कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों
गुरबख्श सिंह ढिल्लों | |
---|---|
१९४० के दशक में गुरबख्श सिंह ढिल्लों | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
देहांत | साँचा:br separated entries |
निष्ठा |
ब्रितानी भारत (1940 – 1942) आजाद हिन्द (1942 – 1945) |
युद्ध/झड़पें | मलाया अभियान |
कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों (जन्म- 18 मार्च, 1914; मृत्यु- 6 फ़रवरी, 2006) आज़ाद हिन्द फ़ौज के अधिकारी थे।
इन्हें सिंगापुर में युद्धबंदी बना लिया गया था। बाद में ब्रिटिश सेना ने उन पर कोर्ट मार्शल की कार्यवाई की थी। कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों और मेजर जनरल शाह नवाज ख़ान को क्रमश: मलाया, सिंगापुर और बर्मा में युद्धबंदी बना लिया गया था। ब्रिटिश सम्राट के विरुद्ध युद्ध करने का आरोप लगाकर प्रेम सहगल, गुरबख्श सिंह और शाह नवाज ख़ान पर मुक़दमा चलाया गया और ब्रिटिश सेना ने कोर्ट मार्शल की कार्यवाई की। इन तीनों पर देशद्रोह और प्रताड़ना और यहां तक की हत्या के आरोप लगाये गये थे। सर तेज बहादुर सप्रू के नेतृत्व में कई वकील बचाव पक्ष का हिस्सा थे। उक्त कोर्ट मार्शल पर आधारित एक फ़िल्म 'रागदेश' का भी निर्माण हुआ। इस फ़िल्म का निर्माण तिग्मांशू धूलिया ने किया था। इस पीरियड फ़िल्म में कुनाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवाह मुख्य भूमिकाओं में हैं। अभिनेताओं ने अपनी-अपनी भूमिकाएँ निभाने के लिए आईएनए अधिकारियों के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की थी। कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों को सन 1998 में भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया।
उन्हें सन १९९८ में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।