साइंस फिक्शन कहानी को इसलिए अस्वीकार कर दिया था क्योंकि उसमे एलियंस को मनुष्यों से बेहतर दिखाया गया था। उन्होंने तय कर लिया कि अपनी कहानियों में एलियंस के चरित्र को कमजोर दिखाने की बजाय वे उनके बारे में लिखेंगे ही नहीं। हालाँकि, इन आलोचनाओं के जवाब में उन्होंने 'दी गॉड्स देमसेल्व्स' को लिखा जिसमे एलियंस, सेक्स, तथा एलियंस का सेक्स शामिल हैं। असिमोव ने कहा कि अपने सभी लेखन में से उनको सर्वाधिक गर्व 'दी गॉड्स देमसेल्व्स' के उस हिस्से पर है जहाँ इन विषयों के बारे में लिखा गया है।

ह्यूगो एवार्ड विजेता नॉवेल "गोल्ड" में असिमोव स्वयं पर आधारित एक लेखक का वर्णन करते हैं जिसकी एक पुस्तक (दी गॉड्स देमसेल्व्स) के ऊपर एक कोम्पू-ड्रामा बनाया जाता है जो मुख्यतः एक फोटो-रियलिस्टिक कंप्यूटर एनीमेशन है। डाइरेक्टर, असिमोव की नॉन-विजुअल लेखन शैली की आलोचना करते हैं क्योंकि उसके ऊपर फिल्म बनाना मुश्किल काम है, जबकि असिमोव समझते हैं कि वे अपनी बात कहने के लिए वर्णन की बजाय विचारों तथा संवादों का सहारा लेते हैं।

लिंग और सामाजिक मुद्दे

अपने शुरुआती कार्य में सशक्त महिला चरित्रों का आभाव होने के कारण भी कई लोगों ने उनकी आलोचना की है। अपने आत्मकथात्मक लेखन में वे इस बात को स्वीकारते हैं और इसका कारण अपनी अनुभवहीनता को बताते हैं। उनके बाद के उपन्यासों में महिला चरित्रों की संख्या तो बढ़ी लेकिन लेखन शैली में कोई बदलाव नहीं आया, जिसकी वजह से यह मुद्दा पाठकों में काफी व्यापक स्तर पर चर्चित हो गया। उदाहरण के लिए, वाशिंगटन पोस्ट का 25 अगस्त 1985 का "बुक वर्ल्ड" सेक्शन 'रोबोट्स एंड एम्पायर' के बारे में यह लिखता है:

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हालाँकि, वास्तव में इस बात का ध्यान दिया जाना चाहिए कि 'दी नेकेड सन' (1957) में सामाजिक मुद्दों को सर्वाधिक महत्त्व दिया गया है। उसमे युजेनिक्स की आड़ में जेनेटिक इंजीनियरिंग को उस समाज के एक अभिन्न अंग के रूप में दर्शाया गया है और पाठकों के समक्ष एक ऐसे व्यक्ति को प्रस्तुत किया गया है जो कृत्रिम वातावरण का केन्द्र बिंदु होने के साथ साथ एक हीरो (नायक) भी है जो पृथ्वी की "सामान्य" अर्कोलोजी से उत्पन्न हुआ है। इस बीच, पूरी तरह से कृत्रिम जन्म (जो क्लोनिंग नहीं है) समाज के नेताओं का उद्देश्य है; मुख्य महिला चरित्र का प्रमुख प्रेरक बल उसकी यौन इच्छा है (हालाँकि 1950 के दशक की संवेदनशीलताओं का ध्यान रखा गया है); और पूरी कहानी का इस्तेमाल इस बात पर जोर देने के लिए किया गया है कि अत्यधिक अनुशासन भी कोई अच्छी चीज नहीं है और इससे बचना चाहिए।

असिमोव का दूसरों पर प्रभाव

असिमोव के ढेर सारे लेखन की समीक्षा करने वाले जॉन जेनकींस का कहना है: साँचा:quote

1961 में अपनी स्थापना के समय से जर्मन पल्प बुकलेट स्पेस ओपेरा पेरी रोडान ने असिमोव के दो केन्द्रीय विचारों का इस्तेमाल किया है - पोजिट्रोनिक ब्रेंस तथा तत्काल हाइपरस्पेशियल ट्रांसलेशन के लिए स्टारशिप ड्राइव्स.

