तरंग वक्रीय विधि

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Sanjeev bot द्वारा परिवर्तित १५:३८, १ फ़रवरी २०१७ का अवतरण (बॉट: वर्तनी एकरूपता।)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

तरंग वक्रीय विधि (wavy culve method / wcm) का उपयोग आसमिका को हल करने में किय जाता है। wcm के प्रश्नो को हल करते समय एक पक्ष शून्य हो, पद गुना में हो। यदि एक पद परिमेय है तो ध्यान रहे कि हर में शून्य नहि आये (नहि तो वह ∞ हो जायेगा)।

उदाहरण

(x-3) (x-2) ≥ 0 ; (x+5) (x-6) ≤ 0

→ x = 3, 2 ; → x= -5, 6

प्राप्त x के मानो (3 और 2) को सन्ख्या रेखा में रखने पर एक तरन्ग खीन्च्ह्ते हैं जो दायी ओर से शुरु करते हैं (+ ∞ से)। यदि पद कि घात विषम है तो तरन्ग सन्ख्या रेखा को प्राप्त बिन्दु पर काटेगी। यदि चिन्ह ≥ है तो सन्ख्या रेख के ऊपर (धनात्मक) व उस बिन्दु को लेन्गे जिस पर तरन्ग काटती है। यदि चिन्ह ≤ है तो सन्ख्या रेखा के नीचे (ऋणात्मक) व उस बिन्दू को लेन्गे जिस पर तरन्ग काटती है।

उत्तर देते समय यदि चिन्ह ≥ है या ≤ है तो उत्तर -∞ से प्राप्त प्रथम बिन्दु तक तथा प्रथम बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक फिर +∞ तक देन्गे।