चौधरी रहमत अली
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चौधरी रहमत अली (उर्दू: چودھری رحمت علی) (नवंबर, 1897 - 3 फ़रवरी 1951) एक पाकिस्तान[१][२][३]वे मुस्लिम गुर्जर परिवार में पैदा हुए.और राज्य गठन के सबसे पहेले समर्थको में से एक था, वह एक पाकिस्तानी मुस्लिम राष्ट्रवादी थे। उन्हे दक्षिण एशिया में एक अलग मुस्लिम देश के लिये "पाकिस्तान" नाम बनाने का श्रेय दिया जाता है और आम तौर पर इसके निर्माण के लिये आंदोलन के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उनका एक मशहूर बयान जो १९३३ मे प्रसिद्ध शीर्षक के रूप मे "अभी या कभी नही हम जीते या हमारा नाश हो" जीसे पर्चे के जरिये शुरु किया था।
संदर्म
- ↑ http://books.google.co.in/books?id=9q21AAAAIAAJ&dq=rehmat+ali+gurjar+pak&q=gujjar#search_anchor स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Rahmat Ali: a biography By Khursheed Kamal Aziz
- ↑ http://books.google.co.in/books?lr=&id=KSluAAAAMAAJ&dq=rehmat+ali+gujjar&q=gujjar#search_anchor स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Iqbal: the spiritual father of Pakistan By Rashida Malik
- ↑ http://books.google.co.in/books?lr=&id=F5QBAAAAMAAJ&dq=rehmat+ali+gujjar&q=gujjar#search_anchor स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Complete works of Rahmat Ali, Volume 1 By Choudhary Raḣmat ʻAlī, Khursheed Kamal Aziz