अगत्ती

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चारों ओर समुद्र से घिरा अद्भुत द्वीप है लक्षद्वीप। पानी के मध्य स्थित यह द्वीप अपने खूबसूरत बीचों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा ही एक बीच है अगत्ती। यहां आकर ऐसा लगता है मानों किसी दूसरी दुनिया में आ गए हों। दूर तक फैली नीले पानी की चादर, क्षितिज पर रंग विखेरता सूरज, सफेद रत और रंगबिरंगी मछलियां अगत्ती की पहचान हैं। यह एक ऐसा नजारा है जिसे शब्दों में कह पाना मुश्किल है।

अगत्ती बीच पर्यटकों को प्रकृति से रुबरू कराता है। यहां के निवासियों की सादगी हर किसी को अपनी ओर खींचती है। दूर पानी में तैरती हुई नावें और नारियल के पेड़ अलग ही नजारा पेश करते हैं। यहां देखने योग्य अनेक जगह हैं। एक ओर जहां मंत्रमुग्ध करने वाली समुद्री चट्टानें हैं, वहीं दूसरी ओर समंदर के पानी में चलने का एक अलग ही मजा है। यहां एक संग्रहालय भी है जहां से लक्षद्वीप के इतिहास के बार में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

स्थिति:

10°-51’ उत्तर 72°-0’ पूर्व

कोचीन से 459 कि॰मी॰ दूर

आकर्षण

अगर दूर से देखा जाए तो अगत्ती में कुछ खास नजर नहीं आता, लेकिन करीब से देखने पर खासियत का पता चलता है। जमीन और लैगून के बीच में से चलने पर लगता है जैसे मन हल्का हो गया है और कोई परेशानी शेष नहीं रही। नारियल और खजूर के पेड़ों के साए से गुजरते हुए अगत्ती के पूर्वी तट की ओर बढ़ने पर लैगून के खूबसूरत नजार पर्यटकों का स्वागत करते हैं। लैगून का पानी समुद्र में मिलता है। इसका आनंद उठाने के लिए तब आएं जब लहरें नीची हों। ऐसे में इस दृश्य का पूरा आनंद उठाया जा सकता है। विविध आकार व प्रकार की श्वेत प्रवाल और बिखरी हुई सफेद रेत का अपना ही रोमांच है। इस तट के किनार सौंदर्य प्रसाधन के रूप में प्रयोग होने वाले प्यूमाइस स्टोन भी मिलते हैं जो ऐडियों को साफ करने के काम आते हैं।

समंदर के चमकते पानी में रंगबिरंगी मछलियां, जीवित प्रवाल, समुद्री फूल (ये विशेषकर सफेद, लाल और नीले रंग के होते हैं), स्टार फिश और समुद्री ककड़ी पाई जाती है। चट्टानों के आस पास गहरे समुद्र में गोता लगाकर इन लोमहर्षक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। जिन लोगों का तैरना नहीं आता वे निराश न हों। लैगून का पानी इतना गहरा नहीं होता और इसमें आसानी से तैर सकते हैं।

साइकिल की सवारी

अगत्ती की सड़क नारियल और खजूर के पेड़ों के बीच में से होकर जाती है जिसके किनार मछुआरों की छोटी-छोटी दुकानें हैं। यहां के निवासियों की भाषा मलयालम है। इन लोगों का व्यवहार बहुत ही दोस्ताना है और ये लोग पर्यटकों की मदद के लिए सदैव तैयार रहते हैं। मछली पकड़ने के अलावा नारियल जटा से रस्सी बनाकर, सूखी मछली और नारियल बेचकर भी ये अपनी आजीविका प्राप्त करते हैं। साइकिल पर घूमकर यहां के लोगों की जिंदगी को करीब से देखा जा सकता है। रिजॉर्ट भी किराए पर साइकिल उपलब्ध कराते हैं (4 चार घंटे के लिए 60 रू.)।

