महाराजा ब्रजेन्द्र सिंह

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जीवन परिचय महाराजा बृजेन्द्र सिंह का जन्म 1 दिसंबर 1918 को महाराजा श्री किशन सिंह जी के सेवर महल में महारानी साहिबा राजेंद्र कौर के गर्भ से हुआ वह ब्रायनस्टोन और वेलिंगटन में शिक्षित थे महाराजा बृजेन्द्र सिंह को उनकी वीरता बहादुरी के लिए सवाई और बहादुर जंग की उपाधि से सुशोभित किया गया | महाराजा किशन सिंह की 27 मार्च 1929 मृत्यु होने पर महाराजा बृजेन्द्र सिंह का 14 अप्रैल1929 को भरतपुर की राज गद्दी राजतिलक हुआ

महाराजा बृजेन्द्र सिंह के दो विवाह हुए प्रथम विवाह. मैसूर कंठिरव नरसिम्हा राजा वाडियार की तीसरी बेटी महारानी जया चामुंडा अम्मानी अवरु, हुआ महारानी जया से इनके 4 पुत्रियां हुई

1 राजकुमारी पर्वत कौर जी जिनका विवाह जाट राजा हरजिन्द्र सिंह के साथ हुआ 2. राजकुमारी पुष्पेंद्र कौर 3. राजकुमारी रेणुका कौर इनका विवाह पिसावा राजा महेंद्र सिंह तोमर से हुआ 4. राजकुमारी दीर्घ कौर जिनका विवाह नाभा रियासत के राजा हनुवंत सिंह मलविंदर हुआ इनका दूसरा विवाह सरदार देवराज सिंह की पुत्री विदेह कौर के साथ हुआ जिन से उनके 1 पुत्र और 1 पुत्री है

1 महाराजा सवाई विश्वेन्द्र सिंह बहादुर जंग शान ए जाट 2. राजकुमारी गंगा कौर(रोहिणी कौर) इनका विवाह रविंदर सिंह ग्रेवाल फरीदकोट के साथ हुआ महाराजा बृजेन्द्र सिंह संसद सदस्य थे (लोकसभा) 8 जुलाई 1995 को उनका निधन हो गया।

समाज हित में किया गया कार्य रियासत कालीन भारत में भरतपुर रियासत के 13 वें अंतिम शासक महाराजा सवाई कर्नल श्री बृजेंद्र सिंह जी भारत के पहले शासक हैं जिन्होंने श्री लक्ष्मण जी के मंदिर में हरिजनों का प्रवेश कराया तथा शिक्षा, चिकित्सा, जल का समुचित प्रबंध कराया। आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के बच्चों को राज की तरफ से शिक्षा दिलवाई।