जाति (संगीत)
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किसी भी राग की जाति मुख्यत: तीन तरह की मानी जाती है।
१) औडव - जिस राग मॆं ५ स्वर लगें
२) षाडव- राग में ६ स्वरों का प्रयोग हो
३) संपूर्ण- राग में सभी सात स्वरों का प्रयोग होता हो
इसे आगे और विभाजित किया जा सकता है। जैसे- औडव-संपूर्ण अर्थात किसी राग विशेष में अगर आरोह में ५ मगर अवरोह में सातों स्वर लगें तो उसे औडव-संपूर्ण कहा जायेगा। इसी तरह, औडव-षाडव, षाडव-षाडव, षाडव-संपूर्ण, संपूर्ण-षाडव आदि रागों की जातियाँ हो सकती हैं।