'मैग्नस, रोबोट फाइटर, नमक कॉमिक बुक के प्रथम संस्करण के प्रथम पृष्ठ पर असिमोव के रोबोटिक्स के तीन नियमों को उद्घृत किया गया है। हालांकि, इस सीरीज में इन कानूनों का कई बार उल्लंघन किया गया है।

रोबोटिक्स के तीन नियम हाल ही में प्रकाशित एनिमे 'दी टाइम ऑफ ईव' के भी मुख्य विषय (थीम) हैं। एंड्रोइड्स का इस्तेमाल आम है और वे नियमों का सम्मान भी करते हैं लेकिन साथ ही साथ उनसे आजादी भी चाहते हैं, लेकिन मनुष्य इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं।

2009 में प्रकाशित 'एस्ट्रो बॉय' में भी रोबोटिक्स के नियमों का उल्लेख किया गया है। यद्यपि असिमोव के नाम का उल्लेख नहीं है, पहले नियम को थोड़ा बदल कर उद्घृत किया गया है। एक रोबोट का निर्माण नियमों के लागू होने से पहले किया गया था और दूसरे को इन नियमों के बिना ही रीप्रोग्राम किया गया है, लेकिन अधिकांश रोबोट बहुत ईमानदारी से इन नियमों का पालन करते हैं।

' स्टार ट्रेक - दी नेक्स्ट जनरेशन के "डाटालोर" एपिसोड में असिमोव को एंड्रोइड्स के लिए अत्यावश्यक पोजिट्रोनिक ब्रेन की रचना करने का श्रेय दिया गया है।

"ऐन्डर्स गेम" नामक नॉवेलेट (लघु उपन्स्यास) ऑरसन स्कॉट कार्ड का प्रकाशित होने वाला पहला साइंस फिक्शन है। यह 'बैटल रूम' नामक एक विचार पर आधारित है जो कार्ड के मस्तिष्क में 16 वर्ष की उम्र में आया था। उन्होंने हाल ही में आईज़ैक असिमोव की फाउन्डेशन ट्रीयोलोजी को पढ़ा था; इसमें गिबन के रोमन साम्राज्य के उत्थान और पतन से संबंधित विचारों को (कमोबेश) सुदूर भविष्य की एक गैलेक्सी के एक विशाल साम्राज्य पर लागू किया गया था।

2008 के एक सर्वाइवल हॉरर वीडियो गेम 'डेड स्पेस' के मुख्य नायक आईज़ैक क्लार्क का नाम, आईज़ैक असिमोव तथा आर्थर सी. क्लार्क के ऊपर रखा गया है।

असिमोव और टोल्कीन

शार्लोट और डेनिस पिल्मर (जो डेली टेलीग्राम मैगज़ीन के लिए पहले भी उनका साक्षात्कार ले चुके थे) को लिखे गए अपने एक पत्र में जे.आर.आर. टोल्कीन ने कहा असिमोव के साइंस फिक्शन को पढ़ने में उन्हें मजा आता है। उन्होंने "ब्लैक विडोअर्स" कहानी में 'दी लॉर्ड ऑफ दी रिंग्स' का भी गुणगान किया।

चयनित बिब्लियोग्राफी (ग्रन्थ सूचि)

