सभापर्व

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Sanjeev bot द्वारा परिवर्तित ०७:३९, २० जनवरी २०२२ का अवतरण (बॉट: -lintErrors (center))
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

महाभारत के द्वितीय पर्व, सभा पर्व, के अन्तर्गत कुल १० उपपर्व और ८१ अध्याय हैं।

उपपर्व

  • सभाक्रिया पर्व
  • लोकपालसभाख्यान पर्व
  • राजसूयारम्भ पर्व
  • जरासन्धवध पर्व
  • दिग्विजय पर्व
  • राजसूय पर्व
  • अर्घाभिहरण पर्व
  • शिशुपालवध पर्व
  • द्यूत पर्वsloke sakhya63
  • अनुद्यूत पर्व

अध्याय एवम श्लोक

  • अध्याय एवम श्लोक संख्या : ८१/४०५६

विषय-सूची

सभा पर्व में देवशिल्पी विश्वकर्मा द्वारा इन्द्रप्रस्थ का निर्माण तथा मय दानव द्वारा युधिष्ठिर के लिए सभाभवन का निर्माण, देवर्षि नारद द्वारा विभिन्न लोकपालों की सभाओं का वर्णन, देवर्षि नारद के कहने पर युधिष्ठिर द्वारा राजसूय करने का संकल्प करना, जरासन्ध की कथा तथा उसका वध, पाण्डवों की दिग्विजय यात्रा, शिशुपालवध, दुर्योधन तथा शकुनि द्वारा द्युतक्रीडा का आयोजन, युधिष्ठिर की उस द्यूत में हार और पाण्डवों का वनवास आदि वर्णित है।

चित्र दीर्घा

बाहरी कडियाँ

साँचा:navbox