पुरापाषाण काल
पुरापाषाण काल (अंग्रेजी Palaeolithic) प्रौगएतिहासिक युग का वह समय है जब मानव ने पत्थर के औजार बनाना सबसे पहले आरम्भ किया। यह काल आधुनिक काल से २५-२० लाख साल पूर्व से लेकर १२,००० साल पूर्व तक माना जाता है। इस दौरान मानव इतिहास का ९९% विकास हुआ। इस काल के बाद मध्यपाषाण युग का प्रारंभ हुआ जब मानव ने खेती करना शुरु किया था। [१]
भारत में पुरापाषाण काल के अवशेष आंध्र प्रदेश के कुरनूल, कर्नाटक के हुँस्न्गी, ओडिशा के कुलिआना, राजस्थान के डीडवानाके श्रृंगी तालाब के निकट और मध्य प्रदेश के भीमबेटकाऔर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के सिंघनपुर में भी मिलते हैं। इन अवशेषो की संख्या मध्यपाषाण काल के प्राप्त अवशेषो से बहुत कम है।[२]
इस काल को जलवायु परिवर्तन तथा उस समय के पत्थर के हथियारो तथा औजारो के प्रकारों के आधार पर निम्न तीन भागों में विभाजित किया गया है:-
(1)निम्नपुरापाषाण काल Lower Paleolithic Age (2)मध्यपुरापाषाण काल Middle Paleolithic Age (3)उत्तर या उच्चपुरापाषाण काल Upper Paleolithic Age
निम्नपुरापाषाण - यह पूरापाषाण काल का लंबा समय है। इस समय मनुष्य पत्थरो से निर्मित औजार का प्रयोग करते थे। जैसे- हस्तकुठार, खण्डक, विदारणी। अधिकांश पुरापाषाण युग हिम युग से गुजरा है। निम्नपुरापाषाण स्थल भारतीय महाद्वीप के लगभग सभी क्षेत्रों में प्राप्त होता है। जिसमे असम की घाटी, सिंधु घाटी, बेलन घाटी और नर्मदा घाटी प्रमुख है।
2. मध्यपुरापाषाण काल- मध्यपुरापाषाणकाल मे शल्क उपकरणों का प्रयोग बढ़ गया। मुख्य औजार के रूप में पत्थर की पपड़ियों से बने विभिन्न प्रकार के फलक, वेधनी, छेदनी और खुरचनी मिलते हैं ।हमें वेधनियाँ और फलक जैसे हथियार भारी मात्रा में मिले है।
3. उच्चपुरापाषाण:- उच्चपुरापाषाण काल में आद्रता कम हो गयी थी तथा हिमयुग का अंतिम अवस्था थी । इस समय आधुनिक मानव होमोसेपियंस का उदय हुआ। इस काल के औजार अधिक तेज व चमकीले थे। ये औजार हमें आंध्र, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दक्षिणी उत्तरप्रदेश और बिहार के पठार में मिले हैं।
इन्हें भी देखें
Histri
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ भारत में पुरातत्वीक महत्व के स्थान स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (अंग्रेजी)