अनुशासनपर्व
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अनुशासन पर्व के अन्तर्गत २ उपपर्व हैं-
पर्व | शीर्षक | उप-पर्व संख्या | उप-पर्व सूची | अध्याय एवम श्लोक संख्या | विषय-सूची |
१३ | अनुशासनपर्व | ८८-८९ | साँचा:main other
|
१८६/८००० |
अनुशासन पर्व में कुल मिलाकर १८६ अध्याय हैं। इस पर्व में भी भीष्म के साथ युधिष्ठिरका धर्म कर्म के विषय में संवाद है। भीष्म युधिष्ठिर को नाना प्रकार से तप, धर्म और दान की महिमा बतलाते हैं और अन्त में युधिष्ठिर पितामह की अनुमति पाकर हस्तिनापुर चले जाते हैं। भीष्मस्वर्गारोहण पर्व में भीष्म के पास युधिष्ठिर का जाना, युधिष्ठिर की भीष्म से बात, भीष्म का प्राणत्याग, युधिष्ठिर द्वारा उनका अन्तिम संस्कार किए जाने का वर्णन है। इस अवसर पर वहाँ उपस्थित लोगों के सामने गंगा जी प्रकट होती हैं और पुत्र के लिए शोक प्रकट करने पर श्री कृष्ण उन्हें समझाते हैं। |
बाहरी कडियाँ
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- जिनका उदेश्य है - वेद प्रचारसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
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