कोयल (एशियाई)
एशियाई कोयल | |
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ਮਾਦਾ (nominate race) | |
ਨਰ (nominate race) | |
Scientific classification | |
Binomial name | |
Eudynamys scolopaceus | |
The distribution of Asian koel in black[१] | |
Synonyms | |
Cuculus scolopaceus |
एशिया में पाया जाने वाला कोयल (Eudynamys scolopaceus) कुकुलीफोर्म्स नामक कोयल गण का पक्षी है। यह दक्षिण एशिया, चीन एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है [१]साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] ब्लेक बिल व प्रशांति कोयल के साथ उप प्रजाति दर्शाता है, यह पक्षी कभी भी अपने अंडों के लिए हौसला नहीं बनाता यह अपने अंडे अन्य पक्षियों के घोंसले में रख देता है, ज्यादातर ये कौवा के अंडे को नीचे गिरा कर अपने अंडे उसके घोंसले में रख देता है यह शर्मिला अकेला रहने वाला पक्षी है एशियाई कोयल ज्यादातर फलभक्षी होते हैं कोयल भारत में कई जगह कविताओं में अच्छा प्रतीक माना जाता है!
हिंदी में विवरण
एशियाई कोयल लंबी पूंछ वाला पक्षी है| इसकी लंबाई 40 से 45 सेंटीमीटर व 16 से 18 इंच तक होती है | व भजन 195 से 330 ग्राम तक होता है | नर एशियाई कोयल नीला व काले रंग का होता है, इसकी चोंच हल्की भूरी होती है |इसकी आंख की पुतली गहरी लाल होती है |व भूरे पैर व पंजे होते हैं| और मादा कोयल इसका माथा भूरा होता है |वह सिर पर धारियां होती हैं इसकी पीठ, दुम व पंख कवच गहरे भूरे होते हैं |सफेद धब्बों के साथ, अंदरूनी हिस्से सफेद ज्यादा धारीदार होते हैं इनके अन्य उपजाति वाले पक्षियों में रंग व आकार अलग-अलग होता है |वयस्क पक्षियों की ऊपरी जताई नर की तरह चोंच काली होती है | यह प्रजनन के महीनों के समय ज्यादा स्वर निकालते हैं मार्च से अगस्त के एक जैसी आवाज करते हैं नर परिचित स्वर कू कू कू व मादा कि कि कि स्वर निकालती है |परजीवी कोयल और पक्षी से अलग होते हैं
एशिलंबी पूंछ वाला पक्षी है इसकी लंबाई 40 से 45 सेंटीमीटर व 16 से 18 इंच तक होती है व भजन 195 से 330 ग्राम तक होता है, नर एशियाई कोयल नीला व काले रंग का होता है इसकी चोंच हल्की भूरी होती है|इसकी आंख की पुतली गहरी लाल होती है व पैर व पंजे भूरे होते हैं, और मादा कोयल इसका माथा भूरा होता है, व सिर पर धारियां होती हैं |इसकी पीठ, दुम व पंख कवच गहरे भूरे होते हैं, सफेद धब्बों के साथ, अंदरूनी हिस्से सफेद ज्यादा धारीदार होते हैं इनके अन्य उपजाति है वाले पक्षियों में रंग व आकार अलग-अलग होता है| वयस्क पक्षियों की ऊपरी जताई नर की तरह वह चोंच काली होती है |यह प्रजनन के महीनों के समय ज्यादा स्वर निकालते हैं |मार्च से अगस्त एक जैसी आवाज करते हैं नर परिचित स्वर कू कू कू व मादा कि कि कि स्वर करती है |परजीवी कोयल यह पक्षी अलग होते हैं!
एशियाई कोयल की आदतें पर बसेरा
यह पेड़ पौधों पर खेती वाले इलाकों में अधिक पाए जाने पाए जाते हैं एशियाई कोयल प्रजनन के लिए भारत से दक्षिण एशिया के उष्णकटिबंधीय जंगलों में बांग्लादेश और श्रीलंका से चाइना में महान संडास चाहते हैं नए क्षेत्रों में जल्दी ही अपना आवाज बना लेते हैं यह सबसे पहले सिंगापुर में 1980 में आए वह आते ही यह आम पक्षी की तरह सभी जगह फैल गए!
वर्गीकरण
इस प्रजाति की कई विविधता द्विप आबादी व विस्तृत श्रृंखला के साथ वर्गीकृत किए हैं पहला समावेशी का ब्लैक बिल्ड व दूसरा प्रशांत कोयल जो ऑस्ट्रेलिया में रहती है |और इन दोनों प्रजातियों को आम कोयला के रूप में भी माना जाता है |इनके चौच का रंग व आवाज़ इनके पंखों का अलग होना इन तीनों को एक उप प्रजाति के रूप में प्रदर्शित करता है |इसमें वैकल्पिक रूप से सुलावेसी की काली चोंच को ही उप प्रजाति के रूप में माना जाता है| यह प्रशांत कोयल की श्रेणी है जो ऑस्ट्रेलिया में प्रजनन करते हैं. उनको ऑस्ट्रेलियन कोयल कहते हैं!
बाहरी कड़ियाँ
- Song of the Indian Koel
- Common Koel videos, photos & sounds on the Internet Bird Collection
- Calls, Xeno-Canto Asia
- The Koel in Singapore