स्क्रिप्ट त्रुटि: "labelled list hatnote" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। सभी शीर्षकों, चार्ट्स, तथा संपादित संग्रहों को मिलाकर असिमोव की बिब्लियोग्राफी में इस समय 515 आइटम हैं। इसमें उनकी निजी लघु कथाओं, निजी निबंधों, तथा आलोचनाओं की गिनती नहीं की गयी है। अपनी 100वीं, 200वीं, तथा 300वीं पुस्तकों (उनकी स्वयं की गिनती के अनुसार) के लेखन का जश्न मानाने के लिए असिमोव ने ओपस 100 (1969), ओपस 200 (1979), तथा ओपस 300 (1984) को प्रकाशित किया; हालाँकि उन्होंने अपनी 400वीं पुस्तक के ऐसा नहीं किया। असिमोव ने ड्यूवी डेसिमल क्लासिफिकेशन की सभी प्रमुख श्रेणियों (दर्शनशास्त्र को छोड़कर) के अंतर्गत लेखन किया है।

यूनेस्को के इंडेक्स ट्रांस्लेशनम डेटाबेस के अनुसार विश्व के सर्वाधिक अनूदित लेखकों के श्रेणी में असिमोव का 17वां स्थान है; वे इस श्रेणी में आर्थर कॉनन डॉयल के ठीक पीछे तथा पोप जॉन पॉल द्वितीय से आगे हैं।

एक ऑनलाइन प्रदर्शनी में वेस्ट विरजीनिया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के वस्तुतः सम्पूर्ण असिमोव संग्रह की 600 से अधिक किताबों में से कुछ के फीचर्स, विजुअल्स, तथा विवरणों के साथ साथ गेम्स, ऑडियो रिकॉर्डिंग्स, वीडियोज, तथा वॉल चार्ट्स को प्रदर्शित किया गया है। कई प्रथम तथा दुर्लभ और हस्ताक्षरित संस्करणों को पुस्तकालय के 'रेयर बुक रूम' में रखा गया है। बुक जैकेट्स तथा ऑटोग्राफ्स को बच्चों की किताबों के विवरण तथा चित्रों, साइंस फिक्शन आर्ट, मल्टीमीडिया, तथा संग्रह की अन्य सामग्रियों के साथ ऑनलाइन प्रदान किया जाता है। आप इसे यहाँ देख सकते हैं: [२]WVU Libraries Asimov collection.

उनके भविष्य के इतिहास के अंतर्गत असिमोव की पुस्तकों की कालानुक्रमिक (क्रोनोलोजिकल) सूची को देखने के लिए पुस्तकों की फाउन्डेशन सीरीज सूची को देखें.

साइंस फिक्शन

"ग्रेटर फाउंडेशन" सीरीज

रोबोट सीरीज मूल रूप से फाउंडेशन सीरीज से अलग थी। गैलेक्टिक एम्पायर उपन्यासों को शुरुआत में स्वतंत्र कहानियों के रूप में प्रकाशित किया गया था। बाद में असिमोव ने उनको एक एकल सुसंगत 'इतिहास' -सिंगल कोहेरेंट हिस्ट्री - में बदल दिया और फाउन्डेशन सीरीज के अपने आगे के लेखन में उसका इस्तेमाल किया।

