साँचा:आज का आलेख ६ फरवरी २००९
imported>Munita Prasad द्वारा परिवर्तित १७:४०, ७ फ़रवरी २००९ का अवतरण ("साँचा:आज का आलेख ६ फरवरी २००९" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
सिनकोना, एक सदाबहार वृक्ष है। यह बहुवर्षिय वृक्ष सपुष्पक एवं द्विबीजपत्री होता है। इसके पत्ते लालिमायुक्त तथा चौड़े होते हैं जिनके अग्र भाग नुकीले होते हैं। शाखा-प्रशाखाओं में असंख्य मंजरी मिलती है। इसकी छाल कढ़वी होती है। इस वंश में ६५ जातियाँ हैं। सिनकोना का पौधा नम-गर्म जलवायु में उगता है। उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्र जहां तापमान ६५°-७५° फारेनहाइट तथा वर्षा २५०-३२५ से.मी. तक होती है सिनकोना के पौधों के लिये उपयुक्त है। भूमि में जल जमा नहीं होना चाहिए तथा मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ अधिक होने चाहीए। मिट्टी अम्लीय तथा नाइट्रोजन का स्तर ८% से अधिक उपयुक्त है। पौधें के लिये पाला तथा तेज हवा हानिकारक है। भारत में दार्जिलिंग आदि ठंडी जगहों पर इसके पौघे देखने को मिलते हैं। यूरोपीय वैज्ञानिकों को इसका पता सबसे पहले एंडीज़ पहाड़ियों में १६३० के आसपास लगा। विस्तार से पढ़ें...