मानवता धर्म

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पोर्तो अलेग्रे में सकारवादी मंदिर

मानवता धर्म ऑगस्ते कॉमते द्वारा स्थापित धर्मनिर्पेक्ष धर्म है। इस धर्म के अनुयायिओं ने फ्रांस और ब्राज़ील में 'मानवता' के प्रार्थना कक्ष या मंदिर बनाए हैं।[१]

ब्राज़ील में मानवता धर्म

'कॉमतियन सकारवाद' सापेक्ष रूप से ब्राज़ील में लोकप्रिय था। 1881 में मिगुएल लेमोस और रैमुंडो तीक्सीरा ने 'ब्राज़ील का सकारवादी चर्च' संगठित किया। 1897 में 'मानवता मंदिर' बनाया गया।[२] मंदिर में प्रार्थना आदि का कार्य चार घंटे तक चलता जिसके कारण और विशेष कठोर नैतिक अनुशासन के कारण रिपब्लिकन काल में इसके कार्य में कुछ कमी आई.[३] तथापि यह सेनानी वर्ग में लोकप्रिय हआ जब बेंजामिन कांस्टेंट (ब्राज़ील) इस समूह में आए. बाद में वे इससे अलग भी हो गए क्योंकि वे मेंडिस और लेमोस को बहुत अधिक कट्टरवादी मानते थे। कैंडिडो रॉन्डॉन का इसमें आना इसे दृढ़ता देने वाला था क्योंकि वे परंपरावादी सकारवादी बने रहे जबकि बहुत बाद में चर्च का महत्व क्षीण हो गया था।[४]

अन्य उदाहरण

ऑगस्ते कॉमते से प्रेरित हो कर जॉन स्टुअर्ट मिल ने भी मानवता धर्म शुरू किया। सकारवादियों द्वारा मानवता धर्म शुरू किए जाने के और भी उदाहरण हैं। कई लेखक हैं जिन्होंने अपने द्वारा समर्थित धर्म, चाहे जो भी धर्म हो, का गुणगान किया है। भारत में बाबा फकीर चंद ने मानवता मंदिर, होशियारपुर, भारत की स्थापना अपने मानव-धर्म के विस्तार के लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से की जिसकी व्याख्या डेविड सी. लेन ने अपनी पुस्तक 'द अननोइंग सेज' में की है।

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