  • रोबोट श्रृंखला:
    • दी केव्ज़ ऑफ स्टील (1954), आईएसबीएन 0-553-29340-0 (पहला एलिय्याह बाले एसएफ-क्राइम नॉवेल)
    • दी नेकेड सन (1957, आईएसबीएन 0-553-29339-7 (दूसरा एलिय्याह बाले एसएफ-क्राइम नॉवेल)
    • दी रोबोट्स ऑफ डॉन (1983), आईएसबीएन 0-553-29949-2 (तीसरा एलिय्याह बाले एसएफ-क्राइम नोवेल)
    • रोबोट्स एंड एम्पायर (1985) आईएसबीएन 978-0-586-06200-5 (सिक्वल टू दी एलिय्याह बाले ट्रिलोजी)
  • गेलेक्टिक साम्राज्य उपन्यास:
    • पेब्बल इन दी स्काई (1950), आईएसबीएन 0-553-29342-7
    • दी स्टार्स, लाइक डस्ट (1951), आईएसबीएन 0-553-29343-5
    • दी करेंट्स ऑफ स्पेस (1952), आईएसबीएन 0-553-29341-9
  • ऑरिजनल फाउंडेशन ट्रिलोजी :
    • फाउंडेशन (1951, आईएसबीएन 0-553-29335-4
    • फाउंडेशन एंड एम्पायर (1952), आईएसबीएन 0-553-29337-0, शीर्षक के साथ प्रकाशित हुआ 'दी मैन हू अपसेट दी यूनिवर्स' एज 35C एस पेपरबैक, डी-125, इन अबाउट 1952.
    • सेकंड फाउंडेशन (1953), आईएसबीएन 0-553-29336-2
  • विस्तारित फाउंडेशन श्रृंखला:
    • फाउंडेशन्स एज (1982), आईएसबीएन 0-553-29338-9
    • फाउंडेशन एंड अर्थ (1986), आईएसबीएन 0-553-58757-9 (फाउंडेशन श्रृंखला का अंतिम)
    • प्रेल्यूड टू फाउंडेशन (1988), आईएसबीएन 0-553-27839-8 ("फाउंडेशन" से पूर्व पाया जाता है)
    • फोर्वार्ड दी फाउंडेशन (1993), आईएसबीएन 0-553-40488-1 ("प्रेल्यूड टू फाउंडेशन" के बाद और "फाउंडेशन" से पूर्व पाया जाता है)
  • इसके अलावा विस्तारित फाउंडेशन - सेकेंड फाउंडेशन ट्रिलोजी:
    • आईज़ैक असिमोव की एस्टेट के साथ स्वीकृति
    • फाउंडेशनस फियर (1997), आईएसबीएन 0-06-105243-4 हार्डकवर (ग्रेगरी बेन्फोर्ड द्वारा)
    • फाउंडेशन एंड कैओस (1998), आईएसबीएन 0-06-105242-6 हार्डकवर (ग्रेग बियर द्वारा)
    • फाउंडेशनस ट्राइअम्फ (1999), आईएसबीएन 0-06-105241-8 हार्डकवर (डेविड ब्रिन द्वारा)

लकी स्टार्र सीरिज (पॉल फ्रांस के रूप में)

  • डेविड स्टार्र, स्पेस रेंजर (1952)
  • लकी स्टार्र एंड दी पायरेट्स ऑफ दी ऐस्टरॉइडस (1953)
  • लकी स्टार्र एंड दी ओशियन ऑफ वीनस (1954)
  • लकी स्टार्र एंड दी बिग सन ऑफ मरकरी (1956)
  • लकी स्टार्र एंड दी मून्स ऑफ जूपिटर (1957)
  • लकी स्टार्र एंड दी रिंग्स ऑफ सैटर्न (1958)

नोर्बी क्रोनिकल्स (जेनेट असिमोव के साथ)

  • नोर्बी, दी मिक्स्ड-अप रोबोट (1983)
  • नोर्बीज़ अदर सीक्रेट (1984)
  • नोर्बी एंड दी लॉस्ट प्रिंसेस (1985)
  • नोर्बी एंड दी इन्वेन्डर्स (1985)
  • नोर्बी एंड दी क्वींस नेकलेस (1986)
  • नोर्बी फाइंड्स ए विलन (1987)
  • नोर्बी डाउन टू अर्थ (1988)
  • नोर्बी एंड योबोज़ ग्रेट एडवेंचर (1989)
  • नोर्बी एंड दी ओल्डेस्ट ड्रैगन (1990)
  • नोर्बी एंड दी कोर्ट जेस्टर (1991)

नॉवेल जो एक श्रृंखला का हिस्सा नहीं है

  • से चिह्नित उपन्यासों का फाउंडेशन सीरीज के साथ मामूली संबंध है।
  • दी एंड ऑफ इटर्निटी (1955)*
  • फैन्टास्टिक वॉइअज (1966) (ए नॉवेलाइजेशन ऑफ दी मूवी)
  • दी गोड्स देम्सेलव्स (1972)
  • Fantastic Voyage II: Destination Brain (1987) (फैन्टास्टिक वॉइअज का सिक्वल नहीं है, किन्तु स्वतंत्र कहानी के समान है)
  • नेमेसिस (1989)*
  • नाईटफॉल (1990) रॉबर्ट सिल्वरबर्ग के साथ)
  • दी अगली लिटिल ब्याय (1992), रॉबर्ट सिल्वरबर्ग के साथ (ऐकैऐ: चाइल्ड ऑफ टाइम)
  • दी पोसिट्रोनिक मेन (1993)*, रॉबर्ट सिल्वरबर्ग के साथ

