सहाबा
सहाबा या अस-सहाब (अरबी: الصحابة, अंग्रेज़ी: As Sahabah) इस्लाम की सर्वोच्च धार्मिक हस्ती पैग़म्बर मुहम्मद के साथियों, शिष्यों, लेखकों और परिवारजनों का नाम है जिन्होनें उनके जीवनकाल में उनका साथ दिया। अरबी भाषा में 'साहब' का अर्थ 'साथी' या 'सहयोगी' होता है और इसका बहुवचन शब्द 'सहाबा' है।
सहाबा का इस्लामी व्यवस्था में महत्व
आमतौर पर सहबा की संख्या लगभग १,५०,००० व्यक्तियों की बताई जाती हैसाँचा:ifsubst जब पैगम्बर हज़रत मुहम्मद ने अपना आखरी खुतबा (सन्देश) दिया था उनकी अपनी जीवनियों और मुहम्मद साहब के जीवन और कथनों के बारे में उनके द्वारा दिए गए बयानों को इस्लामी क़ानून ('शरिया'), जीवन-रीति व परम्परा ('सुन्नाह') और न्याय-दर्शन ('फ़िक़्ह') के विकास में भारी महत्व दिया गया।[१] पैग़म्बर ने अपने जीवन में क्या कहा और किया उसकी मान्यताओं को 'हदीस' (अरबी लहजे में 'हदीथ़') कहा जाता है और यह भी सहाबा के बयानों पर निर्भर है। शिया और सुन्नी समुदायों में सहाबा के अलग-अलग सदस्यों के कथनों को अलग भार दिया गया है, जिस से उनकी क़ानूनी सोच और परम्परा में भी गहरे अंतर आ गए हैं।[२]
परिभाषा
अलग-अलग मुस्लिम विद्वान 'सहबा' की परिभाषा अलग रूप से करते हैं। कुछ के अनुसार जिसने भी मुहम्मद साहब को स्वयं देखा, उनमें विशवास किया और अपने मरण तक इस्लाम धर्म अपनाया वह सहबा की श्रेणी में आता है। अन्य लेखकों के अनुसार इन सब लोगों को सहबा नहीं माना जाना चाहिए और केवल उन्हीं को सहबा कहा जाना चाहिए जो वास्तव में मुहम्मद साहब के साथ रहे और जिन्होनें धर्म-प्रचार में और युद्धों में उनका साथ दिया। किसे सहाबा समझा जाए और किसे नहीं, इस प्रशन की इस्लामी परम्परा में भारी अहमियत है क्योंकि हदीस, शरिया, सुन्नाह और फ़िक़्ह सभी पर इस परिभाषा का असर पड़ता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
Wikiquote has quotations related to सहाबा. |
- सहाबा: पैग़म्बर के अनुयायी
- Male Companions of the Prophet
- The Companions of the Prophet as seen by the Shi’a and the Sunnis
- Sermons of the Commander of the Faithful, Imam Ali b. Abi Talib, from Nahj al-Balaghah
- ↑ Damascus after the Muslim Conquest: Text and Image in Early Islam, Nancy Khalek, pp. 156, Oxford University Press, 2011, ISBN 978-0-19-973651-5, ... Biographies of the sahaba were essential for the assumption and confirmation of political and social power in the medieval Islamic world. Al-Khawlani's Tarikh Darayya is a prime example of a compiler invoking the memory of the sahaba ...
- ↑ Mary and Jesus in Islam, Yasin T. Al-Jibouri, pp. 471, AuthorHouse, 2011, ISBN 978-1-4685-2322-5, ... Shi'ite Muslims differ from their Sunni brothers when it comes to these Sahaba: Sunni Muslims believe that all the Sahaba were great, as great as the stars in the heaven shining on earth, and whoever follows any of them, he is rightly guided ... Shi'is say that not all of those Sahaba were good folks, that many of them were interest seekers ...