चेन्नई का भूगोल

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कामाराजार सलाई जो मरीना बीच के साथ साथ चलने वाली एक सड़क है

चेन्नई भारत के दक्षिण पूर्वी तट पर तमिलनाडु प्रदेश के उत्तरी पूर्वी तटीय क्षेत्र में स्थित है। इस तटीय क्षेत्र को पूर्वी तटीय मैदानी क्षेत्र भी कहा जाता है। इस क्षेत्र की समुद्र तल से औसत ऊँचाई ६.७ मीटर है[१] और सबसे ऊँचा स्थान ६० मीटर की ऊँचाई पर है।[२] मरीना बीच के नाम से प्रसिद्ध चेन्नई के समुद्र तट का विस्तार १२ किलोमीटर तक है। शहर के मध्य में बहने वाली कूवम नदी और दक्षिण से बहने वाली अड्यार नदी आज की तारीख में बहुत ही ज्यादा प्रदूषित हो चुकी हैं। अड्यार नदी कूवम से कम प्रदूषित है और इसके तट पर अनेक पशु-पक्षियों का बसेरा है।[३][४] इन दोनों नदियों को बकिंघम नहर के द्वारा जोड़ा गया है। यह नहर अपनी ४ किलोमीटर की दूरी सागर तट के सामानान्तर तय करती है। शहर के पश्चिमी भाग में कई झीलें हैं, जिनमें से रेड हिल्स, शोलावरम और चेम्बरामबक्क्म से पेय जल की आपूर्ति होती है। चेन्नई का भूमिगत जल भी प्रदूषित होता जा रहा है।[५]

चेन्नई में बहने वाली कूवम नदी। प्रदूषण के कारण इस नदी पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है।

चेन्नई शहर को उत्तर, मध्य, दक्षिण और पश्चिमी चेन्नई नामक चार भागों में बँटा है। है। उत्तरी चेन्नई एक औद्योगिक क्षेत्र है। मध्य चेन्नई शहर का व्यावसायिक केंद्र है। यहाँ पर स्थित पेरिज कार्नर, जिसे स्थानीय लोग पेरिज भी कहते हैं, एक प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र है। दक्षिण और पश्चिमी चेन्नई सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र बनता जा रहा है। बढ़ती आबादी के कारण शहर विभिन्न दिशाओ में बढ़ता जा रहा है। जिन क्षेत्रो में सर्वाधिक विकास हो रहा है वह हैं- पुराना महाबलीपुरम रोड, दक्षिणी ग्रांड ट्रंक रोड और पश्चिम में अंबात्तुर, कोयमबेडु और श्रीपेरम्बदूर की दिशा के क्षेत्र।[६] चेन्नई की शहर सीमा में एक राष्ट्रीय उद्यान भी है, जिसे गुंडी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है।[७]

चेन्नई में वार्षिक तापमान लगभग एक समान होता है। इसका कारण चेन्नई का सागर तट पर एवं थर्मल इक्वेटर पर स्थित होना है। वर्ष भर मौसम आम तौर पर गर्म एवं उमस भरा होता है। मई एवं जून का प्रथम सप्ताह वर्ष का सबसे गर्म समय होता है। इस समय जब तापमान ३८-४२ डिग्री सेल्सियस के आस-पास पहुँच जाता है, तो स्थानीय लोग इसे अग्नि नक्षत्रम या कथिरि वेय्यी कहते है।[८] वर्ष का सबसे ठंडा महीना जनवरी का होता है, जब न्यूनतम तापमान १८-२० डिग्री सेल्सियस तक पँहुच जाता है। अब तक यहाँ का सबसे न्यूनतम तापमान १५.८ डिग्री सेल्सियस और उच्चतम तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।[९][१०] चेन्नई में वर्ष में औसतन १,३०० मिलीमीटर वर्षा होती है। मुख्यतः वर्षा सितम्बर से दिसंबर के मध्य होती है। देश के अन्य भागों से विपरीत चेन्नई में वर्षा मानसून के लौटने के दौरान उत्तर-पूर्वी हवाओं के चलते होती है। बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवात कई बार चेन्नई भी पहुँच जाते हैं। सन २००५ में आज तक की सबसे ज्यादा वर्षा २,५७० मिलीमीटर दर्ज की गई थी।[११]

सन्दर्भ