इसराइल-फिलिस्तीन संघर्ष २००९

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित ०२:२५, १६ जून २०२० का अवतरण (Rescuing 1 sources and tagging 1 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

[१] पश्चिम एशिया का आसमान फ़िर से राकेटों और बारूद की गंध से भर गया है।. इस्राइल ने फिलिस्तीन के विद्रोही गुट हमास पर हमला कर पिछले छह महीनो से शांत इस इलाके में युद्ध की चिंगारिया भड़का दी हैं।.. हमास फिलिस्तीन का चरमपंथी गुट है जो छह महीने पहले फिलिस्तीन की सरकार से अलग होने के बाद से सबसे संवेदनशील गाजा इलाके पर कब्जा किए हुए है। इस गुट ने फिलिस्तीन के सत्ताधारी फतह गुट को गाजा इलाके से खदेड़ दिया और कब्जा कर लिया। हमास को दुनिया में एक आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है तो इस्राइल की छवि भी एक युद्ध राष्ट्र की ही है।

अराफात के मौत के बाद

दरअसल अपने गठन के बाद से ही इस्राइल ने फिलिस्तीन पैर अपने अधिकार को ले कर युद्ध का रास्ता अपनाया पर उस समय यासिर अराफात के नेतृत्व में फिलिस्तीन ने दुनिया भर में अपने प्रति संवेदना बना ली थी और अरब राष्ट्रों के साथ इस्राइल के युद्ध में भारत ने फिलिस्तीन का ही साथ दिया था। .पर १९९० के बाद भारत की इस्राइल निति में भी परिवर्तन आया तो उसने इस्राइल का साथ देना शुरू कर दिया। सोवियत रूस के विघटन के बाद तो अमेरिकी सरपरस्ती में इस्राइल ने फिलिस्तीनी इलाकों पर नियंत्रण का अभियान पुरे जोर शोर से शुरू कर दिया नतीजतन फिलिस्तीन के चरमपंथी गुटों से उसकी लगातार मुठभेड़ होने लगी। इस बीच फिलिस्तीन भी अराफात के मौत के बाद दो गुटों में बाँट गया और हमास और फतह के बीच मतभेद जगजाहिर होने लगे। ..

आपसी संघर्ष के बाद दोनों गुटों में समझौता हुआ और साझा सरकार का गठन हुआ पर ये रिश्ता नही चल पाया और हमास ने विद्रोह कर के गाजा शहर और उसके साथ के इलाकों पर कब्जा कर लिया फतह की सेनाएं मैदान छोड़ कर भाग खड़ी हुईं। तब से आज ताकिस्राइल और हमास के बीच लडाई जारी है।

हमलो की ताज़ा दास्ताँ

हमलो की ताज़ा दास्ताँ 27 दिसम्बर को शुरू हुई जब हमास के खिलाफ गाजा सिटी में इजरायल के हमले और भीषण हो गए जबकि इजरायल सरकार ने लोगों के मारे जाने पर हमले रोकने के अपीलों को टाल दिया। इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी संघर्ष विराम की नई अपील का नेतृत्व कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इजरायली हमलों में कम से कम 555 फलस्तीनी मारे गए हैं। इजरायली मंत्रियों ने जोर दिया है कि चरमपंथियों के राकेट हमलों को रोकने के लिए उनके हमले जारी रहेंगे। स्थानीय निवासियों ने कहा कि हेलीकाप्टरों से भीषण हमले किए गए। साथ ही इजरायली टैंक गोले बरसाते हुए पूर्वी गाजा सिटी के सेजैया जिले में प्रवेश कर गए। इजरायली लड़ाकू विमानों ने सिटी सेंटर स्थित परित्यक्त हमास सुरक्षा परिसर को हमले में नष्ट कर दिया है। हमास ने दावा किया की सैजेया जिले में उसने सात टैंकों पर मिसाइल हमले किए हैं और 10 इजरायली सैनिकों को मार गिराया है।

अरबी समाचार चैनल अल-अरबिया और अल-जजीरा ने बताया कि हमलो में कई इजरायली सैनिक मारे गए हैं और लगभग 30 घायल हुए हैं। इजरायली सेना ने भीषण संषर्ष की पुष्टि की है लेकिन हताहतों की संख्या के संबंध में कोई बयान नहीं जारी किया है। चिकित्सकों का कहना है कि 13 बच्चों सहित 60 शवों को दो जनवरी को अस्पताल लाया गया। आपातकालीन सेवाओं का कहना है कि 27 दिसम्बर से जारी हवाई हमलों में कम से कम एक सौ बच्चे मारे गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय रेड क्रास ने कहा कि 27 सौ से भी अधिक घायल हुए हैं और लोग मर रहे हैं, क्योंकि एंबुलेंस सेवाएं उन तक नहीं पहुंच पा रही हैं। इजरायल ने अपना सैन्य अभियान आपरेशन कास्ट लीड और तेज कर दिया है। इस बीच इजरायली विदेश मंत्री जिपी लिवनी ने यूरोप की ओर से तुरंत संघर्ष विराम की मांग को खारिज कर दिया।

