भीमपलासी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>संजीव कुमार द्वारा परिवर्तित १५:१२, ४ अगस्त २०२० का अवतरण (182.48.232.119 (Talk) के संपादनों को हटाकर संजीव कुमार के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

यह राग काफी थाट से निकलता है। आरोह में रे और ध"' नहीं लगता और अवरोह में सब स्वर लगते हैं, इसलिये इस की जाति औडव-सम्पूर्ण मानी जाती है। इसमें ग"' और नी"' कोमल लगते हैं। वादी स्वर म"' और सम्वादी स्वर स"' माना जाता है।

गाने-बजाने का समय दिन का तीसरा प्रहर है।

आरोह-नी_ स, ग_, म प नी_ सं।

अवरोह--सं, नी_, ध प, म ग_ रे स।

पकड़-नी_सं म, म ग_, प म, ग_ म ग_ रे स।

सन्दर्भ

साँचा:reflist