इस द्वीप के उत्तरी छोर पर गोल्डन जुबली संग्रहालय है। यह लक्षद्वीप में अपनी तरह की एकमात्र जगह है। इस दोमंजिला इमारत में अभी वस्तुओं के संग्रह का काम चल रहा है। वर्तमान समय में यहां एक जगह पारंपरिक मिनिकॉय व्यापारी जहाज के आदर्श प्रतिरूप रखे गए हैं और एक कमर में विभिन्न द्वीपों से लाए गए जार, गमले, कठौती और लकड़ी का सामान प्रदर्शित किया गया है।

अगत्ती की जामा मस्जिद के पास कब्रिस्तान से मिले सोने के दो सिक्के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कहा जाता है कि सुल्तान सुलेमान ने 1560 ई. में इन्हें जारी किया था। संग्रहालय की निचले तल पर भगवान बुद्ध की अर्धप्रतिमाएं रखी गई हैं (9 वीं ईसवी से 12 वीं ईसवी के बीच)। यह मूर्तियां एंड्रोथ द्वीप में मिली थी। यह पूर्व इस्लामिक युग की ओर इशारा करती हैं। यह बहुत ही साधारण संग्रहालय है किंतु इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण कि यह लक्षद्वीप की कला को जानने का एकमात्र स्रोत है।

मोहियुद्दीन मस्जिद

माहियुद्दीन मस्जिद इस द्वीप की प्राचीनतम मस्जिद है। अत: प्राचीन आर्किटेक्चर को देखने के लिए यहां अवश्य जाएं। इसकी स्थापना 16वीं शताब्दी में हुई थी। ताड़ के पेड़ों के बीच खूबसूरत नक्काशीदार गुंबद वाली इस मस्जिद की छटा देखते ही बनती है। यहां के शांत वातावरण में मन को सुकून मिलता है। इसका निमार्ण मालाबार मंदिर की शैली में किया गया है। इसे बनाने के लिए विशेष तौर पर लाल मैंगलोर टाइल्स का प्रयोग किया है। इस मस्जिद की खास बात यह है कि इसमें कोई भी मीनार नहीं है। मस्जिद के सामने वाले कॉर्निस को अरबी नक्काशीदार पत्थरों से सजाया गया है। एक विशाल टैंक और कुआं इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है।

कलपिट्टी द्वीप

अगत्ती के दक्षिण में एक छोटा सा द्वीप कलपिट्टी (पत्थरों का द्वीप) है। एक संकरी नहर है जो इन दोनों द्वीपों को अलग करती है। कलपट्टी से आगे और बंगारम के समीप तिन्नाकरा तथा परली एक और दो स्थित है। यहां कोई रहता नहीं है केवल दो रिजॉर्ट हैं जहां लोग घूमने और लैगून पर तैराकी का आनंद उठाने आते हैं।

जलीय जीवन

किसी भी व्यक्ति के लिए पानी में मछलियों के साथ तैरना एक रोमांचक अनुभव हो सकता है। ऐसे में लैगून्स में गोते लगाना और स्कूबा डाइविंग एक अच्छा विकल्प है। घबराइए नहीं, उम्र इसमें रुकावट नहीं है। आप किसी भी उम्र के हों, इसका भरपूर मजा ले सकते हैं।

लेकिन पानी में उतरने से पहले अपना दिल मजबूत कर लें। सिर्फ इसलिए नहीं कि आप जो उपकरण इस्तेमाल करेंगे वे भारी हैं, बल्कि इसलिए भी कि वहां आपको विपरीत परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है। समुद्र तल पर पहुंच कर अलग ही अहसास होता है जैसे यह कोई और ही दुनिया है। समंदर के 66 फीट नीचे समुद्री कछुए, शार्क और रंगबिरंगे समुद्री फूल और वनस्पति दिखाई देती है। इनके साथ तैरकर व्यक्ति रोमांचित हो जाता है। लेकिन पानी में कोई परेशानी हो तो तुरंत वापस लौट आएं। दमा और दिल के मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है।

