जस्टिस पार्टी

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यह बीसवीं सदी के आरंभ में उभरने वाले एक जाति आधारित आंदोलन को संचालित करने के लिए निर्मित संगठन थी। मद्रास में 1915-1916 के आसपास मंझोली जातियों की ओर से सी.एन. मुलियार, टी। एन, नायर और पी. त्यागराज चेट्टी ने जस्टीस आंदोलन की स्थापना की थी। इन मंझोली जातियों में तमिल वल्लाल, मुदलियाल और चेट्टियार प्रमुख थे। इनके साथ ही इसमें तेलुगु रेड्डी, कम्मा, बलीचा नायडू और मलयाली नायर भी सम्मलित थे। इनमें अनेक भूस्वामी और समृद्ध व्यापारी थे जिन्हें शिक्षा, सेना एवं राजनीति के क्षेत्र में ब्राह्मणों का वर्चस्व देखकर इर्ष्या होती थी। ब्राह्मण मद्रास प्रसिडेंसी में 3.2% थे किंतु 1912 में 55% डिप्टी कलक्टर, 72.6% जिला मुंसिफ ब्राह्मण ही थे। जस्टिस पार्टी को राजभक्ति के बदले में अपने सदस्यों के लिए नई नौकरियां और नई गतिविधियों में अधिक प्रतिनिधित्व की आशा थी।