तीर्थ प्रबन्ध

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित २३:५४, १४ जून २०२० का अवतरण (Rescuing 2 sources and tagging 1 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

तीर्थ प्रबन्ध सोलहवीं शती के द्वैत दार्शनिक एवं सन्त श्री वदिराज स्वामी द्वारा संस्कृत में रचित प्रमुख ग्रंथ है। यह ग्रन्थ एक यात्रावर्णन की भांति लिखा गया है जिसमें सम्पूर्ण भारत के तीर्थस्थानों का वर्णन है। इस ग्रन्थ में कुल २३५ श्लोक हैं जो चार अध्यायों में विभक्त हैं। हर दिशा के लिये एक अध्याय है।

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:asbox