हवाई अड्डा

इसका हवाई अड्डा दक्षिणतम छोर पर बना हुआ है। यहां आगमन और प्रस्थान के लिए हॉल की जगह दो झोपड़ियां देखकर आपको आश्चर्य होगा। संभवत: यह विश्व के सबसे छोटे हवाई अड्डों में से एक है। यहां से बाहर निकलते ही लगभग आधा किलोमीटर दूर जाने पर अगत्ती बीच रिजॉर्ट दिखाई देता है। अगत्ती बीच पूर्वी और पश्चिमी दोनों किनारों पर फैला हुआ है। इस द्वीप के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क अगत्ती गांव के पास मिलती है। यहां से करीब एक किलोमीटर दूर एम्बार्केशन जेट्टी है। इस जगह से छोटे जहाज आसानी से मिल जाते हैं जो इस द्वीपों को आपस में जोड़ते हैं। जलवायु: अन्य द्वीपों की अपेक्षा यह द्वीप अधिक गर्म है। व्यवसाय: मछली पकड़ना यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय है। इसके अलावा नारियल से बने उत्पाद भी आजीविका का स्रोत हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं: स्वास्थ्य सुविधाओं को देखें तो यहां योग्‍य डॉक्टर और एक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है।

गम्यता

हवाई यात्रा

कोचीन से अगत्ती के बीच नियमित हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं। कोचीन स्वयं भी देश के अनेक महत्त्वपूर्ण शहरों और कुछ विदेशी शहरों से हवाई मार्ग के जरिए जुड़ा हुआ है। अगत्ती लक्षद्वीप का एकमात्र हवाई अड्डा है। कोचीन से अगत्ती के बीच की दूरी लगभग एक घंटे तीस मिनट की है। लक्षद्वीप में हवाई यात्रा की सुविधा सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध होती है। मानसून के दिनों में अगत्ती से बंगारन हैलिकॉप्टर का भी प्रयोग कर सकते हैं। यह सेवा अगत्ती से करवती तक पूर साल उपलब्ध होती है।

समुद्री यात्रा

पानी के रास्ते यहां पहुंचने के लिए चार यात्री जहाज कोचीन से लक्षद्वीप (एमवी टीपू सुल्तान, एमवी भारत सीमा, एमवी अमीनदीवी और एमवी मिनिकॉय) के बीच चलते हैं। पानी की जहाज का यह सफर 14 से 20 घंटों में पूरा होता है। जहाज में रहने की जगह को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है- दो बर्थ वाली एसी डीलक्स श्रेणी, चार बर्थ वाला प्रथम श्रेणी का एसी केबिन और पर्यटकों का एसी केबिन। एमवी टीपू सुल्तान और एमवी भारत सीमा में जलपान गृह, बार, मनोरंजन स्थल, वीडियो शो की व्यवस्था है। जरुरत पड़ने पर डॉक्टर का भी प्रबंध होता है। एमवी अमीनदीवी और एमवी मिनिकॉय में भी रहने के लिए एसी केबिन उपलब्ध हैं।

इनसे बचें

1. जमीन और पानी में गंदगी न फैलाएं।
2. प्रवाल को न उठाएं। ऐसा करना दंडनीय अपराध है।
3. बंगारम के अतिरिक्त अन्य किसी द्वीप में बिना अनुमति जाना मना है।
4. अपने साथ किसी प्रकार के नशीले पदार्थ न ले जाएं। ऐसे करना दंडनीय अपराध है।
5. निर्वस्त्र तैरना अथवा सन बाथ लेना मना है।
6. खेल प्राधिकरण की अनुमति और सुरक्षा के बिना अपने लैगून से बाहर जाना खतरनाक हो सकता है।
7. नारियल के पेड़ निजी संपत्ति है। बिना अनुमति नारियल तोड़ना चोरी के अंतर्गत आएगा।

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:coord