भारतीय अमरीकी
अमरीका में बसे 38,52,293 [१] भारतीय अमेरिकी भारत और अमेरिका के मध्य मजबूत कड़ी हैं। सैन फ़्रांसिस्को-लॉस एंजेलिस, न्यूयॉर्क-न्यू जर्सी, शिकागो, डैट्रायट, ह्यूस्टन, एटलांटा, मायामी-आरलैण्डो-टैम्पा और वाशिंगटन डी. सी. के बड़े क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपस्थिति है। 1960 और 1970 के दशकों में अमेरिका आए पहले भारतीयों में डॉक्टर, वैज्ञानिक और इंजीनियर (अभियान्त्रक) जैसे पेशों के लोग थे पर हाल ही में बहुत से अन्य पेशों के लोग भी आने लगे हैं। भारतीय-अमेरिकियों ने बहुत सी संस्थाएँ और संगठन बनाये हुए हैं जो मुख्य रूप से भाषा के आधार पर और कुछ एक व्यवसाय के आधार पर बनाये गये हैं। सम्पन्नता बढ़ने से, खासकर सूचना तकनीक और बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्रों में, यह समुदाय राजनीति के क्षेत्र में भी लगातार सक्रीय भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय-अमेरिकी समुदाय की बढ़ती हुई राजनीतिक चेतना और प्रभाव का एक महत्वपूर्ण परिणाम कांग्रेशनल कॉकस ऑन इंडिया एंड इंडियन अमेरिकन्स के रूप में सामने आया है। निचले सदन में इस कॉकस के सदस्यों की संख्या 130 है और सदन में यह किसी एक देश से सम्बन्धित सबसे बड़ा गुट है। इस गुट और भारतीय-अमेरिकी समुदाय दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है और उनकी कोशिश है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश अतीत को भुला दें और अपनी नीतियों और हितों में मजबूत तालमेल बनायें।
न्यूयॉर्क महानगर में भारतीय-अमेरिकियों की सबसे बड़ी आबादी निवास करती है।