लघु कहानी का संग्रह

आईज़ैक असिमोव की लघु कहानियों की सूची को भी देखें

  • आई, रोबोट (1950), आईएसबीएन 0-553-29438-5
  • दी मार्शन वे एंड दी अदर स्टोरीज (1955), आईएसबीएन 0-837-60463-X
  • अर्थ एज रूम इनफ (1957), आईएसबीएन 0-449-24125-4
  • नाइन टूमोरोज (1959), आईएसबीएन 0-449-24084-3
  • दी रेस्ट ऑफ दी रोबोट्स (1964), आईएसबीएन 0-385-09041-2
  • थ्रू ए ग्लास, क्लीयरली (1967), आईएसबीएन 0-860-25124-1
  • नाईटफॉल एंड अदर स्टोरीज़ (1969), आईएसबीएन 0-449-01969-1
  • दी अर्ली असिमोव (1972), आईएसबीएन 0-449-02850-X
  • दी बेस्ट ऑफ आईज़ैक असिमोव (1973), आईएसबीएन 0-722-11256-4
  • बाय जूपिटर एंड अदर स्टोरीज़ (1975), आईएसबीएन 0-385-05077-1
  • ' दी बाइसेन्टेनीअल मेन एंड दी अदर स्टोरीज़) (1976), आईएसबीएन 0-575-02240-X
  • दी कम्प्लीट रोबोट (1982)
  • दी विंड्स ऑफ चेंज एंड अदर स्टोरीज़ (1983), आईएसबीएन 0-385-18099-3
  • दी ऑल्टर्नेटिव असिमोव्स (1986), आईएसबीएन 0-385-19784-5
  • दी बेस्ट साइंस फिक्शन ऑफ आईज़ैक असिमोव (1986)
  • रोबोट ड्रीम्स (1986), आईएसबीएन 0-441-73154-6
  • अज़ज़ेल (1988)
  • रोबोट विज़न्स (1990) आईएसबीएन 0-451-45064-7
  • गोल्ड (1995), आईएसबीएन 0-553-28339-1
  • मेजिक (1995), आईएसबीएन 0-002-24622-8

रहस्य

उपन्यास

  • दी डेथ डीलर्स (1958), ए विफ ऑफ डेथ के रूप में पुनर्प्रकाशित हुई
  • मर्डर एट दी एबीए (1976), ऑथराइज़्ड मर्डर के रूप में भी प्रकाशित हुई

लघु कहानी का संग्रह

ब्लैक विडोवर्स श्रृंखला
  • टेल्स ऑफ दी ब्लैक विडोवर्स (1974)
  • मोर टेल्स ऑफ दी ब्लैक विडोवर्स (1976)
  • केसबुक ऑफ दी ब्लैक विडोवर्स (1980)
  • बैंगक्विटस ऑफ दी ब्लैक विडोवर्स (1984)
  • पज़ल्स ऑफ दी ब्लैक विडोवर्स (1990)
  • दी रिटर्न ऑफ दी ब्लैक विडोवर्स (2003)
अन्य रहस्य
  • असिमोव्ज़ मिस्ट्रिज़ (1968)
  • दी की वर्ड एंड अदर मिस्ट्रिज़ (1977)
  • दी यूनियन क्लब मिस्ट्रिज़ (1983)
  • दी डिसपेयरिंग मेन एंड अदर मिस्ट्रिज़ (1985)
  • दी बेस्ट मिस्ट्रिज़ ऑफ आईज़ैक असिमोव (1986)

गैर-फिक्शन (सत्य आधारित)

