भीष्मपर्व
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भीष्म पर्व के अन्तर्गत ४ उपपर्व हैं और इसमें कुल १२२ अध्याय हैं।
पर्व | शीर्षक | उप-पर्व संख्या | उप-पर्व सूची | अध्याय एवम श्लोक संख्या | विषय-सूची |
६ | भीष्मपर्व | ६६-६९ | साँचा:main other
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११७/५८८४ |
भीष्म पर्व में कुरुक्षेत्र में युद्ध के लिए सन्नद्ध दोनों पक्षों की सेनाओं में युद्धसम्बन्धी नियमों का निर्णय, संजय द्वारा धृतराष्ट्र को भूमि का महत्व बतलाते हुए जम्बूखण्ड के द्वीपों का वर्णन, शाकद्वीप तथा राहु, सूर्य और चन्द्रमा का प्रमाण, दोनों पक्षों की सेनाओं का आमने-सामने होना, अर्जुन के युद्ध-विषयक विषाद तथा व्याहमोह को दूर करने के लिए उन्हें उपदेश (श्रीमद्भगवद्गीता), उभय पक्ष के योद्धाओं में भीषण युद्ध तथा भीष्म के वध और शरशय्या पर लेटकर प्राणत्याग के लिए उत्तरायण की प्रतीक्षा करने आदि का निरूपण है। |
बाहरी कडियाँ
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- ज्ञानामृतम् -यहाँ वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदि पर सम्यक जानकारी है।
- वेद एवं वेदांग - आर्य समाज, जामनगर के जालघर पर सभी वेद एवं उनके भाष्य दिये हुए हैं।
- जिनका उदेश्य है - वेद प्रचारसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
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