कामेत पर्वत

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कामेत
Kamet
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कामेत और अन्य श्रेणियाँ 1908, ब्रिटिश पर्वतारोही चार्ल्स ग्रैनविल ब्रूस द्वारा।
उच्चतम बिंदु
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सूचीयनअल्ट्रा
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भूगोल
स्थानउत्तराखण्ड, भारत
देशसाँचा:enum
राज्यसाँचा:enum
राज्य/प्रांतसाँचा:enum
जिलासाँचा:enum
बस्तीसाँचा:enum
मातृ श्रेणीगढ़वाल हिमालय
सीमा निर्माणसाँचा:enum
उपविभागसाँचा:enum
टोपोग्राफिक नक्शासाँचा:if empty
चट्टान पुरातनतासाँचा:if empty
चट्टान प्रकारसाँचा:enum
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आरोहण
प्रथम आरोहण21 जून 1931, फ्रैंक स्माइथ, एरिच शिपटन, आर एल होल्ड्स्वर्थ व लेवा शीपा द्वारा
सरलतम मार्गहिमानी/हिम/बर्फ की चढ़ाई

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कामेत पर्वत (तिब्बती:कांग्मेद), भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में नन्दा देवी पर्वत के बाद सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है। यह ७,७५६-मीटर (२५,४४६ फुट) ऊँचा है।[२] यह उत्तराखण्ड राज्य के चमोली ज़िले में तिब्बत की सीमा के निकट स्थित है। यह भारत में तीसरा सबसे ऊँचा शिखर है (हालांकि भारत के अनुसार इसका स्थान बहुत बाद में आता है, जो कि पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित हिमालय की बहुत सी चोटियों के बाद आता है)। विश्व में इसका २९वां स्थान है।[३] कामेट शिखर को ज़ांस्कर शृंखला का भाग और इसका सबसे ऊँचा शिखर माना जाता है। यह हिमालय की मुख्य शृंखला के उत्तर में सुरु नदी एवं ऊपरी करनाली नदी के बीच स्थित है। देखने में यह एक विशाल पिरामिड जैसा दिखाई देता है, जिसके चपटे शिखर पर दो चोटियाँ हैं।

कामेत शिखर का नाम तिब्बती भाषा के ‘कांग्मेद’ शब्द के आधार पर रखा गया है। तिब्बती लोग इसे कांग्मेद पहाड़ कहते हैं।[३] कामेत पर्वत तीन प्रमुख हिमशिखरों से घिरा है। इनके नाम अबी गमिन, माना पर्वत तथा मुकुट पर्वत हैं। कामेत शिखर के पूर्व में स्थित विशाल हिमानी (ग्लेशियर) को पूर्वी कामेत हिमानी कहते हैं और पश्चिम में पश्चिमी कामेट हिमानी है।

पड़ोसी शिखर

कामेत को तीन प्रधान पड़ोसी घेरे हुए हैं:

  • मुकुट पर्वत : इस पर्वत पर दो शिखर हैं, जो ७२४२ मी.(२३,७६० फीट) एवं ७,१३० मी.(२३,३९२ फीट) ऊंचे हैं। इनकी स्थिति निर्देशांक साँचा:coord पर, कामेत के उत्तर-पश्चिम में है। इन पर प्रथम चढ़ाई १९५१ में हुई थी।
  • अबी गमिन: यह शिखर ७३५५ मी (२४१३० फीट) है। इसकी स्थिति निर्देशांक साँचा:coord पर, कामेत के उत्तर-पूर्वोत्तर में है। यह शिखर कामेट से मीएड्स कोल द्वारा जुड़ा हुआ है। इस पर प्रथम चढ़ाई १९५० में हुई थी।
  • माना पर्वत: माना शिखर ७२७२ मी. (२३८५८ फीट) ऊँचा है। इसकी स्थिति निर्देशांक साँचा:coord पर, कामेत से दक्षिण-दक्षिणपूर्व में है। माना शिखर पर प्रथम चढ़ाई १९३७ में हुई थी। इसके निकट ही माना दर्रा है।

इन तीनों के अलावा कई अन्य साथी शिखर जैसे माना NW, ७०९२ मी. पॉइंट ६९७७ मी, देवबन, ६८५५ मी. एवं बिधान पर्वत, ६५१९ मी. भी कामेत के निकटवर्ती हैं।[४]

हिमानियाँ व नदियाँ

कामेत पर्वत is located in उत्तराखण्ड
कामेत
कामेत
नंदा देवी
नंदा देवी
कामेत एवं नंदा देवी, उत्तरी भारत में स्थित

कामेत पर्वत के पश्चिम में पश्चिमी (पछिमी) कामेत हिमानी और पूर्व में पूर्वी (पुर्वी या पुर्वा) कामेत और रायकाना हिमानी हैं। पश्चिमी कामेट हिमानी की शाखाएँ कामेत, अबी गामिन और मुकुट पर्वत के पश्चिमी तराई क्षेत्र तक जाते हैं। पूर्वी कामेत हिमानी कामेत और माना के पूर्वी ओर से आगे तक फैला हुआ है। रायखाना हिमानी मीड कोल सैडल के पूर्वी ओर से आरंभ होकर अबी गामिन के पूर्व में पूर्वी कामेत हिमनद से मिल जाता है। पश्चिमी हिमानी सरस्वती नदी का स्रोत है और पूर्वी हिमानी धौलीगंगा नदी का स्रोत है। ये दोनों ही नदियाँ चमोली ज़िले की प्रधान नदी, अलकनन्दा नदी की सहायक नदियाँ हैं।

पर्वतारोहण

पर्वतारोही कामेत पर्वत के निकटवर्ती पूर्वी तथा पश्चिमी कामेत ग्लेशियरों से होकर ही शिखर की ओर चढ़ते हैं। इस मार्ग में कई जगह ऐसे पहाड़ हैं, जैसे बहुत ऊंची चट्टानी दीवार हो, जबकि कई जगह बहुत संकरा और काफी तिरछा मार्ग है। वहां बर्फ पर बहुत फिसलन होती है, लेकिन रस्सियों की सहायता से पर्वतारोही आगे बढ़ते हैं। इस चोटी पर चढ़ने के प्रयास १८५५ में आरम्भ हुए थे, किन्तु १९३१ में पहली बार इस शिखर पर एक ब्रिटिश टीम ने सफलता प्राप्त की थी। उस अभियान का नेतृत्व फ्रेंक स्मिथ ने किया था।[३] टीम में शिखर तक पहुंचने वाले अन्य लोग एरिक शिप्टन, होल्सवर्थ और लेवा शेरपा थे। कामेत शिखर पर दूसरी विजय दार्जिलिंग में स्थित हिमालय पर्वतारोहण संस्थान के अभियान को मिली थी। यह अभियान मेजर नरेन्द्र जुयाल के नेतृत्व में १९५५ में सफल हुआ था। दार्जिलिंग का हिमालय पर्वतारोहण संस्थान पर्वतारोहण का प्रशिक्षण केन्द्र है। पर्वतारोही पहले ऐसे संस्थान से बेसिक और एडवांस कोर्स करते हैं। २००९ जुलाई माह में हरियाणा के माउंटेनियरिंग एवं एलाइड स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अभियान के सदस्यों ने कामेत शिखर पर विजय की।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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  3. देश की तीसरी सबसे ऊंची चोटी: ‘कामेत पीक’ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। हिन्दुस्तान लाइव। १३ जनवरी २०१०। अविनाश
  4. जॉयदीप सरकार। हिमालयन हैण्डबुक। कोलकाता। १९७९