लोकप्रिय विज्ञान

असिमोव के निबंधों का संग्रह साँचा:mdash; मूल रूप से 'मैगज़ीन ऑफ फेंटेसी एंड साइंस फिक्शन' में प्रकाशित

  1. फेक्ट एंड फैंसी (1962)
  2. व्यू फ्रॉम ए हाईट (1963)
  3. एडिंग ए डायमेंशन (1964)
  4. ऑफ टाइम, स्पेस, एंड अदर थिंग्स (1965)
  5. फ्रॉम अर्थ टू हेवेन (1966)
  6. साइंस, नंबर एंड आई (1968)
  7. दी सोलर सिस्टम एंड ब्लैक (1970)
  8. दी स्टार्स इन देयर कोर्सेस (1971)
  9. दी लेफ्ट हैंड ऑफ दी इलेक्ट्रॉन (1972)
  10. दी ट्रेजडी ऑफ दी मून (1973)
  11. ऑफ मैटर्स ग्रेट एंड स्मॉल (1975)
  12. दी प्लानेट देट वाज नॉट (1976)
  13. कैसर, कैसर, बर्निंग ब्राइट (1977)
  14. रोड टू इन्फिनिटी (1979)
  15. दी सन शाइंस ब्राईट (1981)
  16. काउंटिंग दी एओंस (1983)
  17. एक्स स्टैंड्स फॉर अननॉन (1984)
  18. दी सबएटोमिक मोंस्टर (1985)
  19. फार एज ह्यूमन आई कुड सी (1987)
  20. दी रिलेटिविटी ऑफ राँग (1988)
  21. आउट ऑफ दी एवरीवेयर (1990)
  22. दी सीक्रेट ऑफ दी यूनिवर्स (1990)

असिमोव की अन्य विज्ञान की पुस्तकें

  • दी कैमिकल्स ऑफ लाइफ (1954)
  • इनसाइड दी एटम (1956)
  • ऑनली ए ट्रिलियन (1957)
  • दी वर्ल्ड ऑफ कार्बन (1958)
  • दी वर्ल्ड ऑफ नाइट्रोजन (1958)
  • वर्ड्स ऑफ साइंस एंड दी हिस्ट्री बिहाइंड देम (1959)
  • दी क्लॉक वी लाइव ऑन (1959)
  • असिमोव ऑन नम्बर्स (1959)
  • दी वेल्सप्रिंग्स ऑफ लाइफ (1960)
  • लाइफ एंड एनर्जी (1962)
  • The Human Body: Its Structure and Operation (1963)
  • दी ह्यूमन ब्रेन (1964)
  • दी इंटेलिजेंट मेंस गाइड टू साइंस (1965)
    • दी टाइटल वैरिड विथ ईच ऑफ दी फॉर एडिशंस, दी लास्ट बींग असिमोव्ज़ न्यू गाइड टू साइंस (1984)
  • प्लानेट्स फॉर मेन (स्टीफन एच.डोल के साथ)
  • दी यूनिवर्स: फ्रॉम फ्लैट अर्थ टू क्वासर (1966)
  • दी न्युट्रीनो (1966)
  • इज एनीवन देयर? (1967), आईएसबीएन 0385084013 - वेयर ही यूज्ड दी टर्म स्पॉम
  • फोटोसिन्थेसिस (1968)
  • आवर वर्ल्ड इन स्पेस (1974)
  • प्लीज़ एक्सप्लेन (1975)
  • असिमोव ऑन एस्ट्रोनोमी (1975)
  • असिमोव ऑन फिजिक्स (1976)
  • दी कौलेप्सिंग यूनिवर्स (1977), आईएसबीएन 0-671-81738-8
  • एक्सट्राटेर्रेसट्रिअल सिविलाइजेशन्स (1979)
  • विज़न्स ऑफ दी यूनिवर्स विथ कौथर काज्वाकी इवासाकी (1981)
  • एक्सप्लोरिंग दी अर्थ एंड दी कोसमोस (1982)
  • अंडरस्टैंडिंग फिजिक्स (1988) [1966]
    • वॉल्यूम I, मोशन, साउंड, एंड हीट
    • वॉल्यूम II, लाईट, मैग्नेटिज्म, एंड इलेक्ट्रसिटी
    • वॉल्यूम III, दी इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, एंड न्यूट्रॉन
  • असिमोव्स क्रोनोलोजी ऑफ साइंस एंड डिस्कवरी (1989), सेकेंड एडिशन एड्स कंटेंट थ्रू 1993
  • असिमोव्स क्रोनोलोजी ऑफ दी वर्ल्ड (1991)
  • आईज़ैक असिमोव्स गाइड टू अर्थ एंड स्पेस (1991)
  • Atom: Journey Across the Subatomic Cosmos (1991)
  • असिमोव लाफ्स अगेन (1992)
  • क्वासर्स, पल्सर्स एंड ब्लैक होल्स (1992)
  • दी सन (2003), रिचर्ड हेन्तुला द्वारा संशोधित
  • जुपिटर (2004), रिचर्ड हेन्तुला द्वारा संशोधित
  • दी अर्थ (2004), रिचर्ड हेन्तुला द्वारा संशोधित
  • वीनस (2004), रिचर्ड हेन्तुला द्वारा संशोधित

