भौतिक परिवर्तन
भौतिक परिवर्तन (Physical change) की संकल्पना (कांसेप्ट) रासायनिक परिवर्तन की संकल्पना से भेद (अन्तर) स्पष्ट करने के लिये की गयी है। भौतिक परिवर्तन के अन्तर्गत वे सभी परिवर्तन आते हैं जिनमें पदार्थ की रासायनिक प्रकृति या रासायनिक पहचान में कोई परिवर्तन नहीं होता है, जैसे:- किसी बर्तन पर पानी डालकर निचे से ताप दे तो पानी वाष्प में बदल जाता है अगर उस बर्तन के ऊपर ढक्कन रखें तो वह वाष्प पून: जल में परिवर्तित हो जाती है,यह एक प्रकार का भौतिक परिवर्तन है। इसके विपरीत रासायनिक परिवर्तन होने की दशा में पदार्थ की संरचना बदल जाती है - एक या अधिक पदार्थ मिलकर या टूटकर नये पदार्थ बनाते हैं। उसका गुण और वैशिष्ट्य ही बदल जाता है,जैसे चावल से बात बनना।
कभी कभी रसायनिक परिवर्तन और भौतिक परिवर्तन एक साथ देखे जाते हैं, जैसे- मोमबत्ती को जलाने पर मॉम ठोस अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाती है यह एक रसायनिक परिवर्तन है, लेकिन अगर उस मॉम को किसी बर्तन में डालकर नीचे से ताप दिया जाए तो वह बर्तन में पिघल जाता है और कुछ समय बाद वह पुनः अपने मूल स्वरूप में आ जाता है यह एक भौतिक परिवर्तन है।
कभी-कभी यह कहना कठिन होता है कि परिवर्तन भौतिक है या रासायनिक। उदाहरण के लिये किसी लवण को पानी में घोलने पर उस लवण के रासायनिक बन्ध (केमिकल बॉण्ड) टूट जाते हैं; फिर भी इसे प्रायः भौतिक परिवर्तन ही कहा जाता है। कुछ लोग कहते हैं कि रासायनिक परिवर्तन में परमाणुओं का पुनर्व्यवस्था होती है, किन्तु बहुत से भौतिक परिवर्तनों में भी परमाणुओं की पुनःव्यवस्था देखने को मिलती है। यहाँ तक कि बहुत से रासायनिक परिवर्तन व्युत्क्रमणीय (reversible) नहीं हैं जबकि बहुत से भौतिक परिवर्तन व्युत्क्रमणीय हैं।
भौतिक परिवर्तन के कुछ उदाहरण
- भौतिक अवस्था का परिवर्तन (Change of state) - जैसे जल से बर्फ बनना या जल से वाष्प बनना
- तौलिया में पानी का सूख लेना
- कागज के टुकड़े को फाड़ना
- तांबा को खिइंचकर उससे पतले तार निकालना
- लकड़ी या किसी अन्य चीज को काटनाब्लफ का जलन बन्द होना।
- लोहे का चुम्बक बनना