बराक ओबामा की भूमिका

इजरायल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 15 दिनों से चल रही कार्रवाई में लगभग 500 से भी ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। पूरी दुनिया की नजरें अब इस मामले में अमेरिका के अगले कदम पर लगी हैं। मुख्‍य रूप से यह देखा जा रहा है कि निर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा की इस मुद्दे पर क्‍या भूमिका होगी। हालांकि ओबामा राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेने तक इस मुद्दे पर कोई टिप्‍पणी नहीं करने की घोषणा की है।। यदि चुनाव प्रचार के दौरान के दिए गए उनके भाषण को याद किया जाए तो उन्‍होंने कहा था कि हमास के रॉकेट हमलों के जवाब में इजरायल को जरुरी कार्रवाई करने का पूरा हक है।

इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष पिछले कई दशकों से अमेरिका की विदेश नीति का एक अहम हिस्सा रहा है। चाहे जिमी कार्टर द्वारा करवाया गया इजरायल इजिप्‍ट समझौता हो या फिर बिल क्लिंटन के न्यौते पर एहुद बराक और यासर अराफात के बीच हुआ कैंप डेविड समझौता। अमेरिका का यही प्रयास रहा है कि इजरायल और फिलिस्तीन दोनों अच्छे पड़ोसी की तरह रहें। लेकिन साथ ही साथ अमेरिका हमास जैसे कट्टरवादी संगठनों के खिलाफ भी है जो इजरायल पर हमले कर शांति प्रक्रिया में बाधा डालना चाहते हैं।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने इसराइल से अपील की है कि हमास को निशाना बनाने के क्रम में आम नागरिकों को नुक़सान पहुँचाने से बचे। ब्रिटेन और फ्रांस ने भी इसराइल से संयम बरतने की अपील की है, यूरोपीय संघ ने दोनों पक्षों से अनुरोध किया है कि वे हमले बंद कर दें।

बदले की कार्रवाई

इसराइली हमले के बाद हमास ने बदले की कार्रवाई की घोषणा की है, उसने इसराइली हमले के फ़ौरन बाद गज़ा पट्टी से कई रॉकेट दागे हैं, इन हमलों में इसराइली शहर नेटिवेट में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। हमास के विद्रोही रॉकेट छोड़ते हूए हमास के प्रवक्ता फौजी बरहूम ने कहाः हमास ख़ून के आख़िरी क़तरे तक लड़ाई लड़ेगा। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसराइल गज़ा में ज़मीनी सैनिक कार्रवाई भी कर सकता है, इस बीच कई नेताओं ने मध्य-पूर्व की स्थिति पर चिंता प्रकट की है।

हमले के बीच निर्दोषों के मदद की कोशिशें जारी हैं। गाजा पट्टी की मस्जिदों ने लोगों से अपील की कि वे जल्द से जल्द रक्तदान करें ताकि घायलों को बचाया जा सके, मिस्र ने गाज़ा से लगी अपनी सीमा खोल दी और रफ़ा के निकट घायल हुए लोगों को मेडिकल सुविधाएँ उपलब्ध करवाईं। हमलो में सबसे ज्यादा नुक़सान गज़ा शहर में पुलिस परिसर में हुआ, पूरी तरह से तबाह हो गए पुलिस परिसर में गज़ा पुलिस के प्रमुख तौफ़ीक़ जब्बार भी मारे गए हैं। गज़ा से सामने आने वाली तस्वीरें काफ़ी भयावह हैं, चारों तरफ़ अफ़रा-तफ़री, तबाही और भय का वातावरण दिखाई दे रहा है।

हमास के हमलों की क़ीमत इसराइल पूरी ग़ज़ा पट्टी को अपना निशाना बनाकर चुकता कर रहा है। समुद्री, हवाई और ज़मीनी रास्ते से हमले हो रहे हैं। दुनिया के कई देश इन हमलों का विरोध कर रहे हैं, हमास के हमलों की भी निंदा हो रही है पर अंतरराष्ट्रीय दबाव में न तो इसराइल रुका है और न ही हमास ने अपने हमले बंद किए हैं।

खूनी जंग का संदेश लेकर आया नया साल

घटना की शुरुआत 27 दिसम्बर 2008 को हुई जब इसराइल ने हमास को इसराइल पर हुए मिसाइल हमलों के लिए दोषी ठहराते हुए कहा कि अब सब्र का बांध टूट रहा है। मोर्चा खोल दिया गया और इसराइल ने ग़ज़ा में मिसाइलें दागीं। स्थानीय लोगों के अनुसार इसमें क़रीब 225 लोग मारे गए। अगले ही दिन जबलिया में एक मस्जिद में बनाए गए शरणार्थी शिविर पर हुए हवाई हमले में कुछ लोग मारे गए।

