आधा गाँव

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साँचा:italic title आधा गाँव राही मासूम रज़ा का बहुचर्चित उपन्यास है जो १९६६ में प्रकाशित हुआ। इसके प्रकाशन से राही का नाम उच्चकोटि के उपन्यासकारों में लिया जाने लगा। यह उपन्यास उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर से लगभग ग्यारह मील दूर बसे गांव गंगौली के शिया समाज की कहानी कहता है।

कथानक

राही नें स्वयं अपने इस उपन्यास का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा है कि “यह उपन्यास वास्तव में मेरा एक सफर था। मैं गाजीपुर की तलाश में निकला हूँ लेकिन पहले मैं अपनी गंगौली में ठहरूँगा। अगर गंगौली की हक़ीक़त पकड़ में आ गयी तो मैं गाजीपुर का एपिक लिखने का साहस करूँगा”।[१]

सन्दर्भ

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