प्रत्यक्षा

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हिन्दी कवि और लेखक

प्रत्यक्षा लिखती हैं , संगीत और लिबरल आर्ट में रूचि रखती हैं , इतिहास और समय के रहस्य में मनुष्य़ के अस्तित्व का सन्दर्भ खोजती हैं . हरेक महादेश में एक बार घूम लेना , हर समन्दर के पानी को छू लेने की ख्वाहिश रखती हैं , इन जगहों के लोगों से मिल लेना , उनका खाना चख लेना , उनकी भाषा सीख लेना , माने ये कि इस एक जीवन में अनेक जीवन जी लेने की तमन्ना रखती हैं .


किताबें जो लिखीं अब तक :


जंगल का जादू तिल तिल (भारतीय ज्ञानपीठ)

पहर दोपहर ठुमरी (हार्पर कॉलिंस )

एक दिन मराकेश (आधार)

तुम मिलो दोबारा (जगर्नॉट)

तैमूर् तुम्हारा घोडा किधर है (आधार)

बारिशगर (आधार )

Rain Song ( Harper Collin)

Meet me tomorrow (Juggernaut)

अंथॉलॉजी जिनमें कहानियाँ सम्मिलित हैं

Her piece of sky ( Zuban)

1984 In memory and imagination (Amaryllis)

Sangam House Reader, Other Windows

In Your Shoes ( Bokvennin , Norway )

She stoops to Kill (Speaking Tiger)


अंग्रेज़ी में कवितायें Pyrta, कृत्या  और Everyday Poets में प्रकाशित. २०१३ में रेड्लीफ पोएट्री अवार्ड के लिये तीन कवितायें लॉन्ग लिस्ट में शामिल और उनके ऐंथॉलॉजी , “द अंसेटल्ड विंटर “ में सम्मिलित .

कुछ पेंटिंग्स द फोर क़्वाटर्स मैगज़ीन , हंस और कृत्या में प्रकाशित


२०१२ में इंडो नॉर्वेजियन पुरस्कार से अंग्रेज़ी कहानी , दैट आई बी अ गैनेट , सम्मानित ,

नॉरवे के अंतराष्ट्रीय लिटरेचर फेस्टीवल बियोर्नसन फेस्टीवालेन में भी २०१४ में सहभागिता

२०११ में सोनभद्र कथा सम्मान

२०१२ में ईंडो नारवेजियन पुरस्कार

२०१३ में कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप

२०१५ में संगम हाउस रेसिडेंसी की फेलो रहीं

२०१८ में हंस कथा सम्मान  


रिहाईश गुड़गाँव में

पावरग्रिड में महाप्रबंधक वित्त की हैसियत से कार्यरत


ब्लॉग पता www.pratyaksha.blogspot.com