मुक्त व्यापार

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मुक्त व्यापार का सर्वप्रथम अभिलेखाकरण एडम स्मिथ द्वारा १७७६ में लिखी अपनी उत्कृष्ट पुस्तक 'द वेल्थ ऑफ़ नेशन्स' में किया गया है। उन्होंने ये तर्क दिया है की यदि श्रम का विभाजन कर दिया जाए तो इससे प्रत्येक श्रम में लगे व्यक्तियों को अपने-अपने कार्यों में विशेषज्ञता प्राप्त हो सकती है जिससे सभी को अधिक लाभ होगा और ऐसा किसी भी और ढंग से संभव नहीं है।

केयरनेस के अनुसार यदि राष्ट्र केवल व्यापार में लाभ प्राप्त करने के लिए भरते हैं तो व्यापार उनकी स्वतंत्र क्रियाओं में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप उन्हें उस लाभ से वंचित कर देने के रूप में ही प्रभावी होगा।

बेस्टबिल के अनुसार मुक्त व्यापार का व्यावहारिक नियम है कि इस पर यह सभी प्रकार के कृत्रिम प्रतिबंध उठा लिए जाएं या इसे बढ़ाने के उपाय उठा लिए जाएं या किसी उद्योग विशेष को कोई प्रोत्साहन देना बंद कर दिया जाए या राजस्व प्राप्त करने के लिए प्रशासन को कॉल लगाया जाए या किसी अन्य उद्देश्यों से आया सड़कों के समकक्ष उत्पादन शुल्क लगाना बंद कर दिया जाए विदेशी व्यापार सिद्धांत से लिया हुआ है।