शंकर पुण्तांबेकर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Hindustanilanguage द्वारा परिवर्तित १२:३३, १३ नवम्बर २०२० का अवतरण (HotCat द्वारा श्रेणी:लघुकथा लेखक जोड़ी)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

शंकर पुण्तांबेकर एक हिन्दी साहित्यकार का नाम है। उनके उल्लेखनीय कार्यों में जहाँ देवता मरते हैं शामिल है। इसे वाणी प्रकाशन ने २०१४ में पहली बार छापा था[१]

जीवन परिचय

शंकर पुणतांबेकर अपने समय के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार रहे हैं। मराठी और हिन्दी, दोनों भाषाओं के साहित्य पर उनकी पकड़ गहरी रही है। खासकर व्यंग्य की विधा में उनका लेखन अतुलनीय माना जाता है। उनकी लघुकथाओं में भी कई बार व्यंग्य की धारा देखने को मिल जाती है। इन्हीं शंकर पुणतांबेकर की लिखी एक लघुकथा है ‘आम आदमी’ रही है जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को दिखाती है[२]

सन्दर्भ