साँचा:आज का आलेख १० मई २००९
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चन्द्रशेखर वेङ्कट रामन् (तमिल: சந்திரசேகர வெங்கடராமன்) (७ नवंबर, १८८८ - २१ नवंबर, १९७०) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय भौतिक-शास्त्री थे। उनका जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु प्रांत के तिरुचिरापल्ली नामक स्थान में हुआ था। प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिये वर्ष १९३० में उन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर रामन प्रभाव के नाम से जाना जाता है। चन्द्रशेखर वेङ्कट रामन् की प्रारम्भिक शिक्षा वाल्टीयर में हुई। १२ वर्ष की अवस्था में प्रवेशिका परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने भौतिकी में स्नातक और एमए की डिग्री मद्रास (अब चेन्नई) के प्रेसीडेंसी कालेज से पूरी की। इस कालेज में उन्होंने १९०२ में दाखिला लिया और १९०४ में पूरे विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। विस्तार से पढ़ें