प्रवेशद्वार:उत्तर प्रदेश /चयनित जीवनी /२००८/जुलाई
गोस्वामी तुलसीदास (१४९७-१६२३; अंग्रेज़ी: Tulsidas) एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर, (वर्तमान बाँदा जिला) उत्तर-प्रदेश मे हुआ था। उनके जीवनकाल मे तुलसीदासजी ने १२ ग्रन्थ लिखे और उन्हे संस्कृत विद्वान् होने के साथ ही हिन्दी भाषा का सर्वश्रेष्ट व प्रसिद्ध कवि माना जाता है। तुलसीदासजी को महर्षि वाल्मीकि का भी अवतार माना जाता है जो मूलभूत आदि काव्य रामायण के रचयिता थे। प्रयाग के पास चित्रकूट जिले में राजापुर नामक एक ग्राम है, वहाँ आत्माराम दुबे नामके एक प्रतिष्ठित सरयूपारीण ब्राह्मण रहते थे। उनकी धर्मपत्नी का नाम हुलसी था। संवत १५५४ की श्रावण शुक्ला सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में इन्हीं भाग्यवान् दम्पति के यहाँ बारह महीने तक गर्भ में रहने के पश्चात् गोस्वामी जी का जन्म हुआ ।
संवत् १६०७ की मौनी अमावस्या बुधवारके दिन उनके सामने भगवान् श्रीराम प्रकट हुए। हनुमानजी ने उन्हें विनय के पद रचनेको कहा, इसपर गोस्वामीजी ने विनय-पत्रिका लिखी और भगवानके चरणोंमें उसे समर्पित कर दी। संवत् १६८० मे श्रावण कृष्ण तृतीया शनिवार को गोस्वामीजी ने राम-राम कहते हुए अपना शरीर परित्याग किया।