चोक्कनाथ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित ११:५२, २० सितंबर २०२० का अवतरण (Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.7)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:infobox

मदुरै नायक राजवंश
के शासक
तमिलनाडु का इतिहास विषय के अंतर्गत
तिरुमलै नायक महल
मदुरै के नायक शासक
विश्वनाथ नायक 1529–1563
कुमार कृष्णप्पा 1563–1573
Joint Rulers Group I 1573–1595
Joint Rulers Group II 1595–1602
मुट्टु कृष्णप्पा 1602–1609
मुट्टु वीरप्पा 1609–1623
तिरुमल नायक 1623–1659
मुट्टु अलकद्रि 1659–1662
चोक्कनाथ 1662–1682
रंगकृष्ण मुथु वीरप्पा 1682–1689
रानी मंगम्मल‡ 1689–1704
विजय रंग चोक्कनाथ 1704–1731
रानी मीनाक्षी‡ 1731–1736
‡ नायक वंश की रानियाँ
राजधानियाँ
मदुरै 1529–1616
तिरुचिरापल्ली 1616–1634
मदुरै 1634–1665
तिरुचिरापल्ली 1665–1736
प्रमुख दुर्ग
मदुरै का किला
तिरुचिरापल्ली का किला
डिंडीगुल किला
तिरुनेलवेली किला
महल
तिरुमल नायक महल, मदुरै
चोक्क्नाथ नायक महल a.k.a. दरबार हाल, तिरुचिरापल्ली
रानी मंगल्लम तमुक्कम महल तिरुचिरापल्ली
साँचा:navbar

चोक्क्नाथ नायक अथवा मन्नार चोक्क्नाथ नायकार (1662—1682) मदुरै नायक राजवंश का राजा था जिसने अपने पिता मुट्टु अलकद्रि की मृत्यु के उपरांत १६ वर्ष की आयु में सिंहासन संभाला। सिंहासनारूढ़ होने के समय मदुरै राज्य की दशाएँ बहुत अनुकूल नहीं थीं और चोक्क्नाथ को एक बड़ी सेना मुस्लिम आक्रमणकारियों को खदेड़ने के लिये जिंजी के किले को भेजनी पड़ी। उसका सेनापति मुस्लिम सेना से मिल गया और इस युद्ध में निरर्थक धन-जन की हानि हुयी। तंजावुर के शाशकों के साथ मिलकर इसी सेनापति और मुस्लिम आक्रमणकारियों ने चोक्क्नाथ को काफ़ी नुकसान पहुँचाया। अंततः चोक्क्नाथ को अपने सेनापतियों के धोखे से परेशान होकर खुद सैन्य संचलन संभालना पड़ा और कुछ समय के लिये वह मुस्लिम आक्रमणकारियों को तंजौर और वहाँ से वापस जिंजी तक खदेड़ने में सफल रहा।

हालाँकि, यह सफलता बहुत दिनों तक कायम न रह सकी और बाद के दिनों में भी उसे इन आक्रमणकारियों और तिरुचिरापल्ली के राजाओं से युद्धरत रहना पड़ा।

इसके अलावा उसे कई बार मैसूर के शासकों और मराठों से भी युद्ध करना पड़ा जिसके दौरान उसे अपने दादा द्वारा बनवाए तिरुमलै नायक महल को स्वयं नष्ट कर यहाँ रखी मूल्यवान चीजों को इधर उधर छिपाना पड़ा।[१]

चोक्कनाथ नायक महल के अन्दर का दृश्य

चोक्कनाथ के बाद उसका पुत्र रंगकृष्ण मुथु वीरप्पा मदुरै का शासक बना और मात्र सात वर्षों ((1682—1689) के शासन के बाद रंगकृष्ण की मृत्यु के पश्चात् रानी मंगम्मल (1689—1704) को शासन संभालना पड़ा क्योंकि चोक्कनाथ का पौत्र अभी अल्पायु ही था।[२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

साँचा:asbox