एनोटेशन

  • असिमोव की एनोटेट "डॉन जुऑन"
  • असिमोव की एनोटेट "पैराडाईज लॉस्ट"
  • असिमोव की एनोटेट "गिल्बर्ट एंड सुलेवान"
  • असिमोव की दी एनोटेट "गुलीवर्स ट्रेवल्स"
  • फेमिलियर पोयम्स, एनोटेट

मार्गदर्शिकाएँ (गाइड्स)

  • असिमोव्स गाइड टू दी बाइबल, वॉल्यूम्स I एंड II (1981), आईएसबीएन 0-517-34582-X
  • असिमोव्स गाइड टू शेक्सपियर, वॉल्यूम्स I एंड II (1970), आईएसबीएन 0-517-26825-6

आत्मकथा

  • इन मेमोरी येट ग्रीन, (1979, डबलडे)
  • इन जॉय स्टिल फेल्ट, (1980, डबलडे)
  • आई। असिमोव: ए मेमोइर (1994, डबलडे)

अन्य नॉनफिक्शन

  • ओपस 100 (1969), आईएसबीएन 0-395-07351-0
  • आईज़ैक असिमोव्स ट्रेजरी ऑफ ह्यूमर (1971)
  • दी सेंसुअस डर्टी ओल्ड मेन (1971), आईएसबीएन 0-451-07199-9
  • असिमोव्स बायोग्राफिकल एनसाइकोपीडिया ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी (1972), आईएसबीएन 0-385-17771-2
  • लेशेरस लिमेरिक्स (1976), आईएसबीएन 0-449-22841-X
  • मोर लेशेरस लिमेरिक्स (1976), आईएसबीएन 0-802-77102-5
  • स्टिल मोर लेशेरस लिमेरिक्स (1977), आईएसबीएन 0-802-77106-8
  • ओपस 200 (1979), आईएसबीएन 0-395 27625-X
  • आवर फेडरल युनियन (1975), आईएसबीएन 0-395-2283-3
  • आईज़ैक असिमोव्स बुक ऑफ फैक्ट्स (1979), आईएसबीएन 0-517-36111-6
  • ए ग्रोसरी ऑफ लिमेरिक्स, विथ जॉन सीआरडी (1981), आईएसबीएन 0-393-33112-1
  • दी रोविंग माइंड (1983) (निबन्धों का संग्रह). न्यू एडिशन पब्लिश्ड बाय प्रोमेथस बुक्स, 1997, आईएसबीएन 1-573-92181-5
  • ओपस 300 (1984), आईएसबीएन 0-395-36108-7
  • लिमेरिक्स, टू ग्रोस, जॉन सीआरडी के साथ (1985), आईएसबीएन 0-393-04530-7