रफ़ा में तीन भाइयों की मौत का समाचार आया। खान यूनिस शहर में इस्लामिक जेहाद के चार सदस्य और एक बच्चे की मौत हो गई। दीर-अल-बला में फ़लस्तीनी नागरिक घायल हो गए और कुछ घर और इमारतें नष्ट हो गईं। इस बीच इसराइली लड़ाकू विमानों ने मिस्र और ग़ज़ा को जोड़ने वाली सुरंगों पर हमला किया। इसराइली जल सेना ने ग़ज़ा के बंदरग़ाह और ख़ुफ़िया संस्था की इमारत पर हमला किया।

इस तरह हमले हर दिन बढ़ते रहे और गज़ा शहर में हुए एक हवाई हमले में गृह मंत्रालय और तेल-अल-हवा स्थित इस्लामिक विश्वविद्यालय गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। इस्राइली सेना ने हमास नेता इस्माइल हानिया के घर को निशाना बनाते हुए हमले हुए जिसमें शाती शरणार्थी शिविर को नुकसान पहुँचा। अश्केलो में हुए एक रॉकेट हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ लोग घायल हुए.

31 दिसम्बर 2008 को जब दुनिया नए साल का जश्न मन रही थी तब ग़ज़ा शहर में पूर्व प्रधानमंत्री इस्माइल हानिया के दफ़्तर और हमास की दूसरी इमारतों पर हमला किया गया और इसराइली लड़ाकू विमानों ने मिस्र के साथ वाली सीमा पर स्थित सुरंगों पर हमले जारी रखे। 1 जनवरी 2009 को ग़ज़ा शहर में न्याय मंत्रालय, विधानसभा, नागरिक रक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय की इमारतों के अलावा दो मुद्रा परिवर्तक दफ़्तरों और एक वर्कशॉप पर भी हमला किया गया। जबलिया में हुए एक हवाई हमले में नौ अन्य लोगों समेत एक वरिष्ठ हमास नेता निज़ार रयान की मौत हो गई। 4 जनवरी की देर रात तक ग़ज़ा के काफ़ी अंदर तक इसराइली सैनिक पहुँच चुके थे। ग़ज़ा उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में बंट गया था। दक्षिणी ग़ज़ा की ओर जाने वाले रास्तों को भी इसराइली सेना ने ध्वस्त कर दिया ताकि उस तरफ लोग भागकर न जा सकें.

ताज़ा जानकारियों के मुताबिक इसराइली सेना ने इस क्षेत्र को दो हिस्सों में बाँट दिया है। विश्व समुदाय का दबाव इसराइली पर बेअसर लग रहा है। यूरोपीय संघ के एक उच्चस्तरीय दल और फ्रांस के राष्ट्रपति सार्कोज़ी इसराइल जाने वाले हैं ताकि शांति प्रयासों को बल मिल सके।

मर्यादाएं ताक पर

इस्राइली हमले झेल रहे हमास ने कहा है कि, वह इस्राइली सेना के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा। हमले में भारी संख्या में मारे जा रहे फिलिस्तीनी नागरिकों का हौसला बढ़ाने के लिए हमास के वरिष्ठ राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया ने कहा कि गाज़ा जमीनी हमले कर रही इस्राइली सेना के सामने हथियार नहीं डालेगा। हानिया ने यह भी कहा कि गाज़ा पट्टी पर जमीनी कार्रवाई इस बात का सबूत है कि इस्राइल यहां के बाशिंदों को आत्मसमर्पण के लिए बाध्य करने में नाकाम रहा है। हानिया ने माना कि गाज़ा के लोगों के पास टैंक और दूसरे हथियारों की कमी भले ही हो, लेकिन उनके पास हौसला, इच्छाशक्ति, संयम और विपरीत परिस्थितियों में जीने का माद्दा है।

हमास और इस्राइल के बीच की लड़ाई का अंत चाहे जो निकले पर निर्दोष नागरिक इसका खामियाजा भुगत रहे हैं विश्व समुदायों की चेतावनियों का कोई असर नही हो रहा है और युद्ध के नियम और मर्यादाएं ताक पर रखी जा चुकी है। साथ ही साथ इस्राइल के प्रति अरब देशों का गुस्सा भी बढ़ रहा है। ऐसे में पिछले 50 वर्षो से सुलगती गाज़ा पट्टी पर शान्ति कब आयेगी ये भविष्य के गर्भ में है।

पर ये तो तय है की एशिया के पश्चिमी इलाके की संताने अपाहिज होने को अभिशप्त रहेंगी।

बाहरी कड़ियाँ