फर्नान्दिना (गैलापागोस)
फर्नान्दिना | |
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उच्चतम बिंदु | |
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माप और विस्तार | |
क्षेत्रफल | साँचा:convinfobox |
भूगोल | |
देश | साँचा:enum |
राज्य | साँचा:enum |
राज्य/प्रांत | साँचा:enum |
जिला | साँचा:enum |
बस्ती | साँचा:enum |
सीमा निर्माण | साँचा:enum |
उपविभाग | साँचा:enum |
टोपोग्राफिक नक्शा | साँचा:if empty |
भूविज्ञान | |
चट्टान पुरातनता | साँचा:if empty |
पर्वत प्रकार | शील्ड ज्वालामुखी |
चट्टान प्रकार | साँचा:enum |
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अंतिम विस्फोट | 2018[१] |
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फर्नान्दिना द्वीप (नारबोरॉह) का नाम आरागॉन के राजा फर्डिनेंड द्वितीय, के सम्मान में रखा गया है। फर्डिनेंड द्वितीय ने कोलंबस की यात्रा को प्रायोजित दिया गया था। फर्नान्दिना का क्षेत्रफल 642 वर्ग किलोमीटर (248 वर्ग मील) और अधिकतम ऊंचाई 1,494 मीटर (4,902 फुट) है। यह गैलापागोस द्वीपसमूह का सबसे छोटा और सबसे पश्चिम मे स्थित द्वीप है। 13 मई 2005, को द्वीप पर एक नयी ज्वालामुखी प्रक्रिया शुरू हुई। ज्वालामुखी प्रक्रिया के दौरान ज्वालामुखी से निकली राख और जल वाष्प के बादल हवा में 7 किलोमीटर (4.4 मील) ऊपर तक उठ गये और निकला हुआ लावा ज्वालामुखी की ढलान से समुद्र की ओर बहने लगा। पुंटा एस्पिओनोसा वो संकरी भूमि है जहां सैकड़ों समुद्री गोहें काली लावा चट्टानों पर इकट्ठा होती है। प्रसिद्ध उड़ानरहित जलकाग के साथ इस द्वीप पर गैलापागोस पेंगुइन, पेलिकन और जलसिंह भी बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। विभिन्न प्रकार के लावा प्रवाह और सदाबहार वनों को भी यहाँ देखा जा सकता है।