टीवी और फिल्मों में दिखाई देना

  • स्ट्रेनियरी इन अमेरिका 1988
  • ओल्ट्रे न्यू यॉर्क 1986
  • वॉयेज टू दी आउटर प्लानेट्स एंड बियोंड 1986
  • एनबीसी टीवी, 1982 "स्पीकिंग फ्रीली" इन्टरव्यूड बाय एडविन न्यूमेन 1982
  • टारगेट...... अर्थ? 1980
  • दी डिक केवेट शो 1970
  • दी नेचर ऑफ थिंग्स 1969
  • "एबीसी न्यूज़" कवरेज ऑफ अपोलो 11, 1969, विथ फ्रेड पोह्ल इन्टरव्यूड बाय रॉड सेर्लिंग
  • "टू टेल दी ट्रूथ", सीबीएस, एप्रोसिमेटली 1968, प्लेइंग दी "रियल" आईज़ैक असिमोव.
  • आर्ट्स नेटवर्क टॉक शो, स्टुड्स तेर्केल तथा केल्विन ट्रिलिन द्वारा लगभग 1982 में होस्ट किया गया। हर्लेन एलीसन और जेम्स गुन सहित अन्य मेहमान भी थे।
  • "डेविड फ्रोस्ट" इन्टरव्यू प्रोग्राम, अगस्त 1969. इस शो में फ्रॉस्ट ने असिमोव से पूछा कि क्या उन्होंने कभी भगवान को पाने की कोशिश की है। कुछ देर तक बचने की कोशिश करने के बाद असिमोव ने उत्तर दिया, "भगवान मुझसे कहीं अधिक बुद्धिमान हैं, उन्हें ही मुझे खोजने दीजिए."
  • बिल मोयर्स इंटरव्यू 1988

सन्दर्भ

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  4. Freedman, Carl (2000). Critical Theory and Science Fiction. Doubleday. pp. 71 
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  7. Asimov, Isaac (1994). I, Asimov: A Memoir. New York: Doubleday. pp. 380 
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  11. Isaac Asimov FAQ, स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। asimovonline.com
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  15. Isaac Asimov Interview with Don Swaim स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।(1987)
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  23. आईज़ैक असिमोव, हूज थोट्स एंड बुक्स ट्रेवलड दी यूनिवर्स, इज डेड एट 72. [१] स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।Obituary in दि न्यू यॉर्क टाइम्स स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 7 अप्रैल 1992 पी. B7
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  30. http://planetarynames.wr.usgs.gov/jsp/FeatureNameDetail.jsp?feature=74666

स्रोत

  • असिमोव, आईज़ैक. इन मेमोरी येट ग्रीन (1979, आईएसबीएन 0-380-75432-0).
इन जॉय स्टिल फेल्ट (1980, आईएसबीएन 0-380-53025-2).
आई। असिमोव: ए मेमोइर (1994). आईएसबीएन 0-385-41701-2 (एचसी), आईएसबीएन 0-553-56997-X (पीबी).
योर्स आईज़ैक असिमोव (1996), स्टेनली असिमोव द्वारा संपादित. आईएसबीएन 0-385-47624-8.
इट्स बीन ए गुड लाइफ (2002), जेनेट असिमोव द्वारा संपादित. आईएसबीएन 1-57392-968-9.
  • गोल्डमैन, स्टीफन एच., "आईज़ैक असिमोव", इन डिक्शनरी लिटरेरी बायोग्राफी, वॉल्यूम 8, कोवार्ट एंड विमर एड्स, (गाले रिसर्च, 1981), पीपी. 15-29.
  • ह्गुन्न, जेम्स. "ऑन वैरिएशंस ऑन ए रोबोट", आईएएसएफएम, जुलाई 1980, पीपी. 56-81.
आईज़ैक असिमोव: दी फाउंडेशंस ऑफ साइंस फिक्शन (1982). आईएसबीएन 0-19-503060-5.
दी साइंस ऑफ साइंस-फिक्शन राइटिंग (2000). आईएसबीएन 1-57886-011-3.

एक्सटर्नल लिंक्स (बाह्य कड़ियाँ)

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